बड़ी खबर : भारत के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का ऐलान, 18 जुलाई को मतदान और 21 जुलाई को होगी मतगणना, जानिए- कैसे होगा महामहिम का चुनाव
भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल इसी 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे। इसके चलते रष्ट्रपति के चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीख घोषित कर दी है। चुनाव 18 जुलाई को होगा।
भारत के अगले राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का ऐलान गुरुवार दोपहर चुनाव आयोग ने कर दिया। राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा जबकि 21 जुलाई को मतगणना होगी।
एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके बाद भारत के 15वें राष्ट्रपति के लिए होने वाले चुनाव की तारीख और कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार दोपहर जारी कार्यक्रम के अऩुसार चुनाव 18 जुलाई को होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार एवं अनूप चंद्र पांडे ने चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 15 जून को जारी होगी। नामांतन दाखिल करने का आखिरी तारीख 29 जून है। 18 जुलाई को मतदान होगा। डाले गए मतों की गणना 21 जुलाई को की जाएगी। चुनाव आयुक्त के अऩुसार निर्वाचक को नामित अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले विशेष पेन से ही उम्मीदवारों के नामों के सामने वरीयताएँ अंकित करना होंगी।
776 सांसद व 4120 विधायक करेंगे मतदान
निर्दिष्ट दिनों में सुबह 11 से अपराह्न 3 बजे के दौरान अभ्यर्थी स्वयं या उसके प्रस्तावक या समर्थक नामांकन कर सकते हैं। चुनावी प्रक्रिया के सभी चरणों में सभी संबंधित कोविड -19 सुरक्षा उपायों और प्रोटोकॉल को लागू रहेगा। देश के 776 सांसद और विधान सभा के 4120 विधायकों से निर्वाचन मंडल राष्ट्रपति के लिए मतदान करेगा। इनके मतों का कुल मूल्य 10,98,803 है। राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के अलावा सभी राज्य के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा के सदस्य वोट डाल सकते हैं। माना जा रहा है कि अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनवाने के लिए एनडीए को बीजेडी और वायएसरआरसी का समर्थन लेना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि मौजूद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 17 जुलाई 2017 को हुए चुनाव में चुने गए थे। उनका कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई तक शपथ लेना होगी।
यह है राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया
राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं होता। यानी राष्ट्रपति जनता नहीं चुनती है। बल्कि जनता द्वारा चुने गए सांसद और विधायक ही इस चुनाव में भाग लेते हैं। वोट देने का अधिकारी राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद और विधायकों को होता है। विधान पार्षदों और नामित व्यक्ति वोट नहीं डाल सकते। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान बैलेट पेपर पर होता है। विधायक और सांसद अपने बैलेट पेपर पर अपनी पहली पसंद, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद बता देते हैं। सबसे पहले पहली पसंद के वोट गिने जाते हैं। अगर पहली पसंद का उम्मीदवार जीत के लिए जरूरी वेटेज हासिल कर लेता है तो उसे विजयी घोषित किया जाता है। ऐसा नहीं होने पर दूसरी वरीयता और इसी प्रकार तीसरी वरीयता के वोटों की गिनती कर विजेता का निर्णय किया जाता है।