हिंदू गर्जना : बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में सड़क पर उतरा सर्व हिंदू समाज, अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हो रही हिंसा पर जताया आक्रोश, देखें वीडियो...

बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक हिंदुओं पर किए जा रहे अत्याचार रोकने कीक मांग को लेकर सर्व हिंदू समाज ने जन आक्रोश रैली निकाली। इसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान संतों के सान्निध्य में कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी दिया गया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सर्व हिंदू समाज के आह्वान पर मंगलवार को रतलाम जिला मुख्यालय पर रतलाम सड़कों पर उमड़ पाड़ा। बांग्लेदेशी हिंदू के समर्थन में उड़मे जन सैलाब ने संतों की अगुवाई में जन आक्रोश रैली निकाली। कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। इसमें बांग्लादेश में हाल ही में हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए उस पर नियंत्रण लगाने के लिए वाज बुलंद की। रैली से पहले कालिकामाता मंदिर परिसर में संतों और वरिष्ठों ने संबोधित कर बांग्लादेशी हिंदुओं के प्रति समर्थन व्यक्त किया।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसात्मक हमलों से रतलाम के सर्व हिंदू समाज में रोष व्याप्त है। इसके चलते सर्व हिंदू समाज संतों के नेतृत्व में कालिकामाता मंदिर परिसर में एकत्र हुआ। यहां संबोधित करते हुए सीए सोनाली जैन ने कहां कि बांग्लादेश में कुछ माह से लगातार हिंसात्मक घटनाएं हो रही हैं। मानवता को द्रवित करने वाली ये घटनाएं रोकने हेतु वहां के अल्पसंख्यक समाज के साथ पूरा भारतीय समाज उपस्थित है।

‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’

संस्कार ऋषि पं. दिनेश व्यास नीलकंठ धाम घटवास ने कहा कि भारतीय संस्कृति "वसुधैव कुटुंबकम" की है। पूरे विश्व के लोग हमारे भाई-बहन हैं परंतु कुछ लोग मानवता को नष्ट करने का दुष्विचार लेकर निरीह लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। इसके लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा कि सभी को संगठित रहना है एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।

संगठन में शक्ति है, एक होना जरूरी है

पूर्व सैनिक और जनजाति सुरक्षा मंच के मध्य क्षेत्र के संरक्षक कैलाश निनामा ने कहा कि संगठन में शक्ति है। बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों के खिलाफ षड्यंत्र को रोकने के लिए हम सभी को एक होना है तभी सुरक्षित रहेंगे। भारत एक सामर्थशाली देश है। शीघ्र ही बांग्लादेश के सनातनी बांधुओं पर हो रही हिंसा पर रोक लगेगी।

इन संतों का मिला सान्निध्य

उपस्थित जन समुदाय को आशीष देने के लिए मंच पर दंडी स्वामी अत्यानंद जी सरस्वती (श्रंगेरी मठ, स्वामी देवस्वरूप जी महाराज (अखण्डज्ञान आश्रम), स्वामी 1008 आनंद गिरि जी महाराज (अडवानिया), ज्ञानी हंसराज सिंह गुरुद्वारा दुख निवारण साहेब जावरा, स्वामी नील भारती जी महाराज (दत्त अखाड़ा), स्वामी शिवानंद जी महाराज शक्तिपीठ सुजालपुर के स्वामी योगेश नाथ जी जेठाना, परम स्वामी सुजानानंद जी महाराज अखंड ज्ञान आश्रम, परम राज राजेश्वरी माता पीतांबरा शक्ति पीठ, महर्षि संजय शिवशंकर दवे (वैदिक जागृति पीठ), परम इस्कॉन प्रभु जी महाराज, सविता दीदी (ब्रह्मकुमारी आश्रम), स्वामी मनोज (मांगल्य मंदिर), स्वामी सौरभ महाराज, आचार्य महेशानंद महाराज, आचार्य अशोक वशिष्ठ महाराज, आचार्य चेतन शर्मा, स्वामी अभिषेक गिरी जी महाराज विराजित रहे। संचालन गायत्री परिवार के विकास शैवाल ने किया। आभार समस्त हिंदू समाज ने माना।

कट्टरपंथियों की ज्यादतियों के पोस्टर लेकर चले लोग, नारे भी लगाए

दोपहर करीब सवा तीन बजे रैली प्रारंभ हुई। इसमें सबसे आगे संत समुदाय चल रहा था। उनके पीछे मातृशक्ति और फिर वरिष्ठ नागरिक चल रहे थे। पीछे-पीछे युवाओं, महिलाओं का सैलाब टोलिया के रूप में चल रहा था। सभी के हाथों में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की ज्यादतियों को प्रदर्शित करते पोस्टर और नारे लिखी तख्तियां थीं। लोग जय श्री राम और हिंदुओं की एकता के नारे लगा रहे थे। महारैली कालिकामाता, मित्र निवास रोड, फव्वारा चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची।

ज्ञापन देकर गिनाईं घटनाएं, मांगें भी रखी

कलेक्ट्रेट में सर्व हिंदू समाज की ओर से राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन का वाचन मनोज सगरवंशी ने किया। तत्पश्चात समाज के वरिष्ठजन राजेश कटारिया, सतीश त्रिपाठी, मांगीलाल खराड़ी, संजय व्यास, कंवलजीत सिंह मक्कड़, अनुज छाजेड़, ममता भंडारी, सुनीता छाजेड़, सोनाली जैन, सुरेश वर्मा, मोहन मुरलीवाला, विजय खरे, हरिनारायण जाटव, विम्पी छाबड़ा, कैलाश देवदा, अमृत पटेल, रामेश्वर पाटिदार के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। 

सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक अस्मिता पर हमला

ज्ञापन में हाल की घटनाओं का जिक्र भी किया गया है। इन घटनाओं में हजारों हिंदू, बौद्ध और ईसाई परिवारों को विस्थापित किया गया है और उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया है। उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले किए जा रहे हैं, जो न केवल बांग्लादेश के संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि हमारे समग्र मानवता के लिए भी एक खतरा हैं। यह केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह हमारी साझा सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक अस्मिता और पारस्परिक सम्मान पर भी हमला है।

ठोस कदम उठाने की जताई आवश्यकता

सर्व हिंदू समाज ने राष्ट्रपति से निवेदन किया है कि इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल और ठोस कदम उठाए जाएं ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षा मिल सके और इन अत्याचारों को रोका जा सके। ज्ञापन में यह उम्मीद भी जताई गई है कि भारत सरकार इस विषय में सकारात्मक हस्तक्षेप करेगी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।

ये जनप्रतिनिधि हुए शामिल

रैली में कैबिनेट मंत्री चेतन्य कश्यप, आलोट विधायक चिंतामणि मालवीय, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, आरएसएस के सुरेंद्र सुरेका, वीरेंद्र वांफगांवकर, सुरेंद्र सिंह भामरा, पूर्व महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, भाजपा नेता बजरंग पुरोहित, समाजसेवी गोविंद काकानी, चार्टर्ड एकाउंटेंट गोपाल काकानी, प्रवीण सोनी, विनोद करमचंदानी, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष गौरव मूणत, जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष राजीव ऊबी, पूर्व अध्यक्ष दशरथ पाटीदार, संतोष त्रिपाठी, अनिल सारस्वत, जे. पी. भट्ट, तुषार कोठारी सहित रतलाम, जावरा, सैलाना, बाजना आदि स्थानों के जनप्रतिनिधि सामिल हुए।

बांग्लादेश में हुईं हाल की घटनाएं

  • 28 नवंबर 2024 : ढाका में इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास जी के लिए महाप्रसाद लेकर जा रहे दो हिंदू श्रद्धालुओं को केवल उनके धार्मिक कर्तव्यों को निभाने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया।
  • 27 नवंबर 2024 : मैमनसिंह में एक हिंदू दुकानदार पर हमला कर उसकी दुकान को लूट लिया गया, जिससे उसका जीवन और आजीविका प्रभावित हुई।
  • 26 नवंबर 2024 : सिराजगंज में कट्टरपंथियों द्वारा लोकनाथ मंदिर पर पेट्रोल बम फेंका गया। इससे मंदिर को नुकसान पहुँचा। हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमला किया गया।
  • 25 नवंबर 2024 : ढाका में इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास जी को झूठे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जो कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन था।
  • 24 नवंबर 2024 : बगेरहाट में एक हिंदू लड़की को जबरन धर्मांतरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया, जो एक गंभीर अपराध है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का प्रतीक है।
  • 20 नवंबर 2024 : बरिसाल में हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। उनकी संपत्ति और सम्मान को नष्ट कर दिया गया।
  • 19 सितंबर 2024 : सिलहट में बौद्ध और हिंदू मंदिरों को तोड़-फोड़ कर आग लगा दी गई। यह धार्मिक असहिष्णुता और सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का एक प्रयास था।

सर्व हिंदू समाज की मांगें

  • भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए ताकि वहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके।
  • संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को इन अत्याचारों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया जाए।
  • अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।