बिना लाइसेंस और अनुमति के कपास बेचा या खरीदा तो दर्ज हो जाएगी एफआईआर, राजसात हो जाएगा अवैध बीज, निरीक्षण दल गठित

सरकार ने कबास के बीज के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए योजना बनाई है। अगर कोई बिना लाइसेंस के अवैध तरीके से बीच बेचता या खरीदता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगी।

बिना लाइसेंस और अनुमति के कपास बेचा या खरीदा तो दर्ज हो जाएगी एफआईआर, राजसात हो जाएगा अवैध बीज, निरीक्षण दल गठित
बीटी कॉटन।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिले में निकट भविष्य में कपास के बीज का क्रय-विक्रय किया जाना है। प्रदेश में बिकने वाली संकर बी.टी. कपास किसमों की विक्रय अनुमति राज्य शासन द्वारा की जाती है। राज्य शासन के बिना अनुमति के संकर बी.टी. कपास का क्रय-विक्रय किया जाना शासन के निर्देशों का उल्लंघन होगा। ऐसा पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक विजय चौरसिया ने बताया जो भी कम्पनी संकर बी.टी. कपास किस्मों का जिले में क्रय-विक्रय, भण्डारण एवं परिवहन करना चाहती हैं उसकी अनुमति एवं पी.सी. अपने लायसेंस में जुड़वाकर ही क्रय-विक्रय, भण्डारण एवं परिवहन करना सुनिश्चित करें। ऐसा नहीं पाए जाने पर अन्यथा आपके विरुद्ध बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 एवं बीज नियंत्रण आदेश 1983 की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी। यदि अवैध रुप से क पास का क्रय-विक्रय, भण्डारण एवं परिवहन करना पाए जाने पर कपास बीज को राजसात करते हुए एफआईआर दर्ज की जाएगी।

विकासखण्ड, तहसील स्तरीय निरीक्षण दल गठित

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने विकासखंड व तहसील स्तरीय निरीक्षण दल गठित किए हैं। इसका उद्देश्य जिले में गुण नियंत्रण को दृष्टिगत रखते हुए किसानों को उत्तम गुणवत्ता का उर्वरक, बीज, पौध संरक्षण औषधि प्राप्त हो एवं बाजार में अमानक स्तर के आदान की बिक्री पर रोक लगाने के साथ-साथ आदान सामग्री वास्तविक कीमत पर क्रेडिट, कैशमेमो सहित किसानों को प्राप्त हो, यह प्रयास करना है।

उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास चौरसिया ने बताया कि उक्त संयुक्त गठित निरीक्षण दल उर्वरक बीज एवं कीटनाशक निरीक्षक द्वारा आदान विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों, गोदामों का सघन निरीक्षण कर नियमानुसार नमूने लेने की कार्यवाही भी करेंगे। किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985, बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968, बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 एवं कीटनाशी नियम 1971 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करेंगे।

कीटनाशक, खाद्य सामग्री व पशु आहार एक साथ परिवहन करना घातक

कीटनाशक औषधि निर्माता कम्पनियां एवं डीलर्स द्वारा कीटनाशाक औषधियों का परिवहन जिस वाहन से किया जाता है, उसी वाहन में मानव खाद्य सामग्री एवं पशु आहार का परिवहन एक साथ किया जा रहा है। चूंकि कीटनाशक औषधि एवं मानव खाद्य सामग्री व पशु आहार को एक साथ परिवहन करने से खाद्य सामग्री एवं पशु आहार विषैला हो सकता है तथा इसके सेवन से जनहानि एवं पशु हानि हो सकती है।

उपसंचालक चौरसिया ने बताया कि अगर जनहानि एवं पशु हानि होती है तो संबंधित कम्पनी, डीलर एवं परिवहनकर्ता को जवाबदार मानते हुए भादवि के तहत कार्यवाही की जाएगी। उक्त सामग्री साथ-साथ परिवहन एवं भण्डारण करना कीटनाशक अधिनियम 1968 एवं कीटनाशी नियम 1971 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है। अगर इस प्रकार कोई कम्पनी एवं डीलर्स ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कीटनाशी अधिनियम एवं नियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।