‘चंद्र के ललाट पर तिलक हिंद माटी का हो गया, हर हिंदुस्तानी का सीना गर्व से भर गया…’
चंद्रयान 3 की सफलता पर शिक्षक एवं करियर मार्गदर्शक द्वारा लिखी गई त्वरित कविता पढ़िए और इस सफलता पर गर्वोक्ति का अहसास कीजिए।
चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग पर त्वरित रचना
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । चंद्रयान 3 की सफलता को लेकर सभी काफी उत्साहित हैं। कहीं आतिशबाजी हो रही है तो कहीं मिठाई बांटी जा रही है। चंद्रयान 3 के चांद की लैंडिंग को लेकर तरह तरह के कथानक बन रहे हैं, कोई मीम बना रहा तो कोई कविता रच रहा है। ऐसी ही एक त्वरित कविता शिक्षक एवं कैरियर मार्गदर्शक डॉ. रवीन्द्र उपाध्याय ने लिखी है।
त्वरित कविता
इसरो का चंद्रयान-3 चंद्र पर उतर गया, हर हिंदुस्तानी का सीना गर्व से भर गया।
सितारों के बीच चांद को कर लिया मुट्ठी में, जय हिंद का नारा फिर से बुलंद कर दिया।।
देखते रह गए रूस अमेरिका चाइना सब, नासा भी चंद्रयान को सिर्फ निहारता रह गया।
चंद्र के ललाट पर तिलक हिंद माटी का हो गया, करवा चौथ का मोदक भोग चंद्रमा पर चढ़ गया।।
दिखा दिया आज हिंदुस्तान ने कि हम किसी से कम नहीं, हमको आगे बढ़ने से कोई रोक सके इतना किसी में दम नहीं।
चंद्रमा के भाल पर हिंदुस्तान का परचम फहर गया, फिर आज हर भारतवासी का मस्तक गर्व से तन गया।।
ये बदलता भारत है साहब, यहां जय जवान जय किसान और जय विज्ञान का अब बुलंद नारा है, सुन लो दुनिया वालों अब आने वाला हर कल हमारा है।।
अभिनंदन है उन प्रज्ञावन वैज्ञानिकों का, जिन्होंने तिरंगे की चमक को चांद पर बिखेर दिया।
राष्ट्र चिन्ह की अमिट आकृति को चंद्र पर उकेर दिया और विश्व पटल के पन्नों पर इतिहास आज रच दिया।।
जय हिंद ! जय विज्ञान !
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डॉ. रवीन्द्र उपाध्याय
शिक्षक एवं करियर मार्गदर्शक एवं विकासखंड समन्वयक (नवभारत साक्षरता कार्यक्रम)
मोबाइल नं. 9425990741