गुरुदेव मालव केसरीजी का जीवन अमृत के समान था, उनकी वाणी और आशीष ने कई भक्तों का कल्याण किया- महासती चंदनबालाजी मसा

मालव केसरी गुरुदेव 1008 श्री सौभाग्यमलजी मसा का मासिक पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया। इस मौके पर महासती चंदनबाला जी मसा ने गुरुदेव के जीवन पर प्रकाश डाला।

गुरुदेव मालव केसरीजी का जीवन अमृत के समान था, उनकी वाणी और आशीष ने कई भक्तों का कल्याण किया- महासती चंदनबालाजी मसा

मालव केसरी गुरुदेव 1008 श्री सौभाग्यमलजी मसा का मासिक पुण्य स्मृति दिवस मनाया 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । हर व्यक्ति शांति चाहता है, लेकिन यह नहीं सोचता कि जीवन में जैसा बोना, वैसा पाना की उक्ति चरितार्थ होती है। शांति जहां पैदा होती है, वहीं मिलती है। गुरुदेव मालव केसरीजी का जीवन अमृत के समान था। उनकी वाणी और आशीष ने कई भक्तों का कल्याण किया है।
यह विचार प्रवर्तक श्री प्रकाश मुनिजी मसा की आज्ञानुवर्ती महासती श्री चंदनबालाजी मसा ने व्यक्त किए। वे मालव केसरी, महाराष्ट्र विभूषण, श्रमण संघ प्रणेता व प्रसिद्ध वक्ता पूज्य गुरुदेव 1008 श्री सौभाग्यमलजी मसा के मासिक पुण्य स्मृति दिवस पर व्यक्त किए। सागोद रोड स्थित श्री सौभाग्य जैन साधना एवं जन कल्याण परिसर में महासती श्री चंदनबालाजी मसा एवं महासती श्री कल्पना श्रीजी मसा के सान्निध्य में सुबह जाप किए गए।

खुद को पहचानों और संतों का अनुसरण करो- चंदनबालाजी मसा

गुरुभक्तों को संबोधित करते हुए करते हुए महासतीजी श्री चंदनबालाजी मसा ने कथाओं के माध्यम से गुरु के आशीर्वाद और वाणी की महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि शांति अंदर है और अशांति भी अंदर ही है। आज शांति की जो खोज बाहर हो रही है, लेकिन वह ढूंढने से नहीं मिलती। इसके लिए संतों का सान्निध्य जरूरी है। राजा-महाराजा शांति का जो सुख नहीं दे सकते, वह एक संत ही दे सकता है। खुद को पहचानों और संतों का अनुसरण करो। इससे आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा।महासतीजी ने 'भजन एक विनती प्रभु आपसे, मन की उलझन को सुलझाओ...' भी सुनाया।

शीतलहर में भी इतनी उपस्थिति गुरु के प्रति समर्पण का अनुपम उदाहरण

महासती श्री कल्पना श्रीजी मसा ने कहा कि इतनी शीत लहर के बाद भी बड़ी संख्या में भक्तों का समाधि पर आना गुरु के प्रति समर्पण का अनुपम उदाहरण है | मालव केसरीजी के पुण्य स्मृति दिवस पर रतलाम सहित लासलगांव, सूरत, नागदा जंक्शन, उज्जैन ,बदनावर ,खाचरौद, नागदा धार, राजगढ़, मेघनगर, थांदला, सैलाना आदि स्थानों से गुरुभक्त पहुंचे थे। अंत में भूपेंद्रकुमार नागरदास शाह (बाबा भाई गुजराती) की स्मृति में लाभार्थी दक्षा बहन-स्व.भूपेंद्र कुमार शाह एवं परिवार ने स्वल्पाहार का आयोजन किया।
इस दौरान श्री सौभाग्य जैन साधना एवं जन कल्याण परिषद, श्री धर्मदास जैन मित्र मण्डल ट्रस्ट, श्री सौभाग्य जैन युवक मण्डल, श्री सौभाग्य प्रकाश भक्त मण्डल, श्री सौभाग्य जैन महिला मण्डल, बालिका व बालक मण्डल के सदस्य गण मौजूद रहे।

रोज हो रहे महासतियों के प्रवचन 

महासती श्री चंदनबालाजी मसा एवं महासती श्री कल्पना श्रीजी मसा के प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9.15 से 10.15 बजे तक नौलाईपुरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक पर रखे गए हैं।