ये रिवाज नहीं अपराध है ! 63 वर्षीय पादरी ने 12 साल की बच्ची से रचाई शादी, 6 साल पहले ही चुन लिया था बच्ची को, हर तरफ हो रही थू-थू

63 साल के एक पादरी द्वारा 12 साल की लड़की से शादी रचाने का एक मामला सामने आया है। पादरी ने बच्ची को 6 साल पहले ही अपने लिए चुन लिया था। मामले में एक सांसद ने पादरी को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने को लेकर याचिका दायर की गई है।

ये रिवाज नहीं अपराध है ! 63 वर्षीय पादरी ने 12 साल की बच्ची से रचाई शादी, 6 साल पहले ही चुन लिया था बच्ची को, हर तरफ हो रही थू-थू
63 साल के पादरी ने 12 साल की बच्ची से रचाई शादी।

एसीएन टाइम्स @ डेस्क । अफ्रीका महाद्वीप के घाना से बाल विवाह निषेध कानून के उल्लंघन से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। यहां 63 साल के बुजुर्ग पादरी ने 12 साल की बच्ची से शादी रचा ली। चौंकाने वाली बात यह है कि पादरी ने बच्ची को अपनी पत्नी के रूप में तभी चुन लिया था जब वह महज 6 साल की थी। इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं। एक सांसद ने इस मामले में संज्ञान लेकर कानूनी कार्रवाई के लिए आवाज उठाई है।

घाना की प्रमुख न्यूज वेबसाइट घाना न्यूज प्लेस (Ghana News Place) की रिपोर्ट के अनुसार घाना के नंगुआ में 63 साल के एक प्रभावशाली पादरी ग्बोर्गबू वुलोरमोर (नुउमो बोरकेटे लावे XXXIII) ने 12 साल की बच्ची से शादी की है। जानकारी के अनुसार ईसाई पादरी को कुँवारी लड़की से शादी करनी थी और नुंगुआ में उस बच्ची के अलावा फिलहाल एक भी कुंवारी लड़की नहीं है जिसकी उम्र नौ साल से ज्यादा हो। इसलिए पादरी ने उस बच्ची को अपनी दुल्हन चुना।

न्यूज वेबसाइट की खबर को सच मानें तो पादरी ने अपनी दुल्हन बनाने के लिए बच्ची का चुनाव करीब 6 साल पहले ही कर लिया था। तब बच्ची की उम्र महज 6 साल ही थी। बताया जा रहा है कि शादी की रस्म के बाद अब लड़की के शुद्धिकारण के लिए पारंपरिक समारोह भी होना है। इसके बाद वह पादरी की पत्नी बनकर जीवन बिताएगी और मिस ना ओक्रोमो के रूप में जानी जाएगी।

आखिर, यह कैसा रिवाज़ ?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिस समुदाय और क्षेत्र में यह बेमेल विवाह हुआ है वहां एक पुराना रिवाज है। इसके अनुसार ईसाई पादरी को एक कुंवारी लड़की से शादी करनी होती है। कुंवारी लड़की से तो सभी विवाह करना चाहते हैं लेकिन उसके लिए विभिन्न देशों में लागू कानूनों में विवाह के लिए लड़की की उम्र भी निर्धारित है। ज्यादातर देशों में विवाह के लिए लड़की की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष तय है। इसके बाद उक्त विवाह पुलिस की मौजूदगी में होने की बात सामने आई हैं। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर अभी तक बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

घाना में भी नहीं है अनुमति

घाना में भी आधिकारिक तौर पर बाल विवाह की अनुमति नहीं है। घाना के संविधान तथा 1998 का ​​बाल अधिनियम विवाह के लिए कानूनी उम्र 18 वर्ष निर्धारित करता है। यह बाल विवाह पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाता है। इसमें उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान भी है। घाना का संविधान उन प्रथागत प्रथाओं को प्रतिबंधित करने करने को लेकर स्पष्ट है जो किसी व्यक्ति की भलाई के लिए अमानवीय या हानिकारक हैं।

सांसद ने दायर की याचिका

मामले में मदीना के संसद सदस्य फ्रांसिस ज़ेवियर सोसू ने आवाज उठाई है। सोसू मानवाधिकार मामले के जानकार वकील एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की है। इसमें मामले की गहन जांच और इसमें शामिल बच्ची के लिए न्याय सुनिश्चित करने की मांग की गई है। सांसद ने अपनी याचिका में पादरी की गिरफ्तारी और उसके विरुद्ध मुकदमा चलाने की मांग की है।

सांसद ज़ेवियर सोसू के अनुसार यह विवाह अधिनियम बाल देखभाल और संरक्षण पर स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों कानूनों का उल्लंघन करता है, इसे आपराधिक माना जाना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और घाना के कानूनी ढांचे का हवाला देते हुए, याचिका में जोर दिया गया है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे का विवाह अवैध और शून्य है।

बच्ची और मां पुलिस की सुरक्षा में

जानकारी के अनुसार घाना पुलिस सेवा ने अकरा के नुंगुआ में 12 वर्षीय लड़की का पता लगाया है। लड़की और उसकी मां दोनों अब घाना पुलिस सेवा की सुरक्षा में हैं। घाना पुलिस सेवा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मामले की जांच जारी है। जांच पूरी होने तक लड़की को आवश्यक सहायता मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए लिंग, बाल और सामाजिक संरक्षण मंत्रालय तथा समाज कल्याण विभाग के साथ सहयोग करने के प्रयास किए जा रहे हैं।