हरियाली के दुश्मनों ने सड़क की आड़ में पेड़ों की हत्या की कर ली थी तैयारी, पर्यावरण प्रेमियों ने मौके पर पहुंचकर रुकवाया

रतलाम में हरियाली की हत्या बदस्तूर जारी है। शहर के डोंगरानगर में भी सड़क निर्माण की आड़ में पेड़ काटने की तैयारी कर ली गई थी जिसे पर्यावरण प्रेमियों ने रुकवाया।

हरियाली के दुश्मनों ने सड़क की आड़ में पेड़ों की हत्या की कर ली थी तैयारी, पर्यावरण प्रेमियों ने मौके पर पहुंचकर रुकवाया
डोंगरानगर में ऐसे पड़ों को काटने की थी तैयारी।

डोंगरानगर क्षेत्र का मामला, दो लोगों का हित साधने के लिए क्षेत्रीय पार्षद ने भी दे दी थी हरियाली की हत्या की स्वीकृति

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिस शहर के एक्यूआई लेवल की स्थिति बदतर हो। लगातार कट रहे पेड़ों के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा हो, वहां अब भी लोग हरियाली की हत्या करने से बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही मामला डोंगरानगर में देखने में आया जहां सड़क निर्माण की आड़ में पेड़ों की कटाई की तैयारी हो गई थी। हालांकि, समय रहते सूचना मिलने पर पर्यावरणप्रेमी मौके पर पहुंची और कार्रवाई रुकवाई। उन्होंने महापौर प्रहलाद पटेल को भी इस बारे में अवगत कराया है।

सड़क के किनारे खड़े पेड़ों को आपसी खींचतान में कटवाने के लिए दो परिवारों की शिकायत के चलते पेड़ काटने की तैयारी भी कर ली गई। हालांकि पर्यावरण प्रेमियों और अन्य लोगों ने वहां जाकर सभी पक्षों से बात की और अधिकारियों को भी सूचित किया। इसके बाद अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि यहां पेड़ों की कटाई नहीं होगी।

डोंगरानगर में मेन रोड को बनाने का काम शुरू हुआ है। यहां करीब 30 फीट चौड़ी सड़क बनाई जा रही है। इसके लिए चूने की लाइन भी डाली जा चुकी है। यहां पीपल, नीम, कल्पवृक्ष जैसे पेड़ हैं स्थित हैं जो सड़क के दायरे (चूने की लाइन) के बाहर हैं। यानी पेड़ सड़क निर्माण में कहीं से भी बाधक नहीं हैं। इसके बावजूद एक पट्टी के 4 हरे भरे हरियाली के दुश्मनों ने काट दिए। इनमें आम, जामुन और नीम के पेड़ शामिल हैं। अब सड़क की दूसरी पट्टी के पेड़ों को भी काटने की तैयारी हो गई थी।

इन्होंने रुकवाया पेड़ कटना

इसकी सूचना अधिवक्ता एवं समाजसेवी अदिति दवेसर, बबीता नागर, शिल्पा जोशी, हेमा हेमनानी, पत्रकार अदिति मिश्रा आदि को मिली तो वे मौके पर पंहुच गईं। उन्होंने जानकारी ली तो पता चला कि जितनी चौड़ाई की सड़क बनाने के लिए अनुमति जारी हुई है उसके दायरे में पेढ़ नहीं आ रहे हैं। फिर भी दो परिवारों की व्यक्तिगत शिकायत के चलते जिम्मेदारों ने पेड़ काटने की तैयारी कर ली थी। जबकि क्षेत्र के ही अधिकतर रहवासी पेड़ काटने के विरोध में हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि दोनों परिवार के दबाव में क्षेत्रीय पार्षद ने भी पेड़ों की हत्या के लिए अपनी मौन स्वीकृति दे दी थी। इससे मौके पर दोनों पक्षों में जोरदार बहस भी हो गई।

पेड़ काटना कानूनी अपराध

पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि वृक्ष अधिनियम के तहत बिना अनुमति पेड़ काटना कानूनन जुर्म है। इसके लिए पेनल्टी और सजा का प्रावधान है। अत्यावश्यक होने पर यदि नगर निगम द्वारा पेड़ काटने की अनुमति जारी भी की जाती है तो एक पेड़ काटने के बदले 5 पौधे पहले ही दूसरे स्थान पर लगाए जाना अनिवार्य हैं। इतना ही नहीं नए पौधों की पांच साल तक पूरी देख-रेख करना भी काटने वाले के लिए अनिवार्य है।

एक भी पेड़ नहीं कटेगा

पर्यावरण कार्यकर्ता अदिति दवेसर ने पेड़ काटने को लेकर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार को भी शिकायत की। आयुक्त ने बताया डोंगरानगर में सड़क निर्माण के दौरान एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। यहां कोई भी पेड़ सड़क निर्माण में बाधक नहीं बन रहा है। बेवजह कटाई की अनुमति नगर निगम भी नहीं देगा। क्षेत्रवासियों ने महापौर प्रहलाद पटेल को बताया तो उन्होंने भी आश्वस्त किया कि यहां पेड़ नहीं काटे जाएंगे।