प्रकटोत्सव विशेष ! ‘गुण अनंत हनुमान के..., अजर - अमर हनुमान...’ -प्रो. अज़हर हाशमी
हनुमान जी ने तप, ध्यान और साधना से अपने मन को पूरी तरह नियंत्रित किया। मन, वचन और कर्म, इन तीनों में संतुलन, भक्त को प्रभु के और निकट लाता है। हनुमान जी के ये पाँच गुण किसी भी भक्त को आधुनिक जीवन की चुनौतियों से लड़ने में शक्ति देते हैं। ऐसे हनुमान जी पर प्रो. अज़हर हाशमी द्वारा लिखे ये दोहे आपके अवलोकनार्थ।

प्रो. अज़हर हाशमी
सभी देव वाहन सहित, बिन वाहन हनुमान ।
फिर भी सबसे तेज गति, पवन पुत्र ‘पहचान’ ।।
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मन को पढ़ने में कुशल, प्रखर बुद्धि हनुमान ।
इसलिए कहलाते हैं, हनुमत प्रज्ञावान ।।
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ईमेल के मूल जनक, पवन - पुत्र हनुमान ।
हनुमान की विशेषता, ध्यान, ज्ञान - विज्ञान ।।
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गुण अनंत हनुमान के, संभव नहीं बखान ।
यही कारण त्रिलोक में, अजर - अमर हनुमान ।।
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प्रो. अज़हर हाशमी