फैसला : घर पर पत्थर फेंकने वाले की लाठियों से पीटकर की थी हत्या, न्यायालय ने पिता-पुत्र सहित तीन अभियुक्तों को दिया आजीवन कारावास
रतलाम के द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने पिता-पुत्र सहित तीन अभियुक्तों को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशीष श्रीवास्तव ने हत्या के मामले में पिता-पुत्र सहित तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्तों पर अर्थदंड भी किया गया है। अभियुक्तों ने उनके घर पर पत्थर फेंकने वाले एक व्यक्ति की लाठियों से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने बताया कि दिनेश पिता राजू डामर निवासी जुलवानियापाड़ा थाना बिलपांक का शव 13 सितंबर 2021 को उसके ही घर पर ही मिला था। पता चलने पर इसकी जानकारी उसके भाई धर्मेंद्र डामर ने पुलिस को दी थी। इसके आधार पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया था। प्रकरण की जांच निरीक्षक दीपक शेजवार द्वारा की गई। प्रकरण में साक्षियों के कथन एवं वैज्ञानिक साक्ष एकत्र किए गए।
लाठियों से पीटा और एफआईआर भी दर्ज करवा दी
पुलिस की जांच में सामने आया कि दिनेश डामर 12 सितंबर 2021 की रात 9:00 से 10:00 बजे के लगभग अर्धनग्न अवस्था में शोभाराम तथा मोहन के घर की तरफ पत्थर फेंक रहा था। इस पर शोभाराम, उसके पुत्र बबलू तथा मोहन ने मिलकर दिनेश के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की। इससे दिनेश को गंभीर चोटें आईं और वह अचेत होकर नीचे गिर गया था। इतना ही नहीं पीटने के बाद आरोपी बबलू उपसरपंच भरत के घर पहुंचा। उसने बताया कि दिनेश ने मोहन तथा शोभाराम के साथ पत्थर से मारपीट कर घायल कर दिया है। उप सरपंच ने उन्हें इस बारे में थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी थी। इसके बाद आरोपियों ने दिनेश के विरुद्ध बिलपांक थाने में शिकायत की तो पुलिस ने उसके विरुद्ध भादंवि की धारा 294, 323, 506 में प्रकरण दर्ज कर लिया था।
14 साक्षियों के हुए बयान
वस्तुस्थिति स्पष्ट होने पर पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया था। जहां द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष अभियोजन द्वारा 14 साक्षियों के कथन करवाए तथा वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत किए। साक्ष्य एवं दस्तावेजों से संतुष्ट होकर न्यायालय ने दिनेश की हत्या के जुर्म में बबलू पिता मोहनलाल डामर (28), शोभाराम पिता शंभु डामर तथा मोहनलाल पिता थावर को दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को ₹1000 जुर्माने से दंडित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभिजक संजीव सिंह चौहान ने की।