DMK नेता स्टालिन का बयान अक्षम्य अपराध, सनातन धर्म कोई किताब, वस्तु या व्यक्ति नहीं जिसे कोई नष्ट कर दे- आर्य समाज

आर्य समाज ने तमिलनाडु के मंत्री स्टालिन के बयान को अक्षम्य अपराध बताते हुए निंदा की है और देशद्रोही मानते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

DMK नेता स्टालिन का बयान अक्षम्य अपराध, सनातन धर्म कोई किताब, वस्तु या व्यक्ति नहीं जिसे कोई नष्ट कर दे- आर्य समाज
डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान की आर्य समाज ने की निंदा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बेटे और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म करने के बयान पर बवाल मच गया है। उनके बयान पर आर्य समाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आर्य समाज ने स्टालिनक के बयान को अक्ष्मय अपराध निरूपित किया है।

भारतीय मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान प्रकाश आर्य द्वारा एक पत्र प्रेषित किया गया है। इसमें बताया गया कि सोमवार को डीएमके नेता स्टालिन ने जो बयान दिया है वह अक्षम्य अपराध है। सनातन धर्म के प्रति दिया गया उनका बयान न केवल आपत्तिजनक है अपितु देश की शांति को भंग करने वाला और अराजकता फैलाने का दुष्प्रयास है। पत्र में कहा गया है कि इस प्रकार के बयानों से स्टालिन की साम्प्रदायिक भावना स्पष्ट होती है। जिस विचारधारा के वे अनुयायी हैं वह वर्षों से सनातन धर्म विरोधी ही  रही है। धर्मनिरपेक्षता की वकालत करने वाले राजनेता आज डरपोक और केवल वोटों की राजनीति वाले सिद्ध हो रहे हैं। इस प्रकार का बयान यदि किसी हिंदू के द्वारा दिया जाता है तो उनको आरएसएस जैसे हिंदू संगठनों और बीजेपी पर सैकड़ों बयान आ जाते हैं। रैलियां, प्रदर्शन करने लग जाते। राजनेताओं का इस प्रकार मौन धारण ही साम्प्रदायिक विचारधाराओं को प्रोत्साहन देता है।

सनातन का विरोध करने वालों को विनाश हुआ है

पत्र में यह भी कहा गया है कि सनातन धर्म कोई व्यक्ति या पुस्तक नहीं है, यह कोई वस्तु भी नहीं है जिसे कोई नष्ट कर दे। सनातन धर्म शाश्वत है। सदा रहने वाला सबके लिए और विश्व का पहला ज्ञान है जो परमात्मा का दिया हुआ है। सनातन धर्म एक समुद्र है। बाकी विचारधाराएं उनकी कुछ बातों का हिस्सा है। कई आक्रांत और महजबी ताकतों ने सनातन धर्म का जब-जब विरोध किया उनका विनाश हुआ। आज उनका पता भी नहीं है।  पत्र में स्टालिन के इस राष्ट्रद्रोही कार्य के लिए कठोर दंडनीय कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। आर्य समाज इसका विरोध करता है और कड़े शब्दों में निंदा करता है।

आखिर क्यों मचा बवाल

तमिलनाडु सरकार में मंत्री स्टालिन का कहना है कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है। इसलिए इसे खत्म किया जाना चाहिए, बजाय इसका विरोध भर करने के। सनातन धर्म एक सिद्धांत है, जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है। सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता और मानव समानता को कायम रखना है।