महा शिवपुराण कथा : केवल मनुष्य शरीर ही भगवान शिव की प्राप्ति कर सकता है, मोह से ऊपर उठने पर मोक्ष तत्व जन्म लेता है- श्री किरीट भाई जी
तुलसी परिवार द्वारा रतलाम में 7 दिवसीय महा शिवपुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का वाचन ब्रह्महर्षि श्री किरीट भाई जी कर रहे हैं।
तुलसी परिवार द्वारा आयोजित 7 दिवसीय श्री महा शिवपुराण कथा शुरू
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शिव सर्वव्यापी हैं। ऐसी कोई जगह नहीं है जहां शिव मौजूद नहीं हैं। जगत का कारण तत्व शिव हैं। मनुष्य शरीर मिलना बहुत कठिन है। देवता भी यह अपेक्षा करते हैं कि वह कब मानव स्वरूप धारण करें। केवल मनुष्य का शरीर ही भगवान शिव की प्राप्ति कर सकता है किंतु मनुष्य का शरीर इतनी आसानी से नहीं मिलता है। मनुष्य को पत्नी, पुत्र व पैसे से बहुत प्यार होता है। यदि वह इनसे ऊपर उठे तो वह मोक्ष तत्व का जन्म होता है।
यह विचार ब्रह्मर्षि श्री किरीट भाई जी ने व्यक्त किए। वे तुलसी परिवार द्वारा बरबड़ हनुमान मंदिर परिसर स्थित विधायक सभागृह में महाशिवपुराण कथा सुना रहे थे। कथा के प्रारंभ में किरीट भाई जी ने शिवजी तथा हनुमान जी की पूजा अर्चना की। दीप प्रज्ज्वलन प्रमोद व्यास, सुषमा कटारे, मोहनलाल भट्ट, बाबूलाल चौधरी आदि ने किया। पुराण का पूजन निर्मला चौधरी, कीर्ति राजेंद्र व्यास, राजकुमार कटारे ने किया। किरीट भाई जी ने गणपति स्तुति ‘वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नम कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा’ की। ‘उमापति महादेव’ के जयकारे से कथा की शुरुआत हुई।
किरीट भाई जी ने शिव की साक्षात परब्रह्म चर्चा, जीव व शिव का संबंध, शिव प्राप्ति का साधन तथा शिव की प्राप्ति हो जाने पर फल क्या है, आदि विषयों पर सारगर्भितत प्रवचन दिए। उन्होंने बताया कि 27 वर्षों से आध्यात्मिक यात्रा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने रामायण, भागवत गीता, महाभारत पर प्रवचन किए हैं। शिव पुराण पर पहली बार भाव जागा है इसलिए वे महाशिवपुराण की कथा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि महाशिवपुराण 7 खंड में विभाजित है।
जीवन में जब भी दुख आए तो ‘ॐ नमः शिवाय’ जपो
उन्होंने कहा कि हरि कृपा से ही साधु व संत मनुष्य को मिलते हैं। साधु की संगति से मनुष्य का स्वभाव सुधरता है। मानव जीवन को श्मशान जाकर ही विश्राम मिलता है मंदिरों में भीड़ तथा कोलाहल बहुत होता है किंतु मनुष्य को विश्राम श्मशान स्थल पर पहुंचकर ही मिलता है। जहां समता है, वहां ममता नहीं होती है। जहां ममता है वहां समता नहीं रहती है। व्यक्ति की मुक्ति ज्ञान से ही होती है जिसको मुक्ति चाहिए वह शिव की आराधना करें। भगवान शिव ने जहर प्रसन्नता पूर्वक किया था। इसी प्रकार मनुष्य के जीवन में मुसीबतें व कठिन समय आता है। मनुष्य को इससे घबराना नहीं चाहिए तथा उसे जीवन का जहर समझ कर प्रसन्नता पूर्वक स्वीकार करना चाहिए। शास्त्र कहता है जब जीवन में दुख आए तो बस ‘ॐ नमः शिवाय’ जपो। इससे कोई भी मनुष्य पाप-संताप से बच सकता है। श्री किरीट भाई जी ने शबरी के राम प्रसंग का सुंदर वर्णन किया। इस मौके पर राम, लक्ष्मण व शबरी की झांकी सजाई गई।
इन्होंने की आरती
अंत में नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, रूपसिंह चौहान, हरीश सुरोलिया, हरीश रत्नावत, पुष्पा व्यास, प्रीति व्यास, हरीश बिंदल, अजय चौहान, गोपाल जोशी आदि ने आरती की तथा प्रसादी वितरित की गई। कथा के दौरान तुलसी परिवार, हरिहर सेवा समिति, श्री कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट, प्रभु प्रेमी संघ के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे। संचालन विकास शैवाल ने किया। तुलसी
15 मार्च को होगा शिव तांडव
परिवार के सदस्य ने बताया कि कथा के दौरान श्री कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट द्वारा पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर शाम को प्रतिदिन विसर्जन किया जा रहा है। किरीट भाई जी की कथा प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से शाम 7 तक होगी। 15 मार्च को शिव तांडव नृत्य विशेष प्रस्तुति होगी।