‘म्यूल अकाउंट’ फ्रॉड से सावधान ! आपके नाम से बैंक खाता खुलवाकर सायबर अपराध के लिए हो सकता है दुरुपयोग, जानिए- कैसे इस ठगी से कैसे बच सकते हैं आप

म्यूल अकाउंट खोलकर की जाने वाली सायबर ठगी से बचने के लिए रतलाम पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने इस पर अमल कर ठगी से बचने और दूसरों को भी बचाने की अपील की है।

‘म्यूल अकाउंट’ फ्रॉड से सावधान ! आपके नाम से बैंक खाता खुलवाकर सायबर अपराध के लिए हो सकता है दुरुपयोग, जानिए- कैसे इस ठगी से कैसे बच सकते हैं आप
म्यूल अकाउंट फ्रॉड को लेकर रतलाम पुलिस ने जारी की एडवाइजरी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । तकनीकी स्तर पर जितना तेजी से विकास हो रहा है, सायबर अपराधों का ग्राफ भी बढ़ रहा है। ‘म्यूल अकाउंट फ्रॉड’ (Mule Account Fraud) भी इसी तरह का एक अपराध है। इसमें आपके नाम से बैंक खाता खुलवाकर उसका दुरुपयोग कर सायबर अपराध को अंजाम दे सकता है। इससे बचने के लिए रतलाम पुलिस ने आमजन के लिए एडवाइजरी जारी की है। इस पर अमल कर आप ऐसी ठगी से खुद बच सकते हैं और दूसरों को भी ठगी का शिकार होने से बचा सकते हैं।

सायबर ठगी के नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत एसपी अमित कुमार (SP AMIT KUMAR) के निर्देशन पर एएसपी राकेश खाखा (ASP RAKESH KHAKHA) के मार्गदर्शन में रतलाम की सायबर क्राइम सेल द्वारा आम लोगों को लगातार सावधान और अपडेट किया जा रहा है। इसका उद्देश्य आपको सायबर फ्रॉड को लेकर जागरूक करना है और बचाव के लिए प्रेरित करना है। सायबर क्राइम सेल के अनुसार सायबर धोखेबाजों द्वारा आमलोगों को लालच देकर म्यूल अकाउंट खुलवाकर उसके माध्यम से ठगा जा रहा है। इससे बचने के संबंध में पुलिस ने एक और एडवाइजरी रतलाम पुलिस ने जारी की है।

म्यूल एकाउंट फ्रॉड क्या है?

म्यूल अकाउंट फ्रॉड एक प्रकार का बैंकिंग फ्रॉड है, जिसमें अपराधी आपके बैंक अकाउंट का उपयोग अवैध लेनदेन करने या सायबर फ्रॉड करने के लिए करते हैं। सायबर अपराधी आम लोगों को लालच देकर हर महीने एक निश्चित अमाउंट देने का लालच देकर उनके नाम से बैंक अकाउंट खुलवाकर उस बैंक अकाउंट की चेक बुक, एटीएम कार्ड, यूपीआई, ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग सायबर अपराधी के द्वारा किया जाता है। जिस व्यक्ति के नाम से बैंक खाता होता है उसे उसके खाते में हो रहे लेन-देन के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। सायबर अपराधियों द्वारा लोगों को ठगने के लिए इस प्रकार के बैंक खातों का उपयोग किया जाता है।

फर्जी सिम भी हो सकती है जारी

इसी प्रकार से आम लोगों के नाम से फर्जी सिम कार्ड का उपयोग किया जाता है। आम लोगों को कुछ लालच देकर उनके नाम से रजिस्टर्ड सिम कार्ड ले लेते हैं और इन सिम कार्ड का उपयोग सायबर फ्रॉड के लिए किया जाता है। किसी लालच में पड़कर जानबूझकर म्यूल बैंक अकाउंट और सिम कार्ड देने वाले की विरुद्ध भी कानूनी कारवाई की जा सकती है।

फैक सिम कार्ड की जानकारी ऐसे प्राप्त करें

TAFCOP पोर्टल के माध्यम से आप यह पता कर सकते हैं कि आपके नाम कितने सिमकार्ड रजिस्टर्ड हैं। यदि आपके नाम कोई सिम कार्ड रजिस्टर है और उसका उपयोग आपके द्वारा नहीं किया जा रहा है तो इसकी रिपोर्ट कर बंद भी करवा सकते हैं।

ऐसे बच सकते हैं आप

  • किसी लालच में आकर अपने नाम से कोई बैंक अकाउंट न खुलवाएं।
  • अपने बैंक अकाउंट की नियमित रूप से जांच करें।
  • अपने बैंक अकाउंट की जानकारी कभी भी किसी अनजान व्यक्ति को न दें।
  • अपने बैंक अकाउंट की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।
  • सिम कार्ड जारी करवाकर किसी को भी नहीं दें।

ऐसे करें म्यूल अकाउंट फ्रॉड की रिपोर्ट

यदि आपको लगता है कि आपके बैंक अकाउंट का उपयोग म्यूल अकाउंट फ्रॉड के लिए किया जा रहा है, तो अपने बैंक को सूचित करें और पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। आपके आसपास इस प्रकार की किसी गतिविधि में संलिप्त गिरोह या म्यूल बैंक खाते की जानकारी मिलती है तो तुरंत रतलाम पुलिस द्वारा जारी सायबर हेल्पलाइन नंबर 7049127420 पर सूचना प्रदान करे।

AI टेक्नोलॉजी से भी पता चलेगा फर्जी अकाउंट का

बता दें कि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नोटबंदी के बाद बैंकिंग फ्रॉड को रोकने और फर्जी बैंक खातों का पता लगाने फैसला किया है। आरबीआई फर्जी खातों का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी उपयोग कर 'म्यूलहंटर डॉट एआई' सिस्टम तैयार किया गया है। इसे रिजर्व बैंक इनोवेशन हब ने तैयार किया है। इससे फर्जी खातों का पता चलने के साथ ही ऐसे खातों के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी और अपराधों पर नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।