रतलाम में रावण नहीं जला, सामान्य प्रशासन समिति चेयरमैन की कुर्सी डगमगाई, आया सदस्यों के इस्तीफों का तूफान, अगली बारी बाजार समिति की !
रतलाम नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला ! विजयादशमी पर 4 लाख के रावण ने जलने से किया इनकार। सामान्य प्रशासन समिति के सदस्यों ने चेयरमैन धर्मेंद्र व्यास पर आरोप लगाकर सामूहिक इस्तीफा दिया, पर BJP के दबाव में वापस लिया। बाजार समिति में भी बवाल की सुगबुगाहट। पूरी खबर पढ़ें।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नगर निगम के कतिपय भ्रष्टाचारी एमआईसी सदस्यों ने तो कुकृत्यों के मामले में रावण को भी पीछे छोड़ दिया है। विजयादशमी पर रावण के पुतले का आधा जलना ताजा उदाहरण है। चार लाख रुपए से अधिक में बने दो रावणों में से एक ने जलने से इनकार कर भ्रष्टाचारियों के मनसूबों पर ही पानी फेर दिया। इस पाप को अब कोई भी अपने सिर पर लेने को तैयार नहीं है। शुक्रवार को नगर निगम की सामान्य प्रशासन समिति के सभी सदस्यों ने तंग आकर सामूहिक इस्तीफा ही सौंप दिया। हालांकि, संगठन के दबाव के चलते उन्हें इस्तीफा वापस लेना पड़ा।
जानकारी अनुसार शनिवार को एक पेड़ मां के नाम रोपने का महाअभियान चलाया जाना है। इसके लिए शुक्रवार को नगर निगम में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी। इसमें पार्षदों के अलावा भाजपा नेता मनोज शर्मा, दो मंडल अध्यक्ष भी उपस्थित थे। इस दौरान भाजपा पार्षदों ने विजयादशमी पर रावण के पुतले के नहीं जलने से हुई नगर निगम की किरकिरी का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई। इतना ही नहीं दोपहर करीब तीन बजे सामान्य प्रशासन समिति के सदस्यों ने नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा को सामूहिक इस्तीफा ही सौंप दिया। इनमें परमानंद योगी, बलराम भट्ट, कविता चौहान, मनीषा चौहान, प्रीति कसेरा, धीरजकुंवर आदि के नाम शामिल बताए जाते हैं।
इस्तीफे की जानकारी मिलते ही मच गया हड़कंप !
सामान्य प्रशासन समिति के भ्रष्टाचारी चेयरमैन धर्मेंद्र व्यास से नाराज सदस्यों के सामूहिक इस्तीफे की बात आग की तरह फैली। जानकारी भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय सहित जिले के अन्य पदाधिकारियों तक भी पहुंच गई। बताया जा रहा है कि इस्तीफा देने वाले सभी सदस्य सीथी जिला अध्यक्ष उपाध्याय के पास ही पहुंच गए और अपनी व्यथा सुनाई। सूत्र बताते हैं कि सदस्यों ने एक-एक कर चेयरमैन व्यास के कई कारनामे बताए।
पार्टी की किरकिरी होने से बचाने के लिए इस्तीफा वापस लेने का दबाव
दशहरे पर रावण के नहीं जलने से भाजपा के नेतृत्व वाली नगर परिषद की भजीहत पहले ही हो चुकी है। संभवतः ऐसा पहली बार ऐसा हुआ जब रावण दहन को लेकर जनता को नगर निगम, महापौर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के मुर्दाबाद के नारे लगे। बताया जा रहा है कि इसे लेकर कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप भी नाराज हुए। ऐसे में इस्तीफा होने से भाजपा की और किरकिरी होती, इसलिए पार्टी पदाधिकारियों ने सामान्य प्रशासन समिति के सभी सदस्यों पर इस्तीफा वापस लेने का दबाव बनाया। इसके चलते सभी सदस्यों को इस्तीफा वापस लेना पड़ा।
बाजार समिति के सदस्यों में भी पनप रहा रोष
चर्चा है कि सामान्य प्रसासन समिति की ही तरह बाजार समिति के सदस्यों में भी अपने चेयरमैन दिलीप गांधी के विरुद्ध रोष पनप रहा है। वजह दोनों ही समितियों के चेयरमैनों को एकला चलो रे की कार्यप्रणाली है। बीते तीन साल से किसी भी मेलों के शुभारंभ व अन्य आयोजन में ये दोनों ही छाए रहते हैं। दोनों ही समिति के सदस्यों को प्रायः बुलाया नहीं जाता है। इससे क्षुब्द बाजार समिति के सदस्य दिलीप गांधी के क्रिया-कलापों से तंग आकर आगामी दिनों में इस्तीफे सौंप दें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।