ये हैं जिले के जमीनखोर जिन्होंने दबा रखी थी आपके हिस्से की जमीन लेकिन DM की पैनी नजर से नहीं बचा सके, देखिए पूरी लिस्ट, पिक्चर अब भी बाकी

कॉलोनियों में आवंटन से बचाए गए ईडब्ल्यूएस तथा एलआईजी वर्गों के भूखंड अब उनके हकदारों को मिलेंगे। कलेक्टर पुरुषोत्तम ने कॉलोनाइजर्स को 10 मई से इसकी प्रक्रिया आरंभ करने के निर्देश दिए हैं। यह काम 1 माह में पूरा करने की हिदायत दी गई है। अभी जांच जारी है और कॉलोनाइजरों द्वारा दबा कर रखे गए ऐसे भूखंड और सामने आने की अनुमान है।

ये हैं जिले के जमीनखोर जिन्होंने दबा रखी थी आपके हिस्से की जमीन लेकिन DM की पैनी नजर से नहीं बचा सके, देखिए पूरी लिस्ट, पिक्चर अब भी बाकी
जमीनखोर

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम के जमीन के जादूगर अपने कारनामों से हर तरफ विख्यात और कुख्यात हैं। जिले में ऐसे 'जमीनखोरों' की कमी नहीं है। ऐसे कई जमीनखोर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की पैनी नजर से बच नहीं सके। उन्होंने अब तक 28 ऐसे कॉलोनाइजरों को ढूंढ निकाला है जिन्होंने वर्षों से आमआदमी के हिस्से की जमीन वर्षों से दबा रखी है। यह जमीन अब वास्तविक हकदारों को मिलेगी। कलेक्टर ने इसके लिए कॉलोनाइजरों को एक महीने की डेडलाइन दी है जो इसी 10 मई को शुरू हो जाएगी।  

जनप्रतिनिधि और अफसर का मानवीय संवेदनाओं के प्रति गंभीर होना सिर्फ दिखना महत्वपूर्ण होना जरूरी नहीं बल्कि वह लोगों को महसूस भी होना चाहिए। इस मामले में रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम आमआदमी की कसौटी पर खरा उतरने की की कोशिश की है। पुरुषोत्तम संभवतः पहले ऐसे कलेक्टर हैं जिन्होंने कॉलोनाइजरों द्वारा दबाया गया आमआदमी का हक उन्हें दिलाने की बीड़ा उठाया है। जिले की विभिन्न कॉलोनियों में ईडब्ल्यूएस तथा एलआईजी वर्गों के लिए उपलब्ध जिन भूखंडों को अब तक उनके हकदारों को आवंटित नहीं किया गया, वे भूखंड अब संबंधित हकदारों को आवंटित किए जाएंगे। आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए कार्रवाई में तेजी लाइ गई है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा संबंधित कॉलोनाइजर्स की बैठक ली। उन्होंने कॉलोनाइजर्स को निर्देशित किया कि 10 मई से भूखंड आवंटन संबंधी प्रक्रिया आरंभ करें। इसके लिए कलेक्टर ने कॉलोनाइजरों को एक माह की डेडलाइन दी है।

कलेक्टर ने कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी। कॉलोनाइजर्स अपनी कॉलोनी में उपलब्ध भूखंडों की जानकारी तथा आवेदन संबंधी विज्ञप्ति समाचार-पत्रों में प्रकाशित करें। शासन के प्रावधानों के तहत हकदारों को उनका हक मिलना चाहिए। विज्ञप्ति प्रकाशन के बाद कॉलोनाइजर्स पात्र व्यक्तियों से आवेदन लेंगे करेंगे। इसके बाद पात्र व्यक्तियों को सूचीबद्ध कर सूची कलेक्टर कार्यालय में उपलब्ध कराई जाएगी। वहां परीक्षण कर अंतिम रूप दिया जाएगा। कलेक्टर के अनुमोदन बाद पात्र व्यक्तियों को भूखंड आवंटित करने की कार्रवाई होगी।

28 कॉलोनियों में 842 भूखंड उपलब्ध, अब तक कि परीक्षण में  

कलेक्टर ने बताया कि अभी तक परीक्षण में जिले की 28 कालोनियों में 842 भूखंडों की उपलब्धता सामने आई है। इनमें ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 487 तथा एलआईसी वर्ग के लिए 355 भूखंड शामिल हैं। अब भी परीक्षण जारी है। तय है अभी और भूखंडों की जानकारी मिलेगी। जिन कॉलोनाइजर्स द्वारा नियमानुसार संबंधित वर्गों को भूखंड आवंटित नहीं किए गए हैं उनकी कॉलोनियों में उपलब्ध भूखंड अब प्रशासन संबंधित वर्गों को आवंटित करवाने जा रहा है।

भूखंड आवंटन में मिली अनियमितता तो होगी कार्रवाई

कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि प्रशासन के निर्देश के बाद यदि संबंधित कॉलोनाइजर्स द्वारा आवंटन की कार्रवाई नहीं की जाएगी तो उक्त कार्य प्रशासन द्वारा किया जाएगा। पूर्व में भी यदि भूखंड आवंटन में अनियमितता की गई है तो उसकी जांच की जाएगी।कॉलोनाइजर्स को निर्देशित किया गया कि विज्ञप्ति प्रकाशन के तीन दिवस पूर्व विज्ञप्ति प्रारूप प्रशासन को उपलब्ध कराया जाए। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन व्यक्तियों को भूखंड आवंटित किए जाएंगे वे अन्य किसी को विक्रय नहीं कर सकेंगे इसके लिए समय सीमा शर्त लागू की जाएगी। उन व्यक्तियों को आवास निर्माण के लिए बैंकों से ऋण सुविधा हेतु प्रशासन मदद करेगा। कॉलोनाइजर अपनी कॉलोनी में उपलब्ध ईडब्ल्यूएस, एलआईजी भूखंडों के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार करें। बैठक में डिप्टी कलेक्टर कृतिका भीमावद, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अरुण पाठक भी उपस्थित थे।

कॉलोनियों में उपलब्ध ईडब्ल्यूएस तथा एलआईजी वर्ग के लिए रिक्त भूमि तथा प्लॉट

सम्यक रिसोर्सेज रतलाम : ईडब्ल्यूएस की 1605 वर्ग मीटर मीटर भूमि। एलआईजी की 42.80 वर्ग मीटर मीटर भूमि

सम्यक गोल्ड सिटी कॉलोनी : जी-2 ब्ल\क तथा एलआईजी के 73 भूखण्ड>

आदिनाथ सिटी करमदी रोड : ईडब्ल्यूएस की 430 वर्ग मीटर मीटर भूमि तथा एलआईजी के 22 भूखण्ड।

ग्रीन सीटी अशोक नगर : ईडब्ल्यूएस की 465 वर्ग मीटर मीटर भूमि तथा एलआईजी के 23 भूखण्ड।

अंजनिधाम कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 26 भूखण्ड तथा एलआईजी के 13 भूखण्ड

अरिहन्त परिसर सेक्टर-1 : ईडब्ल्यूएस के 57 भूखण्ड।

निमंत्रण डेवलपर्स कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 7 भूखण्ड एलआईजी का 1 भूखण्ड।

अष्ट विनायक रेसीडेंसी कॉलोनी : एलआईजी के 3 भूखण्ड।

एक्सप्रेस सिटी ग्रामीण क्षेत्र : ईडब्ल्यूएस के 12 भूखण्ड तथा एलआईजी के 11 भूखण्ड।

पुखराज रेसीडेंसी कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 6 भूखण्ड तथा एलआईजी के 5 भूखण्ड।

श्री कृष्णविहार कॉलोनी ग्राम धराड : ईडब्ल्यूएस के 17 भूखण्ड।

मिड टाउन कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 11 भूखण्ड व एलआईजी के 8 भूखण्ड

मंगलम सिटी कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 5 भूखण्ड।

ग्लोबस रियल एस्टेट डेवलपर्स : ईडब्ल्यूएस का 1 भूखण्ड

समता सिटी कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 36 तथा एलआईजी का 1 भूखण्ड।

शत्रुंजय विहार कॉलोनी करमदी : ईडब्ल्यूएस के 5 भूखंड।

शुभम् रेसीडेंसी कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 24 भूखंड।

त्रिपुंड रियल एस्टेट एंड डेवलपर्स की रतलाम ग्रामीण : ईडब्ल्यूएस के तथा एलआईजी के 9 भूखण्ड।

चन्द्रप्रकाश भण्डारी की ग्राम हापुखेडी कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 9 तथा एलआईजी के 8 भूखण्ड।

शगुनश्री कॉलोनी ऊकाला रोड बजरंग नगर तथा महू-नीमच रोड : ईडब्ल्यूएस के 30 तथा एलआईजी के 20 भूखण्ड।

मोहन परिसर जावरा : ईडब्ल्यूएस का जी-प्लस 2 ब्लॉक

राजेन्द्र जैन परिसर जावरा : ईडब्ल्यूएस के 10 भूखण्ड एलआईजी के 4 भूखण्ड।

रत्नराज परिसर कॉलोनी ग्राम सेजावत : ईडब्ल्यूएस की 1317 वर्गमीटर भूमि तथा एलआईजी की 878 वर्गमीटर भूमि

अनिल कुमार दसेड़ा जावरा की कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 84 भूखण्ड तथा एलआईजी के 54 भूखण्ड।

शिवधाम कॉलोनी आलोट : ईडब्ल्यूएस के 30 भूखण्ड एलआईजी के 9 भूखण्ड।

शिववाटिका कॉलोनी आलोट : ईडब्ल्यूएस के 6 भूखण्ड एलआईजी के 4 भूखण्ड।

सी.एस. एवेन्यू कस्बा विक्रमगढ आलोट : ईडब्ल्यूएस के 36 भूखण्ड एलआईजी के 24 भूखण्ड।

वीआईपी कॉलोनी आलोट : ईडब्ल्यूएस के 33 भूखण्ड एलआईजी के 24 भूखण्ड।

पार्श्वनाथ विहार कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 15 भूखण्ड एलआईजी के 10 भूखण्ड

अरिहन्त विहार कॉलोनी : ईडब्ल्यूएस के 12 भूखण्ड एलआईजी के 8 भूखण्ड।

आर.एम. टाउनशिप कॉलोनी ताल : ईडब्ल्यूएस के 30 भूखण्ड एलआईजी के 20 भूखण्ड।

आनन्द विहार कॉलोनी सैलाना : ईडब्ल्यूएस के भूखण्ड।

विजय रियल एस्टेट सैलाना : ईडब्ल्यूएस के 15 भूखण्ड तथा एलआईजी के 10 भूखण्ड।