RSS के 98वें स्थापना दिवस पर शहर में तीन स्थानों से निकले पथ संचलन, नन्हें स्वयंसेवकों ने भी दंड थामकर की कदमताल, पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत

विजया दशमी को आरएसएस ने 98वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर बड़े और नन्हे स्वयंसेवकों ने कदमताल की।

RSS के 98वें स्थापना दिवस पर शहर में तीन स्थानों से निकले पथ संचलन, नन्हें स्वयंसेवकों ने भी दंड थामकर की कदमताल, पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत
आरएसएस के 98वें स्थापना दिवस पर रतलाम में निकले पथ संचलन।

रतलाम शहर में तीन स्थानों से निकले राजमहल बस्ती में आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी ने किया संबोधित 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 98वें स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार को नगर में पथ संचलन निकाला। इसमें सैकड़ों स्वयंसेवक शामिल हुए। पथ संचलन में नन्हें स्वयं सेवकों ने भी दंड थाम कर कदमताल की। जगह-जगह सभी स्वयं सेवकों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। 

संचलन की शुरुआत में पद्धति अनुसार ध्वज प्रणाम, प्रार्थना, गीत व बौद्धिक हुआ। इसके बाद स्वयंसेवक घोष की धुन पर कदमताल करते हुए एक साथ निकले। नगर में पथ संचलन अलग - अलग तीन स्थानों से निकाला गया। सुबह गुरु गोविंदसिंह बस्ती का मेहंदीकुई बालाजी और राजमहल बस्ती का महलवाड़ा से संचलन निकला। इसके बाद शाम 4 बजे शिशु संचलन कसारा बाजार से निकला। तीनों संचलन विभिन्न मार्गों से होकर पुनः उसी स्थान पर समाप्त हुए। मीडिया संवाद प्रमुख जयदीप गुर्जर ने बताया कि नगर में कुल 50 संचलन निकाले जाएंगे। इसमें अलग-अलग 41 बस्ती व बाल-शिशु संचलन शामिल है। इसके अलावा ग्रामीण में खंड व उपखंड स्तर पर भी 50 से अधिक संचलन निकाले जाएंगे।

‘देश में आपत्ति आती है तो समय से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खड़ा नजर आता है’

राजमहल बस्ती में मुख्य अतिथि जैन संत आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। संत ने कहा की भारत देश में कहीं भी कोई आपत्ति आती हो, उस समय सबसे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खड़ा नजर आता है। भूकंप, बाढ़ जैसी भयानक आपदाओं में सबसे पहले पहुंचने वाला व्यक्ति संघ का स्वयंसेवक होता है। तीन प्रकार की संस्थाएं होती है। पहली आई कार्ड जो कि अपनी पहचान बनाती है, इनके काम में नहीं केवल नाम में रस होता है। दूसरी सिम कार्ड जैसी होती है, यहां जब तक व्यक्ति का काम होता है उसका उपयोग कर लिया जाता है उसके बाद सिम कार्ड को निकालते है वैसे व्यक्ति को अलग कर दिया जाता है। तीसरे नम्बर की संस्थाएं एटीएम कार्ड की तरह होती हैं, जो जरूरत पर बगैर बुलाए और सोचे-समझे नि:स्वार्थ भाव से पहुंच जाती हैं। संघ ना आई कार्ड है और ना सिम कार्ड, यह देश का एटीएम कार्ड है। हर व्यक्ति में राष्ट्र प्रेम होना जरूरी है। आचार्य श्री के संबोधन के बाद नगर सह कार्यवाह किशन माहेश्वरी ने संघ की स्थापना के विषय पर अपना बौद्धिक दिया। 

नन्हें शिशुओं का निकला संचलन

नगर में 10 वर्ष की उम्र से कम शिशुओं का संचलन भी निकाला गया। जिसमें नन्हे-नन्हे स्वयंसेवक अपने माता-पिता के साथ उपस्थित हुए। नन्हे स्वयंसेवक कदमताल करते जब नगर की सड़कों पर निकले तब हर किसी की नजर उन पर बनी रही। रास्तेभर लोग नन्हे स्वयंसेवकों को देखने व उनके स्वागत के लिए रुके। शिशुओं का संचलन माहेश्वरी धर्मशाला कसारा बाजार से शुरू हुआ जो कि चांदनी चौक और चौमुखीपुल से पुनः कसारा बाजार आकर समाप्त हुआ। नगर में चार उपनगर में बाल संचलन  निकाले जाएंगे। ये अलग-अलग स्थानों से निकलेंगे। इनमें 10 से 16 वर्ष तक के स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे।