DP ज्वैलर्स के विरुद्ध परशुराम कल्याण बोर्ड दर्ज कराएगा FIR, रामचरितमानस की पवित्र चौपाई को तोड़-मरोड़ कर छापने का मामला

मप्र परशुराम कल्याण बोर्ड की रतलाम नगर इकाई ने स्वर्ण आभूषण निर्माता और विक्रेता डीपी ज्वैलर्स के खिलाफ FIR दर्ज कराने का निर्णय लिया है। पढ़े पूरा मामला...

DP ज्वैलर्स के विरुद्ध परशुराम कल्याण बोर्ड दर्ज कराएगा FIR, रामचरितमानस की पवित्र चौपाई को तोड़-मरोड़ कर छापने का मामला
परशुराम कल्याण बोर्ड डीपी ज्वैलर्स के खिलाफ दर्ज करवाएगा एफआईआईर।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । स्वर्ण आभूषण निर्माता और विक्रेता फर्म डीपी ज्वैलर्स द्वारा विज्ञापन में श्री रामचरितमानस की पवित्र चौपाई को तोड़-मरोड़ कर प्रकाशित करने पर मप्र परशुराम कल्याण बोर्ड की नगर इकाई ने नाराजगी जताई है। बोर्ड के पदाधिकारियों का कहना है कि इसके लिए संस्थान के जिम्मेदारों को इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए। बोर्ड द्वारा धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए संस्थान के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।

परशुराम कल्याण बोर्ड के नगर अध्यक्ष सुनील दुबे एवं सचिव चेतन्य शर्मा ने बताया कि बताया कि डीपी ज्वैलर्स द्वारा अपने व्यापारिक फायदे के लिए हमारे धार्मिक ग्रंथ तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरितमानस की एक चौपाई के एक हिस्से को बदल कर विज्ञापन में प्रकाशित किया गया है। प्रकाशन भी विजयादशमी जैसे पर्व पर हुआ है जिस दिन आराध्य देव श्री राम जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इससे सनातन धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हुई हैं और लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं।

दुबे एवं शर्मा ने बताया कि हिन्दुओं और सनातन समाज के लिए भगवान श्री राम आराध्य हैं श्री रामचरित मानस उनके आदर्श जीवन पर केंद्रित धर्मग्रंथ होकर सभी के लिए पूजनीय है। ऐसे किसी भी धार्मिक प्रतीक, मंत्र, श्लोक, दोहा, चौपाई, आराध्य आदि का अपने निजी फायदे के लिए छेड़छाड़ करना या दुरुपयोग करना सरासर गलत है। इसके लिए संस्थान से सर्व सनातन समाज से माफी मांगने की अपेक्षा की गई है। ऐसा कुत्सित प्रयास भविष्य में कोई और न करे, इसके लिए परशुराम कल्याण बोर्ड की नगर इकाई द्वारा संस्थान और इसके जिम्मेदारों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।

कारोबार बढ़े, धृष्टता न हो

पदाधिकारीद्वय का कहना है कि रतलाम की पहचान देश और प्रदेश में सोने की शुद्धता को लेकर भी है। यह विश्वास यहां के व्यापारियों ने अपनी ईमानदारी और वनचनबद्धता से कमया है। फिर किसी भी शहर, जिला, प्रदेश, देश की प्रगति वहां के स्थानीय व्यापार-व्यवसाय के उतरोत्तर पनपने से ही संभव है। इसलिए, परशुराम कल्याण बोर्ड भी चाहता है कि हमारे शहर और जिले का कारोबार बढ़े लेकिन उसके लिए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी प्रकार की धृष्टता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर सख्त आपत्ति और कार्रवाई की जाएगी। उधर, सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट प्रशान्त ग्वालियरी ने सोशल मीडिया पर इस मामले को उठाते हुए डीपी ज्वेलर्स के संचालकों से क्षमायाचना की मांग की है। 

यह है मामला जिसके कारण मचा बवाल : DP ज्वैलर्स की इतनी हिम्मत ? रामचरितमानस की पवित्र चौपाई को सोने के लालच में तोड़ा-मरोड़ा, सनातनियों में रोष !