ये चोरी अजब गजब है ! ट्रैफिक पुलिस बन कर उठा लेते थे महंगी कारें, फिर स्क्रैप में काट कर बेच देते थे पार्ट्स

दिल्ली की साउथ वेस्ट पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस बनकर कार चुराने वाले आरोपी और चोरी की कार खरीदने वाले स्क्रैप डीलरों को गिरफ्तार किया है।

ये चोरी अजब गजब है ! ट्रैफिक पुलिस बन कर उठा लेते थे महंगी कारें, फिर स्क्रैप में काट कर बेच देते थे पार्ट्स
दिल्ली में वर्दी वाला कार चोर और उसकी गैंग गिरफ्तार।

दिल्ली की साउथ वेस्ट पुलिस ने किया गैंग का भंडाफोड़ 

एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । साउट वेस्ट जिला पुलिस ने अजब-गजब चोरी करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग के आरोपी ट्रैफिक पुलिस बनकर क्रेन से महंगी कारें उठा लेते थे। बाद में वे इन कारों को स्क्रैप में काट कर बेच देते थे। पुलिस ने गैंग में शामिल स्क्रैप डीलरों को भी फी गिरफ्तार किया है। 

पुलिस के अनुसार वसंत कुंज बी ब्लॉक निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 15 मई को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ड्रेस में आया एक व्यक्ति उनकी टोयोटा कार क्रेन से उठा ले गया है। उन्होंने कार चोरी की आशंका जताई। इस पर पुलिस ने कार उठाने वाली क्रेन का रूट स्कैन किया तो पता चला कि क्रेन वाले ने कार कंझावला के स्क्रैप डीलर के पास छोड़ दिया था। पुलिस ने जब क्रेन के ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि एक युवक ने खुद को ट्रैफिक पुलिस वाला बताकर क्रेन बुक की थी। उसने वसंत कुंज से उठाई कार कंझावला के स्क्रैप डीलर के गोदाम पर छोड़ने की पुष्टि भी की।

गोदाम से मिलीं सिर्फ कार की बॉडी, क्योंकि...

पुलिस ने कंझावला इलाके में दबिश देकर स्क्रैप डीलर महेंद्र को गिरफ्तार किया। उसके गोदाम की तलाशी में वसंत कुंज से कार की सिर्फ बॉडी मिली। ऐसा इसलिए महेंद्र ने कार को स्क्रैप में काटकर पार्ट्स अलग-अलग करके बेच दिए थे। महेंद्र ने पुलिस को बताया कि उक्त कार कुसुमपुर पहाड़ी के अजय ने बेची थी। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने कुसुमपुर पहाड़ी पर दबिश देकर 29 वर्षीय आरोपी अजय को भी गिरफ्तार कर लिया। उसके पास ट्रैफिक पुलिस की वर्दी बरामद हुई। आरोपी युवक यही वर्दी पहन कर लोगों की कारें उठाता था।

लॉकडाउन के कारण नहीं चुका पाया उधार तो करने लगा चोरी

कार चोर गैंग के मास्टर माइंड अजय ने कोविड-19 शुरू होने के पहले ही दोस्तों से उधार लेकर एक जिम शुरू की थी। कुछ ही दिनों में कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया। इससे अजय को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। उधर लोग उधारी चुकाने के लिए अजय से तगादा करने लगे और दबाव भी बनाने लगे। इस समस्या से निजात पाने के लिए ही अजय ने चोरी शुरू कर दी।

ऐसे देता था चोरी को अंजाम

आरोपी अजय पहले आरटीओ की एप्लीकेशन के जरिए यह पता लगाता था कि कौन-कौन से नंबर की गाड़ी कंडम हो चुकी हैं या इसके करीब हैं। इसके बाद वह उनकी लोकेशन पता करता था और क्रेन लेकर पहुंच जाता था और कार उठा ले जाता था। इसके बाद वह कार महेंद्र को बेच देता था। महेंद्र कार को काट कर सारे पार्ट्स रोशन नामक व्यक्ति को बेच देता था। पुलिस ने मामले में तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को अजय के पास से तीन कारों के पार्ट्स तथा एक बाइक भी बरामद हुई है।