यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म और हर अच्छा कार्य यज्ञ है, आप भी 12 से 15 जनवरी तक हो रहे महायज्ञ में एक बुराई त्यागें और एक अच्छाई ग्रहण करें
रतलाम में 12 जनवरी को 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन होगा। 15 जनवरी तक चलने वाले अनुष्ठान के दौरान लोग यज्ञ में एक बुराई त्याग कर एक अच्छाई ग्रहण कर सकेंगे।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । यज्ञ उसे कहते हैं जो इस संसार में अच्छे कार्य हो रहे हैं। सभी के हित में होने वाले हर कार्य को यज्ञ कहा जाता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार का उद्देश्य मानव मात्र में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण का है। इस हेतु अखिल विश्व गायत्री परिवार यज्ञ के द्वारा धर्म तंत्र से लोक शिक्षण के कार्य करता रहा है। यज्ञ में एक बुराई त्याग कर एक अच्छाई ग्रहण करने का उद्घोष और ध्येय गायत्री परिवार का ही दिया हुआ है। आप भी रतलाम में होने वाले 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में एक बुराई त्याग कर एक अच्छाई ग्रहण करें।
यह बात रतलाम गायत्री परिवार नगर ट्रस्ट के ट्रस्टी एवम् मध्य प्रदेश युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक विवेक चौधरी ने कही। वे पत्रकारों को शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन रतलाम गायत्री परिवार नगर ट्रस्ट के द्वारा 12 से 15 जनवरी तक आयोजित किए जाने वाले 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ प्रज्ञा पुराण कथा एवं तुलसी विवाह की जानकारी दे रहे थे। इस दौरान अखिल विश्व गायत्री परिवार नगर ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी पातीराम शर्मा व प्रकाश प्रभु राठौड़ उपस्थित थे।
चौधरी ने बताया मां गायत्री के मंत्र सद्बुद्धि दाता गायत्री मंत्र की सिद्ध साधना कर किसी वर्ग विशेष और जाति विशेष को ध्यान में ना रख कर अपितु संपूर्ण मानव जाति और पृथ्वी के उद्धार के लिए समर्पित अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक संरक्षक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं माता भगवतीदेवी शर्मा जी का संपूर्ण जीवन ही यज्ञमयी रहा है। इसी तारतम्य में महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। अखिल विश्व गायत्री परिवार का मुख्य उदघोष हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा है। इसलिए इस तरह के आयोजनों से हम जन-जन के मानस को और उनके स्वभाव को विचार परिवर्तन के द्वारा सुधारकर समाज को स्थायी रूप से सुखी व विकसित रख सकते हैं।
अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है
विवेक चौधरी ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने केवल एक धार्मिक संगठन ही नहीं बनाया बल्कि समाज को राष्ट्र को विश्व को और हर वर्ग के मानव को धरती के हर जीव को ध्यान में रखकर युग निर्माण योजना बनाई विचार क्रांति अभियान का सूत्रपात किया। परम पूज्य गुरुदेव का विचार था कि "अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है।"
अखिल विश्व गायत्री परिवार संपूर्ण विश्व के धार्मिक आध्यात्मिक सामाजिक आर्थिक और मानसिक विकास को लेकर कार्य करने वाली संस्था है। समाज में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा युवा जागरण, नारी जागरण, धार्मिक कुरीति उन्मूलन, बाल शिक्षा, नारी शिक्षा, पर्यावरण सरंक्षण, कुरीति उन्मूलन एवं नशा मुक्ति जैसे कार्य कर समाज को सही दिशा देकर कार्य करने वाला परिवार है। अखिल विश्व गायत्री परिवार आपदा प्रबंधन में अपनी मुख्य भूमिका निभाकर प्राकृतिक आपदा के क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य करने वाली संस्था है।
डेढ़ सौ से ज्यादा देशों में सक्रिय हैं गायत्री परिजन
चौधरी ने बताया अखिल विश्व गायत्री परिवार डेढ़ सौ से ज्यादा देशों में सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ परिजनों के साथ कार्य करने वाली संस्था है अखिल विश्व गायत्री परिवार के 6 प्रमुख संस्थान शांतिकुंज हरिद्वार जहां से ऋषि परंपरा का पुनर्जीवन कर संपूर्ण समाज और मानव जाति के विकास के लिए कार्य किया जाता है। दूसरा देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार विद्यालय है जो आधुनिक शिक्षा को गुरुकुल शिक्षा के साथ जोड़कर संस्कारित युवाओं को गढ़ने का कार्य कर रहा है। वैज्ञानिक अध्यात्म और मंत्र एवं यज्ञ के विभिन्न शोधों को करने के लिए ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान की स्थापना की गई।
6 प्रमुख संस्थान, 4 हजार से ज्यादा शक्तिपीठ व 1 हजार से अधिक प्रज्ञापीठ
आचार्य श्री की जन्मभूमि आंवलखेड़ा आगरा में एक महत्वपूर्ण स्मारक बनाया गया है। अखंड ज्योति संस्थान मथुरा यहां से संपूर्ण विश्व को मार्गदर्शन देने के लिए गुरुदेव के समय से एक पत्रिका सतत हर माह जन-जन के वैचारिक और बौद्धिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए समर्पित पत्रिका है। गायत्री तपोभूमि मथुरा सहित 6 प्रमुख संस्थान हैं जिनके अंतर्गत अखिल विश्व गायत्री परिवार के चार हजार से ज्यादा शक्तिपीठ एवं एक हजार से ज्यादा प्रज्ञा पीठ सक्रिय रूप से लोक निर्माण और सामाजिक उत्थान के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
3 हजार से अधिक पुस्तकें लिखीं, वेदों व उपनिषदों का अनुवाद किया
चौधरी ने बताया पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी आत्म सुधारक विचार क्रांति अभियान के पुरोधा युग निर्माण योजना के सूत्रधार व मानव में देवत्व के उदय और धरती पर स्वर्ग के योजना को चलाकर संपूर्ण मानव जाति के उत्थान को समर्पित रहने वाले ऋषि रहे हैं। आचार्य श्री ने हर एक विषय पर अध्ययन और शोध कर 3000 से अधिक पुस्तकें लिखीं। 4 वेद, 18 पुराण, 108 उपनिषद योग वशिष्ठ, 20 स्मृतियां के दर्शन व 24 किताबों सहित अनेक आर्ष ग्रंथों के जन सुलभ अनुवाद संपन्न किए।
यह सब होगा महायज्ञ के दौरान
21वीं सदी उज्जवल भविष्य और 21वीं सदी नारी सदी के उद्घोषक जन-जन की पीड़ा हरने को समर्पित अखिल विश्व गायत्री परिवार एक मात्र संस्था है जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अग्रणी भूमिका निभा कर समाज को नई दिशा धारा दे रही है। इसी दिशा धारा के अंतर्गत रतलाम नगर में होने जा रहे 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ अंतर्गत परिवार निर्माण हेतु प्रज्ञा पुराण कथा और नारियों के सशक्तिकरण हेतु नारी सम्मेलन व नारी प्रतिभा सम्मान का आयोजन किया जाएगा। युवाओं को दिशा धारा देने हेतु एक विशिष्ट युवा सम्मेलन और युवा प्रतिभा सम्मान का कार्यक्रम किया जाएगा।
अनुष्ठान के दौरान सभी धर्मों में एकरस्ता, एकरूपता और समानता को देखकर सभी धर्मों से अच्छी शिक्षा लेकर समाज को देने हेतु सर्व धर्म सम्मेलन 14 तारीख को शाम को होगा। दीप यज्ञ के माध्यम से सभी में अच्छाइयों को ग्रहण करने का संकल्प दिलाया जाएगा। 15 तारीख को यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ समाज के वरिष्ठ अनुभवी और सामाजिक निर्माण में नींव के पत्थर के रूप में लगने वाले अग्रजों का सम्मान किया जाएगा। तत्पश्चात हरिद्वार की टोली की विदाई, देवताओं की विदाई कर विश्व कल्याण और मानव मात्र के कल्याण की प्रार्थना का कार्यक्रम संपन्न होगा।