कोर्ट का आदेश : जालसाज पटवारी, भाजपा नेता, चैनल मैनेजर और कोचिंग संचालक हेमंत बागड़ी भगोड़ा घोषित, 12 फरवरी को कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो होगी कुर्की की कार्यवाही
न्यायालय ने जालसाज पटवारी, भाजपा नेता, फाइनेंस कंपनी के चैनल मैनेजर और कोचिंग संचालक हेमन्त बागड़ी को भगोड़ा घोषित किया है। 12 फरवरी को न्यायालय में पेश नहीं होने पर उसकी संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई शुरू हो जाएगा।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण देने के नाम पर कोचिंग चलाने वाले जालसाज हेमंत बागड़ी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। भाजपा नेता, फाइनेंस कंपनी में चैनल मैनेजर और पटवारी रहे बागड़ी को न्यायालय ने धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में फरार घोषित किया है। न्यायालय ने नोटिस जारी कर 12 फरवरी 2025 को पेश होने के लिए आदेशित किया है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उसकी संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई शुरू की जा सकेगी।
आरोपी हेमंत पिता महेन्द्र बागड़ी शहर के 80 फीट रोड पर ‘अध्ययन एक प्रयास’ नाम से कोचिंग का संचालन करता था। इतना ही नहीं वह भाजपा के अजा मोर्चा का मीडिया प्रभारी, आलोट तहसील में पटवारी और फुलटर्न फाइनेंस कंपनी में चैनल मैनेजर भी रह चुका है। पटवारी की नौकरी पिता के स्थान पर अनुकंपा के तौर पर मिली थी। उसके खिलाफ शहर के औद्योगिक क्षेत्र थाना और स्टेशन रोड थाना पर जालसाजी और धोखाधड़ी के केस दर्ज हैं। इसके बाद से ही आरोपी बागड़ी फरार है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके चलते पुलिस ने आरोपी कि गिरफ्तारी पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ है जिससे पुलिस ने अब उसकी चल-अचल संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई शुरू की है।
यह भी देखें... पटवारी ने बैंक से लोन दिलाने के नाम दो लोगों से की जालसाजी, भाजपा के एक मोर्चे का रह चुका है जिला मीडिया प्रभारी
पुलिस द्वारा इसके लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अनुमत तिवारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया। न्यायालय ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 84 में आरोपी हेमंत बागड़ी को 12 फरवरी को दोपहर 11 बजे न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने के का निर्देश दिया है। न्यायालय द्वारा जारी उद्घोषणा पुलिस द्वारा आरोपी बागड़ी के निवास सहित अन्य स्थानों पर चस्पा की गई है। यदि आरोपी उपरोक्त उद्घोषणा अनुसार वह 12 फरवरी को न्यायालय में पेश नहीं होता है तो उसकी संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई शुरू की जा सकेगी।
आरोपी बागड़ी के काले कारनामे
मामला-1 : हेमंत बागड़ी पर आरोप है कि कि उसने अपने एक परिचित महेंद्र पिता फकीरचन्द परमार निवासी हनुमान रुण्डी को लोन दिलाने के लिए केवाईसी हेतु दस्तावेज लिए थे। इन पर शैलेष नामक अपने अन्य साथी के फोटो लगाकर इण्डियन ओवरसीज बैंक में प्रस्तुत किए और महेन्द्र परमार के नाम का नकली खाता खुलवाया दिया। इसके बाद इसी फर्जी खाते के माध्यम से हीरो फायनेन्स कंपनी से लोन भी ले लिया। महेंद्र परमार को इस धोखाधड़ी की जानकारी तब मिली, जब फाइनेन्स कंपनी के कर्मचारी ने उन्हें लोन की किश्त जमा कराने के लिए कहा। महेंद्र ने तत्कालीन इण्डियन ओवरसीज बैंक में संपर्क किया तो पता चला कि उसके नाम का खाता खुलवाकर पांच लाख रुपए से अधिक का लोन लिया गया है। दस्तावेजों उसके स्थान पर फोटो अन्य व्यक्ति के लगे हैं। महेंद्र परमार ने इसकी शिकायत एसपी से की जिनके निर्देश औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने मामले की जांच की। इसमें धोखाधड़ी की बात सामने आई। अतः पुलिस ने महेंद्र परमार की रिपोर्ट पर आरोपी हेमंत पिता महेंद्र बागड़ी और शैलेष के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 467, 468 में प्रकरण दर्ज किया।
मामला- 2 : हेमंत ने अपनी एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर एक निजी स्कूल की टीचर शालीनी पति प्रशान्त सक्सेना के नाम से भी फर्जी बैंक खाता खुलवाकर जालसाजी की। उनकी रिपोर्ट औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने हेमंत बागड़ी और उसकी सहयोगी प्रतिभा पिता ललिता पेन्टर निवासी गौशाला रोड के विरुद्ध 420, 467, 468 भादंवि के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में फरियादी शालिनी सक्सेना ने पुलिस को बताया था कि हेमंत बागड़ी ने उन्हें बैंक से लोन दिलाने के नाम पर उनकी पहचान के दस्तावेज प्राप्त किए थे। ये दस्तावेज उसने अपने पास रख लिए थे। उससे दस्तावेज मांगे तो उसने वे बैंक की फाइल में लगे होने की बात कही। बाद में पता चला कि हेमंत ने अपनी महिला सहयोगी प्रतिभा पेंटर के साथ मिलकर बैंक ऑफ बड़ौदा में शालिनी सक्सेना के नाम का खाता खुलवाया परंतु दस्तावेजों में फोटो शालिनी की जगह प्रतिभा का लगाया था।
मामला- 3 : हेमंत बागड़ी के विरुद्ध एक मामला स्टेशन रोड थाने में भी दर्ज हुआ था। इसके अनुसार फुलर्टन कंपनी के मैनेजर रवींद्र चक्रवर्ती ने एसपी को लिखित आवेदन देकर बताया था कि हेमंत बागड़ी कंपनी में चैनल मैनेजर है। उसने आरोपी राजेश चौरसिया, संजय पिता परमानंद कटारिया के साथ मिलकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया। बागड़ी के माध्यम से आरोपी संजय कटारिया के नाम से पर्सनल लोन के लिए आवेदन दिया गया था। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 6 लाख 15 हजार 79 रुपए का लोन स्वीकृत हुआ। लोन अनुबंध में जो बैंक स्टेटमैंट लगाया गया उसमें संजय कटारिया ने खुद को वेतन भोगी बताते हुए वेतन पर्चियां भी प्रस्तुत की थीं। संजय ने लोन की राशि खुद के खाते की बजाय राकेश चौरसिया के नाम के खाते में प्राप्त की। बाद में दोनों ने 5 लाख 80 हजार रुपए हेमंत बागड़ी के खाते में अंतरित कर दिए। किश्तों का भुगतान नहीं होने पर वेरिफिकेशन में पता चला कि संजय नाम का कोई व्यक्ति ही नहीं है। उसके नाम से प्रस्तुत वेतन पर्चियां भी कूटरचित हैं। इसके चलते बागड़ी के खिलाफ 120बी, 406, 409, 420, 426, 468 और 471 में प्रकरण दर्ज किया था।