तीन तिथियों का संगम : भगवान बिरसा मुंडा और गुरु नानक देव की शिक्षा और आदर्श हमें सत्य, न्याय और समाज सेवा की प्रेरणा देते हैं- विनोद करमचंदानी
जनजातीय गौरव दिवस, गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व और कार्तिक पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री एक्सिलेंस कॉलेज रतलाम में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें वक्ताओं ने भगवान बिरसा मुंडा और गुरु नानक देव के बताए मार्ग पर चलने की सीख दी।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आज का दिन ऐतिहासिक और प्रेरणादायक है। यह तीन अद्भुत तिथियों का संगम है, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व। भगवान बिरसा मुंडा ने न केवल आदिवासी समाज को संगठित किया बल्कि उनके अधिकारों और स्वाभिमान की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उनकी शिक्षा और आदर्श हमें सत्य, न्याय और समाज सेवा की प्रेरणा देते हैं। हमें उनके विचारों को आत्मसात करते हुए समाज कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए।
यह बात प्रधानमंत्री एक्सिलेंस कॉलेज की जनभागीदारी समिति अध्यक्ष विनोद करमचंदानी ने कही। वे भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, कार्तिक पूर्णिमा और प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व हमें सत्य, सेवा और त्याग का संदेश देता है। यह पर्व गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को याद करने और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का अवसर है। मैं सभी को इस शुभ अवसर पर बधाई देता हूं और आग्रह करता हूं कि हम सभी इन प्रेरणादायक घटनाओं से सीख लेकर अपने जीवन में उन्हें लागू करें।
अन्याय और शोषण के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देता है बिरसा मुंडा का जीवन- डॉ. शास्त्री
कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वी. शास्त्री ने बिरसा मुंडा की जीवन गाथा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा भारतीय इतिहास के ऐसे महानायक हैं, जिन्होंने न केवल अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष किया, बल्कि आदिवासी समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को पुनर्जीवित किया। उनके नेतृत्व और विचारों ने उन्हें 'धरती आबा' यानी भगवान का दर्जा दिलाया। उनका जीवन हमें हर प्रकार के अन्याय और शोषण के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देता है। डॉ. शास्त्री ने सिख धर्म के दस गुरुओं की शिक्षाओं पर चर्चा करते हुए गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी तक की शिक्षाओं को सत्य, सेवा और समानता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा सिख धर्म की शिक्षाएं हमें सहिष्णुता और मानवता का संदेश देती हैं।
पीएम, राज्यपाल व सीएम के उद्बोधन का हुआ प्रसारण
कार्यक्रम में आदिवासी लोक नृत्य की भी भव्य प्रस्तुति दी गई जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बड़ी संख्या में प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं और कर्मचारी इस आयोजन में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन सामूहिक रूप से बिरसा मुंडा के आदर्शों और प्रकाश पर्व की शिक्षाओं को आत्मसात करने का संकल्प लेकर किया गया। सभी ने इस को प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद बताया। इस मौके पर जमुई (बिहार) में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के मुख्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं शहडोल म.प्र. आयोजित कार्यक्रम में म.प्र. के राज्यपाल मंगुभाई पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उद्बोधन का लाइव प्रसारण भी महाविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों ने देखा।