BJP पार्षद V/S ठेकेदार : नगर निगम की फाइलें लेकर घूमते हैं ठेकेदार, अपने घर भी ले जाते हैं, कहते हैं- हम अफसरों और कर्मचारियों को देते हैं भारी कमीशन

भाजपा पार्षद ने नगर निगम के ठेकेदारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आयुक्त को की गई शिकायत में ठेकेदारों पर निगम की फाइलें लेकर घूमन और अपने घर ले जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आयुक्त से ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।

BJP पार्षद V/S ठेकेदार : नगर निगम की फाइलें लेकर घूमते हैं ठेकेदार, अपने घर भी ले जाते हैं, कहते हैं- हम अफसरों और कर्मचारियों को देते हैं भारी कमीशन
भाजपा पार्षद रत्नदीप सिंह राठौर आयुक्त हिमांशु भट्ट को ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग का पत्र सौंपते हुए।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नगर निगम में पहले अफसरों और ठेकेदारों के बीच ठनी थी और अब ठेकेदारों और पार्षदों के बीच खींचतान जारी है। पहले ठेकेदारों ने पार्षदों के खिलाफ शिकायत की थी और अब पार्षदों ने ठेकेदारों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। नगर निगम आयुक्त को दी गई शिकायत में पार्षदों ने ठेकेदारों पर नियम विरुद्ध फाइलें लेकर घूमने और सरकारी काम में दखल देने का आरोप लगाया है।

वार्ड क्रमांक 6 के भाजपा पार्षद रत्नदीप सिंह राठौर ने आयुक्त हिमांशु भट्ट से मुलाकात कर लिखित शिकायत की। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि ठेकेदार नियम विपरीत कार्य कर रहे हैं। वे संबधित विभागों से टेंडर हासिल करते हैं और संबंधित कार्य की फाइल स्वंय लेकर घूमते हैं। वे निगम की फाइलें अपने घर पर भी ले जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इससे कोई मतलब नहीं है। भाजप पार्षद के अनुसार ठेकेदार कहते हैं कि ‘हम सिटी इंजीनियर, सब इंजीनियर, एकांउट एवं ऑडिट विभाग सहित सभी जगह भारी कमीशन देते हैं और फाइलों को भी हम ही सब जगह से स्वीकृत करवाते हैं। यह नियम विरुद्ध है।

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इंजीनियर दे देते हैं एमबी बुक

पार्षद ने आरोप लगाया कि निगम के इंजीनियर एम. बी. बुक भी ठेकेदार को दे देते हैं जबकि यह सिटी इंजीनियर के हस्ताक्षर के बाद ही जारी होती है। क्या यह बुक ठेकेदारों को देना उचित है? इतना ही नहीं ठेकेदार अपने कार्य की फाइलों को आवक-जावक में भी इंट्री तक नहीं करवाया जाता है। वे अपने हिसाब से इंट्री करवा लेते हैं। वे ही फाइलों को एक से दूसरे विमाग में ले जाते हैं। जबकि ऐसे किसी भी कार्य के लिए निगम में कर्मचारी हैं।

ठेकेदारों के लिए अवकाश के दिन खुलती है नगर निगम

भाजपा पार्षद के अनुसार नगर निगम में शासकीय अवकाश के दिनों में जनता के काम नहीं होते है, सारे स्टाफ की छुटटी रहती है। वहीं निगम में तथाकथित ठेकेदारों की आवाजाही अवकाश के दिन भी संबधित कार्यालय में रहती है और वे फाइलों का अवलोकन करते हैं। यह शासकीय कार्य में बाधा है। पार्षद ने कहा कि यदि अवकाश के दिन ठेकेदारों के लिए निगम खुल रही है तो आम जनता के कार्य के लिए भी खुलनी चाहिए। इससे लोगों की समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण हो सकेगा।

48 घंटे में ठेकेदार निगम में जमा करें फाइलें वरना...

पार्षद ने आयुक्त भट्ट से कहा है कि ठेकेदारों से सभी फाइलें नगर निगम में जमा कराने का आदेश प्रदान करें। आवक-जावक की जानकारी भी। अवकाश के दिन फाइलें अपने साथ ले जाने के लिए ठेकेदारों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराएं। इसके लिए पार्षद ने आयुक्त को 48 घंटे की डेडलाइन दी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 48 घंटे के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो वे कलेक्टर और उच्चाधिकारियों से शिकायत करेंगे।