रक्षाबंधन के दिन रतलाम जिले की वीरांगना बहन को मिलेगा अनूठा उपहार, ...ताकि अमर हो सके उसके पति की शहादत

शहीद समरसता मिशन द्वारा जिले के गुणावद में शहीद कन्हैयालाल जाट की स्मृति में राष्ट्र शक्ति स्थल बनाया गया है। यह रक्षाबंधन पर शहीद की पत्नी और परिवार को समर्पित किया जाएगा।

रक्षाबंधन के दिन रतलाम जिले की वीरांगना बहन को मिलेगा अनूठा उपहार, ...ताकि अमर हो सके उसके पति की शहादत
शहीद समरसता मिशन के राहुल राधेश्याम, वीरांगना सपना जाट एवं प्रकाश गौड़।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम के लिए इस बार का रक्षाबंधन कुछ खास होने वाला है। इस दिन एक वीरांगना बहन को अनूठा उपहार मिलने वाला है। यह उपहार रुपया-पैसा, जवाहरात नहीं बल्कि सीमा पर शहादत देने वाले रतलाम के एक देशभक्त सपूत कन्हैयालाल जाट का स्मरक है। जिले के गुणावद गांव के इस बेटे की याद में बना राष्ट्र शक्ति स्थल रक्षाबंधन के दिन उनकी पत्नी सपना जाट और उनके परिवार को समर्पित किया जाएगा।

यह जानकारी रतलाम प्रेस क्लब पर आयोजित पत्रकार वार्ता में शहीद समरसता मिशन के केंद्रीय समन्वय टोली के सदस्य राहुल राधेश्याम एवं प्रदेश संयोजक प्रकाश गौड़ ने बताई। इस दौरान उज्जैन संभाग प्रभारी एवं शहीद कन्हैयालाल जाट की वीरांगना पत्नी सपना जाट भी उपस्थित थीं। उन्होंने बताया शहीद समरसता मिशन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मिशन से जुड़े लोगों द्वारा उन जिलों में राष्ट्रीय शक्ति स्थल का निर्माण किया जाने का बीड़ा उठाया गया है जहां का कोई वीर सपूत शहीद हुआ है। इसी कड़ी गत मई, 2021 में भारतीय सेना में पदस्थ रतलाम जिले के गुणावद निवासी कन्हैयालाल जाट ने शहादत दी थी। उनकी स्मृति में उनके पैतृक गांव गुणावद में राष्ट्र शक्ति स्थल का निर्माण किया गया। यहां शहीद की प्रतिमा स्थापित की गई है। अभी इस स्थल को सजाने-संवारने का कार्य जारी है। इसमें तकरीबन 5 लाख रुपए व्यय होंगे।

शहीद की पत्नी ने भाइयों से मांगा यह उपहार

वीरांगना सपना ने बताया कि उन्होंने मिशन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय संयोजक मोहन नारायण से उन्होंने अनुरोध किया था कि वे अपनी इस बहन को रक्षाबंधन के उपहार के रूप में शहीद पति की स्मृति में राष्ट्र शक्ति स्थल बना कर दें। मिशन ने महज 100 दिन के भीतर ही उनकी यह मांग पूरी कर दी। सपना के अनुसार मोहन भैया मुझे इस स्मारक के रूप में मेरा शहीद पति लौटा रहे हैं। यह स्थल रक्षाबंधन के दिन 30 अगस्त को सुबह 11 बजे एक समारोह में शहीद के परिवार को सौंपा जाएगा। 

65 जिलों में बन चुके हैं स्थल 

राहुल राधेश्याम ने बताया कि मिशन 2007 से सक्रिय है और वर्तमान में 11 राज्यों में कार्य कर रहा है। देशभर में 36 हजार राष्ट्रीय शक्ति स्थल बनाने का लक्ष्य है। अब तक करीब 65 जिलों में स्थल बन चुके हैं जिनमें से 8 मध्यप्रदेश में बने हैं, रतलाम का राष्ट्र शक्ति स्थल प्रदेश का 9वां है। उन्होंने बताया कि शहीदों की वीरांगनाओं को मिशन के तहत घर भी बनाकर दिए जा रहे हैं। इसमें लोग ही सहभागिता कर रहे हैं। सैनिकों की शहादत को सम्मान देने के इच्छुक लोग और संस्थाएं दान कर रही हैं। यह दान डिजिटल होने से पूरी तरह पारदर्शी है। 

शहीदों के परिवार को मिले 1 करोड़ की राशि

राहुल राधेश्याम ने बताया कि मिशन की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा देश की रक्षा में जो भी शहीद हो उसके परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि दी जाए। यह राशि शहीद के अंतिम संस्कार से पहले ही उसके परिवार को मिल जानी चाहिए। इससे हर माता-पिता, पत्नी, बहन, भाई के मन में अपने बेटे-बेटी व परिवार के सदस्य को सेना में भेजने को लेकर कोई संशय नहीं रहेगा। ऐसा होने पर बेटा भी सीमा पर परिवार के भविष्य को लेकर निश्चिंत रहेगा और सेवा दे सकेगा। पेंशन रिन्यूअल मिशन द्वारा शुरू किए गए एक अभियान की सफलता का उदाहरण है।