50 से अधिक अधिकारियों व 800 रेलकर्मियों ने 33 घंटे बिना ब्रेक लिए किया काम तब जाकर शुरू हो सका दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर यातायात
रतलाम रेल मंडल में रविवार देर रात हुए रेल हादसे के कारण अवरुद्ध हुआ दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर रेल यातायात मंगलवार दोपहर 3 बजे पूरी तरह बहाल हो सका। 50 से अधिक बड़े-छोटे अधिकारियों और 800 कर्मचारियों की 33 घंटे की मशक्कत के बाद स्थिति सामान्य हो सकी।
रविवार रात 12.48 बजे रतलाम मंडल के मंगलमहूड़ी-लिमखेड़ा रेलखंड पर मालगाड़ी के 16 वैगन हुए थे बेपटरी
हादसे के कारण रेलवे ट्रैक और ओएचई क्षतिग्रस्त होने से 59 ट्रेनों के रूट बदले, 43 निरस्त की, 4 हुईं रिशेड्यूल
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर रतलाम रेल मंडल के मंगलमहूड़ी-लिमखेड़ा रेलखंड पर हुए भीषण रेल हादसे के कारण बाधित हुआ रेल यातायात मंगलवार दोपहर सुचारु हो सका। इसके लिए 50 से अधिक अधिकारियों और करीब 800 रेलकर्मियों ने बिना ब्रेक के 33 घंटे तक काम करना पड़ा। इस दौरान पूरे समय डीआरएम विनीत कुमार गुप्ता म़ॉनिटरिंग कर रहे थे। हादसे के कारण 59 ट्रेनों को बदले रूट पर चलाना पड़ा जबकि 43 को निरस्त किया गया और 1 ट्रेन रिशेड्यूल की गई। इस तरह 100 से ज्यादा ट्रेनों ट्रेनें प्रभावित हुईं।
दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के रतलाम-वडोदरा रेलखंड पर बाधित हुआ रेल यातायात मंगलवार दोपहर पूर्व शुरू हो गया। यह रतलाम रेल मंडल के मंगलमहूड़ी और लिमखेड़ा के बीच एक मालगाड़ी के 16 कोच पटरी से उतर जाने से रविवार देर रात बाधित हो गया था। हादसे की सूचना मिलते ही रेल प्रशासन हरकत में आया और हूटर बज उठे। अधिकारी और कर्मचारी राहत ट्रेन से घटना स्थल की ओर रवाना हुए। एक्सीडेंटल रिलीफ ट्रेन, इलेक्ट्रिक विभाग, कैरिज एंड वैगन विभाग के अमला मौके पर पहुंच गए।
बेपटरी हुए वैगन एक-दूसरे पर चढ़कर ऐसे गुत्थमगुत्था हो गए थे कि यह समझ ही नहीं आ रहा था कि काम कहां से शुरू करें। डीआरएम विनीत गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों की मॉनीटरिंग में सबसे पहले दो हैवी क्रेन की मदद से वैगनों को रेलवे ट्रैक से एक तरफ हटाने का काम शुरू हुआ। सभी वैगन हटाने के बाद शुरू हुआ ट्रैक और टूटी ओएचई लाइन को दुरुस्त करने का काम।
बिना ब्रेक लिए दिन-रात किया काम
डीआरएम गुप्ता ने एसीएन टाइम्स को बताया कि इंजीनियरिंग सहित सभी विभागों के अमले ने तत्परता और सूझ-बूझ से काम किया। 33 घंटे तक बिना ब्रेक लिए तकरीबन 800 अधिकारियों-कर्मचारियों ने काम किया। बारिश और दिन-रात की भी इस दौरान उन्होंने परवाह नहीं की। इसके चलते रविवार रात करीब 2.30 बजे बाद शुरू हुआ राहत कार्य सोमवार को सुबह नौ बजे बाद पूर्ण हुआ। डीआरएम गुप्ता के अनुसार वैगन हटाने के लिए दो क्रेन की मदद लेना पड़ी। अधिकारियों द्वारा ट्रैक का निरीक्षण करने और ओके रिपोर्ट दिए जाने के बाद धीमी गति से ट्रेन गुजारी गई।
काफी भयावह था हादसा, कारण जानने के लिए हो रही जांच
हादसे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मालगाड़ी के वैगन एक-दूसरे पर चढ़ गए। सभी वैगनों के व्हील और एक्सल निकल कर ढेर में तब्दील हो गए। पटरी भी कई जगह से कट गई और स्लीपर चकनाचूर हो गए। फिश प्लेट और लीवर कच्चे धाके की तरह टूट गए। नट-बोल्ट टूट कर कई फीट दूर तक जा पहुंचे। वैगन पोल से टकराने के कारण ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिक) लाइन भी टूट गई जिससे बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई थी।
मुस्तैदी से जुटा रहा रेलवे का कंट्रोल रूम
हादसा होते ही रेलवे का हूटर बज गय था। हूटर बजने का रेलवे का एक सिस्टम है जिसमें अलग-अलग आवृत्तियों से हादसे का प्रकार और भयावहता का पता चलता है। इसके साथ ही रेलवे का कंट्रोल विभाग भी सक्रिय हो जाता है जिसका काम हादसे वाले रूट पर चल रही ट्रेनों को सुरक्षित निकालने का जिम्मा रहता है। यह रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण सिस्टम है।
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रतलाम रेल मंडल के कंट्रोल विभाग के अमले ने यह भूमिक बखूबी निभाई। इसके माध्यम से मिली सूचनाओं के चलते ही दिल्ली-मुंबई रूट पर चलने वाली 59 ट्रेनों को परिवर्तित मार्गों से चलाने का निर्णय लिया गया। साढ़े तीन दर्जन ट्रेनों को निरस्त भी किया गया जबकि कुछ को समय बदल कर चलाया गया।
सुबह डाउन और दोपहर में अप लाइन हुई शुरू
रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क विभाग के अनुसार मंगलवार को सुबह डाउन लाइन क्लियर हुई। इसके बाद सबसे पहले गोधरा की ओर से आई उदरना-बनारस पैसेंजर ट्रेन 09013 को गुजारा गया। इसके बाद दोपहर में अप लाइन क्लीयर होने पर 3 बजे बाद रतलाम की ओर से रवाना हुई हरि्द्वार-बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस ट्रेन क्रमांक 19020 प्रभावित सेक्शन से गुजरी। दोनों ही ट्रैक अब पूरी तरह सामान्य है। सुबह ट्रैक को रेलवे द्वारा 20 किमी प्रति घंटे की गति के लिए फिट दिया गया है। यह गति धीरे-धीरे सामान्य होगी।
यात्री होते रहे परेशान, रेलवे स्टाफ ने नहीं दिखाई सहृदयता
रेल हादसे के परिवर्तित हुई और निरस्त की गई ट्रेनों के यात्रों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा। इस दौरान अपने गंतव्य स्थान पहुंचने के लिए दूसरी ट्रेनों में सवार हुए अथवा परिवर्तित मार्ग से चली ट्रेनों से ही सुरक्षित स्थान पर जाकर ट्रेन बदलने वाले यात्रियों के साथ रेलवे के टिकट चैकिंग स्टाफ ने बेरहमी दिखाई।
रतलाम की आईरिस पीटर ने बताया वे 6 वर्षीय बेटे और पति के साथ बोरवली से रतलाम आने के लिए ट्रेन क्रमांक 20941 में सवार हुई थीं। सोमवार तड़के 4 बजे ट्रेन एक स्थान पर रुकी। वहां पता चला कि आगे रेल हादसा हुआ है इसलिए ट्रेन दूसरे रूट से चलेगी। अतः पीटर परिवार वहीं उतर गया लेकिन वहां कोई यह नहीं बता पा रहा था कि उन्हें या अन्य यात्रियों को कहां उतरना है और कहां से रतलाम तक का साधन मिलेगा। इसलिए वे वापस उसी ट्रेन में चढ़ गए और भोपाल से रतलाम के लिए ट्रेन पकड़ने का निर्णय लिया। उनके पास थर्ड एसी का टिकट होने के बाद भी टिकट चैकिंग स्टाफ ने कह दिया कि यह टिकट भोपाल तक नहीं चलेगा। परिवार रेलवे से जुड़ा होने के बाद भी टिकट चैकिंग स्टाफ ने कोई मुरव्वत नहीं की। कमोबेश यही स्थिति उनके साथ यात्रा कर रहे रतलाम और कोटा के अन्य यात्रियों की भी रही। अन्य ट्रेनों में भी यात्रियों को ऐसी ही समस्या झेलना पड़ी
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हादसा या साजिश, जांच में होगा स्पष्ट
दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर हादसा मानवीय गलती के कारण हुआ या तकनीकी कारणों से अथवा यह किसी शरारती तत्व की साजिश का नतीजा रहा, यह जानने के लिए रेल प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद इसकी जवाबदेही तय होगी। डीआरएम गुप्ता के अनुसार फिलहाल हादसे का कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन किसी भी आशंका से इनकार भी नहीं किया सकता है।
सोमवार रात 11 बजे से मंगलवार को यातायात बहाल होने तक इन ट्रेनों पर पड़ा असर
निरस्त ट्रेनें...
- गाड़ी संख्या 12948 पटना अहमदाबाद एक्सप्रेस, पटना से 20 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 19038 बरौनी बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस, बरौनी से 21 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 19020 हरिद्वार बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस, हरिद्वार से 20 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 12954 निजामुद्दीन मुम्बई सेंट्रल अगस्त क्रांति एक्सप्रेस, निजामुद्दीन से 19 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 12904 अमृतसर मुम्बई सेंट्रल एक्सप्रेस, अमृतसर से 20 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 12926 अमृतसर बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस, अमृतसर से 20 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 22210 नई दिल्ली मुम्बई सेंट्रल एक्सप्रेस, नई दिल्ली से 19 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 19168 वाराणसी अहमदाबाद साबरमती एक्सप्रेस, वाराणसी से 21 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 20917 इंदौर पुरी एक्सप्रेस, इंदौर से 19 जुलाई, 2022 को चलने वाली
- गाड़ी संख्या 20918 पुरी इंदौर एक्सप्रेस, पुरी से 21 जुलाई, 2022 को चलने वाली
रिशेडयूल ट्रेनें...
- 19 जुलाई, 2022 को हापा से चलने वाली गाड़ी संख्या 12475 हापा श्रीमातावैष्णोदेवी कटड़ा एक्सप्रेस हापा से 50 बजे ररिशेड्यूल किया गया
- 19 जुलाई, 2022 को सोमनाथ से चलने वाली गाड़ी संख्या 11463 सोमनाथ जबलपुर एक्सप्रेस, सोमनाथ से 12.35 बजे ररिशेड्यूल किया गया
- 19 जुलाई, 2022 को बान्द्रा टर्मिनस से चलने वाली गाड़ी संख्या 12909 बान्द्रा टर्मिनस निजामुद्दी एक्सप्रेस, बान्द्रा टर्मिनस से 20.15 बजे रिशेड्यूल किया गया
- 19 जुलाई, 2022 को अहमदाबाद से चलने वाली गाड़ी संख्या 01906 अहमदाबाद कानपुर सेंट्रल स्पेशल एक्सप्रेस, अहमदाबाद से 20.05 बजे रिशेड्यूल किया गया।
- 19 जुलाई, 2022 को इंदौर से चलने वाली गाड़ी संख्या 12962 इंदौर मुम्बई सेंट्रल अवंतिका एक्सप्रेस, इंदौर से 19.00 बजे रिशेडयूल किया गया।
शॉर्ट टर्मिनेट ट्रेनें...
- गाड़ी संख्या 19820 कोटा वडोदरा एक्सप्रेस, कोटा से 19 जुलाई, 2022 को चली रतलाम स्टेशन पर शॉर्टटर्मिनेट की गई तथा रतलाम से वडोदरा के मध्य निरस्त रही।
- गाड़ी संख्या 09319 वडोदरा दाहोद स्पेशल मेमू , वडोदरा से 19 जुलाई, 2022 को चली गोधरा स्टेशन पर शॉर्टटर्मिनेट की गई तथा गोधरा से दाहोद के मध्य निरस्त रही।
- गाड़ी संख्या 09317 वडोदरा दाहोद स्पेशल मेमू, वडोदरा से 19 जुलाई, 2022 को चली गोधरा स्टेशन पर शॉर्ट टर्मिनेट की गई तथा गोधरा से दाहोद के मध्य निरस्त रही।
(फोटो एवं वीडियो : राकेश पोरवाल (फोटो जर्नलिस्ट) एवं जनसंपर्क विभाग रतलाम रेल मंडल।)