सुभाष नगर ओवर ब्रिज के लिए पोल शिफ्टिंग का काम जल्द शुरू होगा, 2 करोड़ 44 लाख रुपए आएगी लागत- विधायक चेतन्य काश्यप
रतलाम के सुभाषनगर रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण में बाधक बन रहे बिजली पोल हटाने का काम जल्द शुरू होगा। विधायक चेतन्य काश्यप द्वारा किए प्रयास से इसका रिवाइज एस्टीमेट बनने के साथ ही अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत हो गई है।
पोल शिफ्टिंग के लिए लोक निर्माण विभाग ने शुरू की तैयारी, रेलवे भी जल्द गर्डर डालेगा
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सुभाष नगर रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य काफी समय से अटका है। इसकी एक वजह बिजली पोल की शिफ्टिंग नहीं होना है। पोल शिफ्टिंग का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इस कार्य में 2 करोड़ 44 लाख रुपए की लागत आएगी। इसके लिए विधायक चेतन्य काश्यप द्वारा विगत काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे जिन्हें सफलता मिल गई है।
लंबे समय से अटका पोल शिफ्टिंग का कार्य आने वाले दिनों में गति पकड़ेगा। इस कार्य को लेकर विधायक काश्यप प्रयासरत थे। इसके चलते मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से भी चर्चा की गई थी। भोपाल जाकर विभाग से जुडे़ अधिकारियों से चर्चा कर रिवाइज एस्टीमेट तैयार कर अतिरिक्त राशि स्वीकृत करने की मांग की गई थी। इसके चलते सरकार ने 13 करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि स्वीकृत कर दी। पूर्व में 23 करोड़ 27 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई थी। रिवाइज एस्टीमेट तैयार होने के बाद यह राशि बढ़कर 36 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक हो गई है।
विधायक काश्यप के लगातार प्रयास के बाद लोक निर्माण विभाग ने पोल शिफ्टिंग कार्य करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। रेलवे लाइन के आस-पास के पोल की केबल खोलने का काम भी हो चुका है। उक्त कार्य होने से अब रेलवे उसके हिस्से पर लाइन के ऊपर गर्डर डालने की तैयारी में जुट गया है। आगामी कुछ दिनों में उक्त कार्य की शुरुआत हो जाएगी।
अभी यहां पड़ रहा ट्रैफिक का लोड
रेलवे के द्वारा गर्डर डालने के साथ ही ब्रिज निर्माण से जुड़ा यह कार्य गति पकड़ लेगा। पोल शिफ्टिंग कार्य में लगभग 2 करोड़ 44 लाख रुपए से अधिक की लागत आएगी। रेलवे साइड के पोल हटाए जाने का कार्य बिजली कंपनी करेगी। सुभाष नगर फाटक से हर दिन सैकड़ों वाहनों की आवाजाही बनी रहती थी। ब्रिज निर्माण कार्य के चलते फाटक बंद होने से यहां के ट्रैफिक का पूरा लोड डोंगरानगर, सैलाना बस स्टैंड, कस्तूरबा नगर, राम मंदिर क्षेत्र में बढ़ गया है। तकनीकी कारणों से काम लेट होने से ब्रिज की लागत में इजाफा हो गया था, जिसके चलते लंबे समय तक काम बंद रहा था। बाद में रिवाइज एस्टीमेट भेजकर शासन से राशि स्वीकृत कराकर मुआवजे की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई है।