भगवान परशुराम और ब्राह्मण समाज को लेकर की घोषणाओं के लिए विप्र फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री शिवराज का माना आभार
रतलाम विप्र फाउंडेशन द्वारा भगवान परशुराम की जयंती पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित समारोह में रक्तदाताओं का सम्मान किया गया।
परशुराम जयंती पर फाउंडेशन ने रक्तदान शिविर आयोजित किया, वक्ताओं किया समाज से एकजुटता का आह्वान
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । परशुराम जयंती के अवसर पर विप्र फाउंडेशन ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया किया। मुख्यमंत्री द्वारा की गई भगवान परशुराम की जन्म स्थली जानापाव को श्री परशुराम लोक बनाने, उनका जीवन चरित्र पाठ्यपुस्तक में शामिल करने, ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की स्थापना, संस्कृत और कर्मकांड का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने, मंदिरों की भूमि के संबंध में आवश्यक अधिकार देने की घोषणा को फाउंडेशन ने सराहनीय कदम बताया।
फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया इस संबंध में हाल ही में मुख्यमंत्री के रतलाम प्रवास के दौरान ज्ञापन भी दिया गया था। इसमें बताया गया था कि राजस्थान सरकार ने विप्र कल्याण बोर्ड की स्थापना हाल ही में की है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश सरकार से भी इसी तरह का निर्णय लेने की अपेक्षा की गई थी। शर्मा ने बताया विप्र फाउंडेशन की रतलाम जिला इकाई द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि महंत आत्मानंद सरस्वती एवं मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. संजय दुबे थे। वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी, पूर्व उप महापौर सतीश पुरोहित, महिला नेत्री अदिति दवेसर, पार्षद सपना त्रिपाठी भी मंचासीन रहीं।
भारत की संस्कृति व सभ्यता की रक्षा का दायित्व ब्राह्मण समार पर- आत्मानंद सरस्वती जी
महंत आत्मानंद सरस्वती ने कहा कि ब्राह्मण समाज ने सदैव देश का मार्गदर्शन किया है और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति में इस समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान समय में जो चुनौतियां ब्राह्मण समाज के समक्ष हैं उसका मुकाबला एकजुटता से ही संभव है। भारत की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा का दायित्व ब्राह्मण समाज पर है।
विप्र फाउंडेशन के प्रत्न प्रसंसनीय- डॉ. दुबे
डॉ. दुबे ने विप्र फाउंडेशन द्वारा देशभर में चलाए जा रहे रचनात्मक कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा ऐसा क्षेत्र है जिसमें समाज के हर वर्ग को मदद की आवश्यकता होती है। इस दिशा में फाउंडेशन द्वारा हो रहे प्रयत्न प्रशंसनीय हैं।
ब्राह्मण याचक नहीं, मदद करने वाला समाज है- शरद जोशी
वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी ने कहा कि ब्राह्मण को याचक के रूप में देखा जाता है जबकि वह याचक नहीं हमेशा मदद करने वाला समाज है। अफसोस है कि आज शासन और समाज द्वारा इसकी उपेक्षा की जा रही है। इसके लिए हम भी जिम्मेदार हैं क्योंकि हम संगठित नहीं हैं।
गुरुकुल और आवासीय विद्यालयों की ओर ध्यान पर जोर
पुरोहित और दवेसर ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को रचनात्मक दिशा देने के साथ ही स्वयं के रोजगार पर भी ध्यान देना चाहिए। शासन को चाहिए कि वह ब्राह्मण समाज की परम्परा को कायम रखने के लिए गुरुकुल और आवासीय विद्यालयों की ओर ध्यान दे ताकि कर्मकांड और मंदिर की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा सके।
फिर भी हस्ती मिटती नहीं हमारी... -संजय शर्मा
अध्यक्ष शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि आज देशभर में फाउंडेशन द्वारा व्यापक पैमाने पर परशुराम जयंती मनाई जा रही है। प्राय: सभी जगह रक्तदान शिविर आयोजित किए गए है, जिसमें 14 हजार से अधिक रक्तदाताओं द्वारा रक्तदान किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए कई प्रयास हो रहे हैं, लेकिन कुछ बात तो है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, मिट गए हमे मिटाने वाले।
रक्तदान करने वालों का किया सम्मान
मानव सेवा समिति ब्लड बैंक पर रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया। इसमें समाजसेवियों ने रक्तदान जैसे महादान में भाग लिया। रक्तदान अभियान में सहयोग करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का भी स्वागत किया गया।
ये रहे उपस्थित
आयोजन में पूर्व मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीप व्यास, समाजसेवी गोविन्द काकनी, नवीन व्यास, राकेश पीपाड़ा, कुलदीप माहेश्वरी, सोनू यादव, हेमेन्द्रसिंह बारठ, जुगल पंड्या, वैभव व्यास, रवि शर्मा, पार्षद विशाल शर्मा, पार्षद हितेश कामरेड, यतीन्द्र भारद्वाज, विजय शर्मा, अभिषेक पटेल, सिद्धार्थ पंड्या, स्नेहिल उपाध्याय, डा. कमल तिवारी, राजू हाकी, राजू सुरोलिया, मनीष शर्मा, विवेक शर्मा, मनोज शर्मा, मोहनलाल शर्मा आदि उपस्थित थे। संचालन शांतिलाल शर्मा ने किया। आभार कार्यक्रम संयोजक विजय शर्मा व जुगल पंड्या ने माना।