रतलाम में दो माह तक बहेगी धर्म गंगा, भागवत पुराण, देवी भागवत सहित कई धार्मिक अनुष्ठान होंगे
पुरुषोत्तम मास के चलते रतलाम में कालिका माता मंदिर परिसर में 4 जुलाई से 30 अगस्त तक धार्मिक आयोजन होंगे।
सीएन टाइम्स @ रतलाम । अगले दो माह शहर के कालिका माता मंदिर परिसर में धार्मिक आयोजनों की धूम रहेगी। इस दौरान पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण, भागवत कथा और शिवपुराण, देवी भागवत, नानीबाई का मायरा सहित अन्य कथाओं का वाचन और पूजा-अर्चना आदि आयोजन होंगे। गुरु और संतों का आगमन भी होगा।
यह जानकारी रविवार को शिव आराधना महोत्सव समिति के अध्यक्ष मोहनलाल भट्ट एवं कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री राजाराम मोतियानी ने पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया इस वर्ष पुरुषोत्तम मास है। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान पूजन पाठ इत्यादि का विशेष महत्व है। इसी के मद्देनजर कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट और श्री शिव आराधना महोत्सव समिति द्वारा संयुक्त रूप से धार्मिक आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। इसका सिलसिला 4 जुलाई को शुरू हो जाएगा और 30 अगस्त तक चलेगा। इस अवधि में रोज सुबह 9:00 से दोपहर 1.00 बजे तक मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण किया जाएगा और उनकी पूजा-अर्चना करने के पश्चात शाम को विसर्जित किया जाएगा।
पदाधिकारी द्वय ने बताया की 4 जुलाई मंगलवार को अपराहन 4:00 परम पूज्य ब्रह्म ऋषि किरीट भाई जी के अमृत प्रवचन होंगे। 5 से 7 जुलाई तक प्रतिदिन दोपहर 3:00 बजे से पंडित अनिरुद्ध मुरारी द्वारा नानी बाई का मायरा कथा श्रवण कराई जाएगी। 8 से 16 जुलाई तक रोज दोपहर 3:00 तक महापुराण का वाचन होगा। वीतराग शिरोमणि परम पूज्य स्वामी निर्मल चैतन्य पुरी जी महाराज वाचन करेंगे। 19 से 25 जुलाई तक श्रीमद्भागवत महापुराण और 5 अगस्त से 13 अगस्त तक श्रीमद् देवी भागवत का पारायण होगा।
वाटरप्रूफ डोम बनेगा
भट्ट एवं मोतियानी ने बताया सभी आयोजन श्री कालिका माता मंदिर प्रांगण में होंगे। हरीश के मौसम को ध्यान रखते हुए परिसर में 60 गुणा 100 वर्ग फीट का डोम तैयार किया जाएगा। यह वाटरप्रूफ होगा। पदाधिकारियों के अनुसार आयोजन को लेकर कई संतों और गुरुओं से संपर्क चल रहा है। पूर्णिमा सहित अन्य व्यवस्थाओं के चलते आगामी दिनों में उनका समय और सानिध्य रतलाम के धर्म प्रेमियों को मिलने का अनुमान है।
भजन से मोहा मन
पत्रकार वार्ता के दौरान नानी बाई का मायरा कथा के लिए प्रसिद्ध पंडित अनिरुद्ध मुरारी ने नरसी मेहता का भजन प्रस्तुत किया। इससे पूर्व एडवोकेट कैलाश व्यास ने पुरुषोत्तम मास का महत्वब ताया।