विचार वार्ता : राष्ट्र के उत्थान और परहित के लिए ऐसे ही रचनात्मक प्रयासों और सृजन की महती आवश्यकता है : अजहर हाशमी
डॉ. प्रदीप सिंह राव की पुस्तक साधना के संत को प्रो. अज़हर हाशमी ने परहित के लिए किया सृजनात्मक प्रयास बताया है। उन्होंने डॉ. राव के लेखन को अनुमोदनीय भी बताया।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । विख्यात चिंतक प्रो. अज़हर हाशमी से राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर और लेखक डॉ. प्रदीप सिंह राव ने उनके निवास पर पहुंच कर विचार वार्ता की। डॉ. राव ने प्रो. हाशमी को अपनी पुस्तक ‘साधना के संत’ भेंट की।
डॉ. राव की पुस्तक पर प्रो. हाशमी ने प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि, हमारा राष्ट्र आज पूरे विश्व में जिस उत्थान के परवान पर है, उसमे संविधान की विशेष भूमिका है। आज परहित में सृजन और ऐसे सकारात्मक व रचनात्मक प्रयासों की महती आवश्यकता है। इस दिशा में आपका लेखन अनुमोदनीय है। प्रो. हाशमी से विचार वार्ता और पुस्तक भेंट करने के दौरान डॉ. राव के साथ समाजसेवी अशोक अग्रवाल, हरीश यादव, महेंद्र देवड़ा आदि भी उपस्थित थे।
बता दें कि, सेवानिवृत्त प्रो. राव समाज के जरूरतमंदों की मदद के लिए साहित्य सृजन में जुटे हुए हैं। उनकी ‘साधना के संत’ पुस्तक इसी प्रकल्प का एक हिस्सा है। इसकी बिक्री से प्राप्त राशि में समाजसेवी अशोक अग्रवाल द्वारा उतनी ही राशि मिला कर दिव्यांग बच्चों की सहायतार्थ उपलब्ध कराई जाना जाना है। लोकहित के लिए किए गए सृजनात्मक प्रयास को काफी सराहना मिल रही है।