भगवान महावीर के 2622 वें जन्म कल्याणक महोत्सव पर अहिंसा दर्शन को दुनिया में फैलाने का लिया संकल्प, गुणानुवाद सभा हुई, चल समारोह भी निकला

जैन धर्मावलंबियों द्वारा भगवान महावीर का जन्मकल्याणक महोत्सव मनाया गया। इस मौके पर धर्मसभा, चल समारोह और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

भगवान महावीर के 2622 वें जन्म कल्याणक महोत्सव पर अहिंसा दर्शन को दुनिया में फैलाने का लिया संकल्प, गुणानुवाद सभा हुई, चल समारोह भी निकला
भगवान महावीर जन्म कल्याण महोत्सव के तहत आयोजित धर्मसभा को संबोधित करती साध्वीजी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । भगवान महावीर के 2622वें जन्म कल्याणक महोत्सव में समाजजन ने उनके अहिंसा दर्शन को दुनिया में फैलाने का संकल्प लिया। श्री सकल जैन श्रीसंघ द्वारा जैन स्कूल में धर्मसभा आयोजित की गई। साध्वी श्री शीलरेखाश्रीजी की निश्रा में आयोजित धर्मसभा में वक्ताओं ने गुणानुवाद करते हुए कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत ही दुनिया में शांति ला सकते हैं। इस मौके पर विशाल स्वामीवात्सल्य हुआ। उससे पूर्व सकल समाज का चैमुखीपुल से जुलूस निकला जो विभिन्न मार्गों से होकर गुजरा। इसमें जय महावीर-जय महावीर की स्वरलहरी गूंज रही थी। 

आचार्य श्री सागरानन्दसूरीजी के समुदायवर्तनी साध्वीश्री शीलरेखाश्री जी ने कहा कि भगवान महावीर ने जन्म लेने के बाद माता-पिता की सेवा आदर्श प्रस्तुत किया। बाद में उन्होंने बड़े भाई को पिता समान मानकर सेवा की और लगातार आदर्श प्रस्तुत करते रहें। रतलाम के लिए आज का दिन बहुत सौभाग्यशाली है, क्योंकि समाजजनों ने एकजुट होकर प्रभु महावीर के शासन की प्रभावना की है। साध्वीश्री ने भगवान महावीर के पांच सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन सिद्धांतों के कारण महावीर आज भी सर्वत्र प्रांसगिक हैं। 

जीयो और जीने दो के संदेश पर अमल हो तो हर समस्या हल हो- कोठारी

श्री सकल जैन श्रीसंघ के मार्गदर्शक पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी ने कहा कि महावीर जयंती का महान पर्व समाज की एकता का प्रतीक है। इसे वर्षों से मिलजुलकर मनाया जा रहा है। प्रभु महावीर ने जीयो और जीने दो का जो संदेश दिया है, उस पर यदि अमल किया जाए, तो पूरी दुनिया की समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

महावीर का संदेश जन-जन को पहुंचाने का लें संकल्प- काश्यप

मागदर्शक एवं शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि भगवान महावीर के संदेश सर्वकालिक है। यूक्रेन युद्ध से दुनिया में जो अशांति है, उसे दूर करने के लिए अहिंसा के जरिए शांति का संदेश दिया जा सकता हैं। जन्म कल्याणक महोत्सव रतलाम में सामाजिक एकता का पर्व है, इस पर सबको भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए। 

मंगलाचरण से हुआ शुभारंभ

धर्मसभा का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ। सकल जैनश्री संघ के संचालक सदस्य ललित कोठारी, राजेन्द्र खाबिया, प्रकाश मूणत, निर्मल लुनिया, जयंत बोहरा, महेन्द्र चाणोदिया, सुशील छाजेड़, अभय पोरवाल, ओम अग्रवाल एवं राजेश सुराना ने मार्गदर्शकगण एवं समाज प्रमुखों अभय लुनिया, सुदर्शन पिरोदिया सहित अनोखीलाल कटारिया आदि का स्वागत किया। स्वामी वात्सल्य में संघ ने गोकुलजी महाराज एवं सेवकगण का सम्मान किया। संचालन प्रकाश मूणत एवं जयंत बोहरा द्वारा किया गया। 

ये संगठन हुए शामिल

इस अवसर पर श्री गुजराती उपाश्रय, श्री साधुमार्गी जैन श्रीसंघ, श्री धर्मदास जैन श्रीसंघ,श्री आराधना भवन ट्रस्ट, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीम चैक, श्री तेरापंथ महासभा, श्री त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ, श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ, श्री ज्ञानगच्छ श्रीसंघ, श्री शांत कांत जैन श्रीसंघ, श्री पाश्र्वनाथ जैन मित्र मंडल, श्री सज्जन मिल क्षेत्र श्रीसंघ, श्री दिगम्बर बीस घर गोठ, श्री दिगम्बर साठ घर गोठ, श्री दिगम्बर स्टेशन श्रीसंघ, श्री दिगम्बर हुम्मड समाज, श्री दिगम्बर जैन नरसिंहपुरा एवं श्री सुधर्मा जैन सेवा संघ के सदस्यगण उपस्थित रहे।

चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित

जैन सोश्यल ग्रुप रतलाम ग्रेटर द्वारा भगवान महावीर के जीवन दर्शन पर चित्रकला प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन एमपी रीजन के अध्यक्ष प्रीतेश गादिया, नगर के वरिष्ठ समाजसेवी ललित कोठारी, फेडरेशन के दीपेंद्र कोठारी ने फीता काटकर किया।

प्रतियोगिता में 172 बच्चों ने भाग लिया और कैनवास पर अपनी कल्पनाओं को उकेरा। सचिव नीलेश गोधा एवं संजय चरपोटा ने बताया अतिथियों ने प्रथम आए मिलन लुणावत, द्वितीय केशवी भांगू व  अदिशी भटेवरा एवं  तृतीय स्थान  मोक्षा छाजेड़ ने को पुरस्कृत किया। 9 प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिए गए। इस अवसर पर  ललित कांठेड़, अनिल कटारिया, अजय खमेसरा, ग्रुप अध्यक्ष संजय खमेसरा आदि उपस्थित रहे।

जलसेवा कर किया स्वागत

जैन सोशल ग्रुप रतलाम ग्रेटर  ने जल पिलाओ प्यास बुझाओ के तहत श्री  महावीर जैन युवा संघ रतलाम द्वारा निकाले गए चल समारोह में सकल जैन समाज  का स्वागत कर जल सेवा की।