वन मंत्री का बड़ा खुलासा: फर्जी वन अधिकारी ने डलवाया था वनौषधि की दुकान पर छापा, पुलिस की भी थी मिलीभगत

मध्यप्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले रतलाम में वन विभाग ने फर्जी अधिकारी के कहने पर वनौषधि की दुकानों पर छापा मारा था।

वन मंत्री का बड़ा खुलासा: फर्जी वन अधिकारी ने डलवाया था वनौषधि की दुकान पर छापा, पुलिस की भी थी मिलीभगत

वन परिक्षेत्र अधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को लिखा पत्र, मांगा कार्रवाई के सबूत

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । दो साल पहले रतलाम की प्रसिद्ध पटवाजी की वनौषधि की दुकान पर वन विभाग द्वारा डाला गया कथित छापा फर्जी था। यह छापा क्राइम ब्रांच वाइल्ड लाइफ केंद्रीय वन विभाग नई दिल्ली का अधिकारी बनकर एक ठग ने डलवाया था। इसमें रतलाम पुलिस और वन विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की भी मिलीभगत थी।

यह खुलासा मध्य प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में किया। सवाल रतलाम जिले के सैलाना से कांग्रेस विधायक हर्ष विजय गेहलोत ने किया था। इसके अनुसार क्राइम ब्रांच वाइल्ड लाइफ केंद्रीय वन विभाग नई दिल्ली का अधिकारी बनकर दीपक कुमार ने 20 फरवरी 2021 को वन विभाग के अधिकारियों के साथ रतलाम की दो दुकानों पर छापा मारा था। ये दुकानें हैं चौमुखीपुल स्थित पटवाजी की दुकान तथा मिर्ची गली स्थित हकीमुद्दीन गुलामअली की दुकान।

छापा वन अधिकारियों और पुलिस को साथ लेकर पंचनामा बनाया था। क्राइम ब्रांच वाइल्ड लाइफ केंद्रीय वन विभाग नई दिल्ली के उक्त फर्जी अधिकारी दीपक कुमार के पद और अधिकारिता से संबंधित कोई भी दस्तावेज वन मंडल रतलाम के अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है। फर्जी अधिकारी के दुकान पर बने पंचनामे में हस्ताक्षर जरूर हैं।

फर्जी अधिकारी के साथ वन विभाग के 8 अधिकारियों/ कर्मचारियों तथा उसके अनुरोध पर पांच पुलिस अधिकारियों ने छापा मारकर पंचनामा बनाया था। तब रतलाम में वन मंडलाधिकारी डी. एस. डोडवे थे।

प्रश्न उठाने के बाद पुलिस से मांगी फर्जी छापे की जानकारी 

गेहलोत के प्रश्न लगाने के बाद वन संरक्षक एवं पदेन वन परिक्षेत्र अधिकारी रतलाम ने 13 फरवरी 2023 को पुलिस अधीक्षक रतलाम को पत्र लिखा था। इसमें उक्त फर्जी छापे के क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज, छापेमारी के अभिलेख एवं सहयोगी पुलिसकर्मियों के नाम तथा अन्य दस्तावेज कार्यालय को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया किया था। प्रश्न के उत्तर में बताया गया है कि सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग, एवं समाचार-पत्रों में दुकान की तलाशी लेते वक्त फर्जी अधिकारी का छपा चित्र आदि कोई भी जानकारी विभाग के अभिलेखों में नहीं है। 

बता दें कि छापे के दौरान माणकचौक थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर अनुराग यादव सहित पांच पुलिसकर्मी शामिल थे।