धार्मिक आयोजन युवा पीढ़ी को संस्कारित करने के उपक्रम होते हैं, कथाओं का उद्देश्य अगली पीढ़ी को कुछ न कुछ संदेश देना है- चेतन्य काश्यप

महामंडलेश्वर श्री चिदम्बरानंद जी सरस्वती की रतलाम में होने वाली कथा की तैयारियां जोरों पर हैं। वे 28 मई को रतलाम आएंगे। इसे लेकर विधायक चेतन्य काश्यप ने धार्मिक संगठनों की बैठक ली।

धार्मिक आयोजन युवा पीढ़ी को संस्कारित करने के उपक्रम होते हैं, कथाओं का उद्देश्य अगली पीढ़ी को कुछ न कुछ संदेश देना है- चेतन्य काश्यप
श्रीमद् भागवत कथा को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित करते विधायक चेतन्य काश्यप।

-महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद जी सरस्वती महाराज 28 मई को रतलाम आएंगे, सालाखेड़ी फोरलेन पर होगा स्वागत-सत्कार

-29 मई से 4 जून तक बरबड़ स्थित विधायक सभागृह में होगी कथा 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । चेतन्य काश्यप फाउंडेशन एवं हरिहर सेवा समिति के तत्वावधान में 29 मई से 4 जून तक होने वाली श्रीमद् भागवत कथा के लिए महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद जी सरस्वती महाराज 28 मई को प्रातः 10 बजे रतलाम आएंगे। नगर के प्रवेश द्वार सालाखेड़ी फोरलेन पर स्वामी जी का स्वागत-वंदन कर अगवानी की जाएगी। 

स्वामी जी सालाखेड़ी से महू रोड फव्वारा चौक होते हुए टीआईटी रोड, स्टेशन रोड, दिलबहार चौराहे से विधायक चेतन्य काश्यप के निवास पहुंचेंगे। इस दौरान मार्ग में विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा स्वामी जी का स्वागत-सत्कार किया जाएगा। विधायक निवास पर काश्यप स्वामी जी की अगवानी करेंगे। स्वामी जी उपस्थितजन को आशीर्वचन देंगे। श्रीमद् भागवत कथा की तैयारियां जोरों पर हैं। कथा में सभी समाज और धार्मिक संस्थाओं की सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए विधायक चेतन्य काश्यप की उपस्थिति में धार्मिक ट्रस्ट एवं संस्थाओं की बैठक आयोजित हुई। बैठक में आयोजन के संबंध में जिम्मेदारियां तय की गईं। इस दौरान महापौर प्रहलाद पटेल, वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी कन्हैयालाल मौर्य, श्री हरिहर सेवा समिति अध्यक्ष मोहनलाल भट्ट, श्री गोपालजी का बड़ा मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष मनोहर पोरवाल, समाज सेवी गोविंद काकानी, प्रेम उपाध्याय मंचासीन रहे एवं विभिन्न धार्मिक ट्रस्ट एवं संस्थाओं के प्रमुखजन अच्छी संख्या में उपस्थित रहे।

विधायक काश्यप ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के समक्ष कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन हमारी युवा पीढ़ी को संस्कारित करने के उपक्रम हैं। जितनी कथाएं होती हैं, उनका एक उद्देश्य होता है कि अगली पीढ़ी में कुछ न कुछ संदेश जाए। पहले भी मेरे परिवार को पुरुषोत्तम मास में महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद जी सरस्वती की कथा का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इस बार पुनः यह सौभाग्य मिला है। पुरुषोत्तम मास सावन में होने पर बारिश की अनिश्चितता के कारण कथा पहले आयोजित की जा रही है।

धर्मानुरागी परिवारों से धर्मलाभ लेने का आह्वान

काश्यप ने सभी धर्ममयी अनुरागी संस्थाओं के साथ विभिन्न समाज से जुड़े परिवारों को कथा के माध्यम से धर्मलाभ लेने का आह्वान किया है। कथा प्रतिदिन शाम चार बजे आरंभ होगी। प्रथम दिन कथा से पूर्व अलकापुरी चौराहा से दोपहर तीन बजे भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसमें बड़ी संख्या में शहर की धर्मप्रेमी जनता के साथ माताएं एवं बहने शामिल होगी। कलश यात्रा के अलकापुरी चौराहा से विधायक सभागृह पहुंचने के बाद यहां पूजा-अर्चना के साथ कथा की शुरुआत होगी।

दो स्थानों पर होगी वाहन की व्यवस्था

यात्रा के संदर्भ में काकानी ने बताया कि कलश यात्रा में बड़ी संख्या में माताएं एवं बहनें सिर पर कलश धारण कर चलेंगी। इस दौरान स्वामीजी बग्घी में सवार होंगे। यात्रा में आगे बैंड-बाजे, घोड़े, बग्घी के साथ धर्म ध्वजा थामकर भक्तगण चलेंगे और वातावरण धर्ममय बनेगा। श्रद्धालुओं को कथा में लाने व ले जाने के लिए शहर में दो स्थानों से वाहनों की व्यवस्था की गई है। कथा में प्रतिदिन अलग-अलग धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाएं स्वामी जी का स्वागत करेंगी। बैठक का संचालन एवं आभार प्रदर्शन मनोहर पोरवाल ने किया। बैठक में उपस्थित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कथा को लेकर सुझाव दिए।