कांग्रेस ने खोला मोर्चा ! भाजपा सरकार पर लाड़ली बहना व बैठक वसूली नहीं लेने की घोषणा चुराने का आरोप, भ्रष्टाचारी नगर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी
कांग्रेस और पार्षद दल ने भ्रष्टाचार, बाजार बैठक वसूली शुरू करने, संपत्ति कर व उसकी पेनल्टी बढ़ाने को लेकर भाजपा की नगर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस ने इसके लिए ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त और हाईकोर्ट तक जाने की बात कही है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । प्रदेश और नगर में काबिज भाजपा की सरकार ने थूक कर चाटने का काम किया है। पहले कांग्रेस की लाड़ली बहना योजना को चुराया और फिर नगर सरकार द्वारा की जाने वाली बाजार बैठक वसूली नहीं करने की घोषणा चुरा ली। महापौर और नगर सरकार अपने ही तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा को ही झुठला रहे हैं। बाजार बैठक वसूली लागू करने के साथ संपत्ति कर में बेतहाशा वृद्धि की गई है। सीवरेज को लेकर भारी भ्रष्टाचार हुआ है जिसके लिए कांग्रेस हाईकोर्ट तक जाएगी।
यह बात पूर्व महापौर एवं कांग्रेस नेता पारस सकलेचा, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष ने गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। कटारिया ने कहा कि भाजपा की नगर सरकार ने एजेडे में शामिल किए बिना ही बाजार बैठक वसूली लागू करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इतना ही नहीं जनता पर 10 प्रतिशत संपत्ति कर की वृद्धि भी लागू की है जो कि अवैधानिक है। कटारिया के अनुसार कांग्रेस पार्षद दल ने आयुक्त को ज्ञापन दिया था और संपत्तिकर वृद्धि और पेनल्टी नहीं लगाने की गुहार लगाई थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष ने इसे थूक कर चाटने वाला कृत्य बताया।
संपत्तिकर और पेनल्टी बढ़ाना अवैधानिक
पूर्व महापौर सकलेचा ने कहा कि कांग्रेस की ओर से 5 मार्च को आयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद 8 मार्च को नगर सरकार ने विज्ञप्ति जारी की जिसमें बताया गया कि धारा 145 व 146 खत्म हो गई है जबकि यह गलत है। उन्होंने जीआईएस सर्वे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उक्त धारा के में बताया गया है कि यदि संपत्तिकर वृद्धि या पेनल्टी लगाई जा रही है तो जनता को नोटिस देकर बताना होता है कि कितनी राशि जमा कराना होगी। इस बारे में सवाल पूछे जाने पर बताया गया कि 10 हजार नोटिस जारी किए हैं जबकि ऐसा नहीं हुआ।
वसूली होती है, रसीदें नहीं कटती, रिकॉर्ड में भी दर्ज नहीं होती
कांग्रेस नेता सकलेचा ने कहा कि संपत्ति कर में वृद्धि के बजाय बजट अनुमान के अनुसार कर की शत-प्रतिशत वसूली पर जोर दो। निगम द्वारा अपनी इस कमजोरी का ठीकरा जनता पर फोड़ना गलत है। सकलेचा ने आरोप लगाया कि वसूली तो होती है लेकिन ईमानदारी से उसकी इंट्री रिकॉर्ड में नहीं होती और रसीदें भी नहीं बनती। अभी जो बजट पेश किया गया है, उसमें भी बहुत बड़ा गबड़बड़ झाला है। दिसंबर 2024 जो आय बताई गई थी वह मार्च 2025 में घट गई वह भी करोड़ों में, ऐसा कैसे संभव है। ऐसा तो तभी संभव है जब नगर निगम ने प्राप्त राजस्व या राशि संबंधितों को वापस लौटा दी।
सीवरेज में हुआ महाभ्रष्टाचार
सकलेचा के अनुसार सीवरेज में तो करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। प्रोजेक्ट 28 दिसंबर 2016 को स्वीकृत हुआ था और 31 दिसंबर 2022 को नगर निगम ने पूर्णता प्रमाण-पत्र भी भेंट कर दिया। स्वीकृति के समय इसकी लागत पूर्व में 123.85 करोड़ बताई गई थी लेकिन भुगतान कर दिया 141.44 करोड़ का। प्रोजेक्ट में 6 एसटीपी बनने थे लेकिन कंपनी ने 2 ही बनाए। जितने मकान सीवरेज से जोड़े जाने थे, नहीं जोड़े गए। बाद में अमृत-2 के नाम पर 12 हजार मकान जोड़ने का प्रोजेक्ट बता दिया गया। यह खुलासा पिछले दिनों विधानसभा में नगरीय प्रशासन विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा एक सवाल के जवाब में दी गई जानकारी से हुआ है। नगर सरकार इस पर दिए जाने वाले अनुदान की जानकारी भी नहीं दे रही।
ऐसे दर्ज कराएंगे विरोध
पूर्व महापौर ने कहा कि सीवरेज में हुए महाभ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पार्षद दल द्वारा बजट सत्र के सम्मेलन में ताकत से विरोध दर्ज कराएगा, सड़क पर भी आंदोलन करेंगे। इसके अलावा विधि विशेषज्ञ से राय के बाद ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त और हाईकोर्ट में जहां भी जरूरी होगा, वहां भी जाएंगे।
‘महापौर की कृपा’ पर नहीं दे सके जवाब
पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस पदाधिकारियों से यह भी पूछा गया कि निगम सम्मेलन में विपक्ष के पार्षद सार्वजनिक रूप से यह कहें कि उन पर तो महापौर जी की कृपा बरस रही है, तो उसे क्या समझा जाए? क्या उनका यह बयान और अब कांग्रेस का निगम परिषद और महापौर पर भ्रष्टाचार का आरोप जनता को भ्रमित नहीं करेगा? इस पर पदाधिकारी स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं बोल पाए।
ये उपस्थित रहे
पत्रकार वार्ता के दौरान शहर जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह अठाना, मयंक जाट, वीरेंद्र सिंह राठौर, जोएब आरिफ सहित अन्य मौजूद रहे।