रतलाम मंडल के 53वें मंडल रेल प्रबंधक के रूप में रजनीश कुमार ने पदभार ग्रहण किया
रतलाम रेल मंडल के 53वें डीआरएम के रूप में रजनीश कुमार ने पदभार ग्रहण कर लिया। उन्हें प्रभार स्थानांतरित डीआरएम विनीत कुमार गुप्ता ने सौंपा।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम मंडल के 53वें डीआरएम के रूप में रजनीश कुमार ने बुधवार को पदभार ग्रहण किया।। रजनीश भारतीय रेलवे सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियरिंग सेवा के 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने स्थानांतरित डीआरएम विनीत कुमार गुप्ता ने प्रभार सौंपा। इससे पहले रजनीश कुमार गोरखपुर, वाराणसी तथा लखनऊ मंडल सहित रेलवे के विभिन्न विभागों में सेवाएं दे चुके हैं।
नवागत डीआरएम रजनीश कुमार ने वर्ष 1989 में अलिगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। रेल सेवा में आने से पूर्व वे आई.आई.टी दिल्ली में वरिष्ठ रिसर्च एसोसिएट के रूप में कर्य कर चुके हैं। सिगनल एवं टेलिकॉम क्षेत्र में मरम्मत एवं निर्माण का काम करने का लंबा अनुभव है। उन्होंने पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक मंडल संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर, वरिष्ठ मंडल संकेत एवं दूर संचार इंजीनियर, उपमुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर के रूप में गोरखपुर, वाराणसी एवं लखनऊ मंडल तथा निर्माण विभाग में सेवाएं दे चुके हैं।
रजनीश ने मथुरा-कासगंज एवं बाराबंकी-गोंडा रेलखंड की दोहरीकरण तथा लखनऊ, गोंडा, कासगंज यार्ड की रिमॉडलिंग में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नॉर्थ इस्ट फ्रंटियर रेलवे के कठिनतम लामडिंग-तीनसुकिया रेल खंड के आमान परिवर्तन कार्य को पूरा करने के लिए इन्हें स्पेशल असाइनमेंट के रूप में भेजा गया था। वर्ष 2011 से 2016 तक अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) में निदेशक / सिगनल के रूप में कार्य करते हुए सिगनलिंग उपकरणों की विश्वासनीयता में बढ़ोतरी के साथ ही साथ एलईडी सिगनल, ट्राई कलर एलईडी हैंड सिगनल लैंप, एलईडी टेल लैंप इत्यादि के विकास में योगदान दिया। इसके अतिरिक्त आपने आरडीएसओ के संकेत एवं दूरसंचार निदेशालय में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य करते हुए उपकरणों के गुणवत्ता में सुधार, शीघ्रता के साथ वेंडल अप्रूवल तथा कार्य में पदर्शिता लाने के क्षेत्र में भी सुधार किया गया।
रजनीश कुमार 2019 से मुख्य सिगनल एवं संकेत इंजीनियर/योजना के रूप में उत्तर रेलवे में कार्यरत थे। यहां विभिन्न बड़े एवं महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जैसे कवच, ऑटोमैटिक सिग्नलिंग, सीटीसी सिस्टम सहित उत्तर रेलवे के आधुनिकीकरण की योजनाओं पर कार्य किया।