उद्योगपतियों की चेतावनी ! प्रशासन ने संयुक्त निरीक्षण किया तो बंद कर देंगे उत्पादन, उद्योगों की चाबी भी सीएम और मंत्री को सौंप देंगे
रतलाम के उद्योगपतियों ने उद्योगों के निरीक्षण के लिए संयुक्त दल बनाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है। उद्योगपतियों ने इसे उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला बताया है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम के उद्योगपतियों को कलेक्टर राजेश बाथम का फैसला रास नहीं आया है। उद्योग संचालकों ने उद्योगों के संयुक्त निरीक्षण के निर्णय को गैरवाजिब बताया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने संयुक्त निरीक्षण का निर्णय वापस नहीं लिया तो वे उत्पादन बंद कर देंगे। इतना ही नहीं वे उद्योगों की चाबी भी मुख्यमंत्री और मंत्री को सौंप देंगे।
कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा जिले के सभी उद्योगों के निरीक्षण के लिए संयुक्त दलों का गठन किया है। इसकी जानकारी मीडिया में आते ही उद्यगपतियों में असंतोष फैल गया है। उनका कहना है कि उन्हें कलेक्टर का औद्योगिक इकाइयों का संयुक्त निरीक्षण स्वीकार नहीं है। कलेक्टर के फैसले के विरोध में शुक्रवार को सभी औद्योगिक संगठनों के सदस्यों ने उद्योग भवन में बैठक र अपना रुख साफ कर दिया। बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से औद्योगिक इकाइयों के निरीक्षण लिए गठित दल द्वारा निरीक्षण को अनुचित व गैर वाजिब माना है।
तीन माह पूर्व ही हो चुका है निरीक्षण
उद्योगपतियों का कहना है कि यह संयुक्त निरीक्षण उद्योगों के सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है। सदस्यों का कहना है कि एक समिति गठित की है और जिन बिंदुओं के निरीक्षण के लिए कहा गया है उसके आधार पर उद्योग विभाग के मैनेजर के नेतृत्व में चार सदस्यीय दल ने सभी औद्योगिक इकाइयों का विस्तृत निरीक्षण तीन महा पूर्व ही किया जा चुका है। उद्यपतियों ने सवाल उठाया है कि ऐसे में बार-बार औद्योगिक इकाइयों को निरीक्षण के नाम पर परेशान करने की क्या आवश्यकता है?
...तो उद्योग विभाग के अफसरों पर हो कार्रवाई
उद्योगपतियों का तर्क है कि उद्योगों का विभिन्न विभागों (श्रम विभाग, प्रदूषण विभाग, औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा, बिजली एवं अन्य विभागों) द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। अगर जिला प्रशासन को उक्त विभागों के निरीक्षण पर भरोसा नहीं है तो सबसे पहले उद्योग विभाग के उन सभी अधिकारियों और उन सभी विभागों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने उद्योगों का निरीक्षण किया। उद्यगपतियों के अनुसार एक ओर मुख्यमंत्री और सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्री प्रदेश में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन कर प्रदेश में औद्योगीकरण के लिए प्रयास कर रहे हैं और उसके विपरीत उनके ही गृह जिले में उद्योगों को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा है।
उद्योगपतियों ने यह निर्णय लिया
बैठक में सर्वसम्मति से 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया। यह प्रतिनिधिमंडल इस विषय में सभी निर्णय और कार्रवाई हेतु प्राधिकृत है। उद्योगपतियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा संयुक्त निरीक्षण का आदेश तुरंत वापस नहीं लिया गया और उद्योगों के निरीक्षण की कार्रवाई प्रारंभ की गई तो रतलाम के सभी लघु उद्योगों द्वारा उत्पादन बंद कर दिया जाएगा। साथ ही उद्योगों की चाबी भी मुख्यमंत्री और मंत्री को सौंप दी जाएगी। ऐसे में निर्मित होने वाली स्थिति के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार रहेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि भविष्य में इस प्रकार की कोई भी कार्रवाई और बेवजह उद्योगों को परेशान के प्रयासों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए एक सक्षम कानूनी सेल गठित किया जाए। इसके लिए तत्काल प्रभाव से दो अधिवक्ताओं को अधिकृत किया गया है जो विधि अनुसार कार्रवाई करेंगे।