महाराष्ट्र समाज भवन में बही सुर-सरिता : स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को रतलाम के सुर साधकों ने उन्हीं के गाए गीतों का गुलदस्ता तैयार कर दी स्वरांजलि

स्वर कोकिला लता मंगेशकर को महाराष्ट्र समाज द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आयोजन में रतलाम के कलाकारों ने लता जी के गाए गीतों गाकर स्वरांजलि दी।

महाराष्ट्र समाज भवन में बही सुर-सरिता : स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को रतलाम के सुर साधकों ने उन्हीं के गाए गीतों का गुलदस्ता तैयार कर दी स्वरांजलि
सदी की महान गायिका सुर साम्राज्ञी को स्वरांजलि अर्पित करती रतलाम की एक सुर साधिका।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । 'ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आँख में भर लो पानी...', 'अजीब दासतां है ये...',  'वो जब याद आए बहुत याद आए...', 'रहें ना रहें हम..., 'लो आ गई उनकी याद...', 'तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है ओ माँ...', 'तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है...', 'दिल तो है दिल दिल का एतबार क्या चीज है...' एवं 'तेरे बिना जिया जाए ना...।' ये वो गीत हैं जिन्हें सदी की महान स्वर साधिका लता मंगेशकर ने स्वर दिया। यही गीत आज उनके प्रति आदर और श्रद्धांजलि व्यक्त करने का जरिया बन गए हैं।

लता जी द्वारा गए गए 50 हजार से अधिक गानों में से इन चुनिंदा गीतों का गुलदस्ता तैयार कर दिवंगत लता मंगेशकर को रतलाम के स्वर साधकों ने स्वरांजलि दी। आयोजन महाराष्ट्र समाज द्वारा स्टेशन रोड स्थित समाज के भवन में किया गया था जहां सुर-सरिता के प्रवाह का श्रीगणेश अग्रपूज्य देवाधिदेव श्री गणेश की वंदना के साथ हुआ। इसके बाद एक-एक कर विजया संत, डॉ. पूर्णिमा सूभेदार, संगीता जैन, पूजा पटवा, अरुणा सोनी, निर्वि पितलिया, आकांक्षा मूले, किरण छाबड़ा, पीयूष नेने, यामिनी सोनी, रिदम मिश्रा, साई शिखा नायडू आदि ने हिन्दी और मराठी गीतों की प्रस्तुति देकर सरस्वती उपासक लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

इन्होंने दी श्रद्धांजलि

आयोजन के दौरान साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ. मुरलीधर चाँदनीवाला ने संबोधित करते हुए लता जी के व्यक्तित्व और कृतीत्तव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा स्वरों का साम्राज्य और आधिपत्य हमेशा बना रहेगा। महाराष्ट्र समाज ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. संजय वाते, पूर्व महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, डॉ. पूर्णिमा सूभेदार, वरिष्ठ पत्रकार श्रेणिक बाफना, रंगकर्मी कैलाश व्यास, आशीष दशोत्तर, फोटो जर्नलिस्ट लगन शर्मा, डॉ. श्वेता विन्चुरकर, डॉ. स्नेहा पंडित, नरेन्द्र त्रिवेदी, समाजसेवी विशाल कुमार वर्मा, महाराष्ट्र समाज उपाध्यक्ष राजेन्द्र वाघ, वीरेन्द्र वाफगांवकर, अनुराग लोखंडे, श्यामकांत भोरकर, शारदा महिला मण्डल की कविता कुलकर्णी आदि ने भी संबोधित और श्रद्धांजलि अर्पित की। संयोजन भूषण बर्वे एवं विरेन्द्र कुलकर्णी ने किया। संचालन मिलिन्द करंदीकर ने किया।

ये रहे मौजूद

वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी, डॉ. उदय यार्दे, समाज सेवी संदीप व्यास, संजय लोणकर, महेश लोखंडे, प्रकाश लोखंडे, सुहास चितले, श्याम विन्चुरकर, सुनील सराफ, संध्या सराफ, स्मिता बर्वे, भाग्यश्री बर्वे, सीमा वाफगांवकर, मृदुला करंदीकर, उत्तरा जोशी, प्रियंका झारे, तृप्ति संत, निशा नेने, मीना मूले, श्रुति तबकडे, रूपाली तबकडे, नीता लेले, नीला मेहंदले, जयश्री कुलकर्णी, वैशाली बोरगांंवकर, सुनीता नारले, नीलिमा नारले, प्रसाद नारले, संदीप नारले, सतीश भावे, भूषण बर्वे, वीरेन्द्र कुलकर्णी, संतोष कोलंबेकर, नयन सूभेदार, पराग रामपुरकर, चंद्रकांत वायगांवकर, सौरभ संत, विवेक राणे, नितिन बोरगांवकर, प्रमोद लखोटे, प्रकाश पावड़े, नितिन मूले, मयूर व्यास, विजय सिसौदिया, विजय गुप्ता, किशोर जोशी आदि।