जनसेवक हो तो ऐसा : कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने किया मंत्री के रूप में मिलने वाले वेतन-भत्तों के समर्पण का ऐलान, क्योंकि राष्ट्र व जनसेवा ही उनके जीवन का ध्येय है

मप्र के कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने पूर्व की तरह ही अपने मंत्री कार्यकाल में मिलने वाले वेतन-भत्तों को नहीं लेने की घोषणा की है। उन्होंने विधायक रहते हुए भी वेतन-भत्ते नहीं लिए थे।

जनसेवक हो तो ऐसा : कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने किया मंत्री के रूप में मिलने वाले वेतन-भत्तों के समर्पण का ऐलान, क्योंकि राष्ट्र व जनसेवा ही उनके जीवन का ध्येय है
चेतन्य काश्यप, कैबिनेट मंत्री- मप्र।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने आज विधानसभा में शून्य काल के दौरान विशेष वक्तव्य के जरिये मंत्री के रूप में उन्हें निजी तौर पर मिलने वाले वेतन और भत्तों के राज्य कोष में समर्पण की घोषणा की। उनकी इस घोषणा का सदन ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया। काश्यप इसके पूर्व दो बार विधायक के रूप में मिलने वाले वेतन भत्तों का भी समर्पण कर चुके हैं।

मंत्री काश्यप ने सदन में कहा कि राष्ट्र सेवा, समाज सेवा और जन सेवा करना ही उनके जीवन का ध्येय है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए वे राजनीति में आए हैं। किशोरावस्था से ही समाज सेवा के कार्यों में अग्रसर हैं। कई सेवा प्रकल्पों का संचालन भी कर रहें हैं। ईश्वर ने उन्हें इस योग्य और सक्षम बनाया है कि जन सेवा में किंचित अवदान कर पा रहें हैं।

14वीं और 15वीं विधानसभा में भी नहीं लिया वेतन-भत्ता

उल्लेखनीय है कि काश्यप ने 14वीं और 15वीं विधानसभा में भी वेतन भत्ते प्राप्त नहीं किए। 16वीं विधानसभा में भी वेतन भत्ते एवं पेंशन नहीं लेने की घोषणा कर चुके हैं। इसी तारतम्य में उन्होंने मंत्री के रूप में निजी तौर पर मिलने वाले वेतन भत्तों की राशि का राजकोष से ही आहरण नहीं किए जाने की घोषणा की है, ताकि उस राशि का सदुपयोग प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्यों में हो सके।