यह कैसी जिहाद ? मां ने 8 साल के बेटे का प्रेमी इलियास व जफर की मदद से करवा दिया धर्मांतरण, खतना भी करवाया, न्यायालय ने सुनाई 10 साल की कठोर सजा
मध्य प्रदेश में इंदौर की एक अदालत ने जैन समाज के आठ साल के मासूम बच्चे का जबरन धर्मांतरण और खतना कराने के मामले में मां, उसके प्रेमी और एक अन्य को 10-10 साल के सश्रम कारावास से दंडित किया है। आरोप है कि आरोपियों ने बच्चे को लौटाने के लिए 5 लाख रुपए की मांग भी की थी।

एसीएन टाइम्स @ इंदौर । धर्मांतरण को लेकर संगीन मामला सामने आया है जिसमें इंदौर के जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक महिला और उसके मुस्लिम प्रेमी सहित तीन लोगों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। महिला ने प्रेमी और उसके साथी की मदद से अपने ही 8 साल के बेटे का धर्म परिवर्तन और खतना करवा दिया। मामला तब उजागर हुआ जब महिला के बिजनेसमैन पति ने इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई। आरोप है कि महिला के प्रेमी ने बेटे को लौटाने के बदले में 5 लाख रुपए भी मांगे थे।
जानकारी के अनुसार, जुलाई 2023 में बाड़मेर (राजस्थान) के बिजनेसमैन महेश नाहटा ने इंदौर के खजराना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। नाहटा ने पुलिस को बताया था वर्ष 2014 में उनकी प्रार्थना शिवहरे नामक महिला से शादी हुई थी। 2015 में उनकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया। वे फरवरी 2018 में पत्नी और तीन वर्षीय बेटे के साथ मध्यप्रदेश के शाजापुर में सगाई के एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। बाड़मेर लौटने के दौरान पत्नी प्रार्थना और बेटा अचानक बस से गायब हो गए थे। तब नाहटा ने रतलाम में दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
बाद में पता चला कि प्रार्थना इंदौर में इलियास अहमद नामक युवक के साथ रह रही है। नाहटा ने यह भी बताया कि पत्नी प्रार्थना और प्रेमी इलियास ने उनके बेटे का खतना भी करवा दिया है। इतना ही नहीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसका नाम और जन्म प्रमाण-पत्र भी बदलवा दिए हैं। इलियास खुद को उनके बच्चे का पिता बताने लगा।
पत्नी और बेटे को जिहादी मानसिकता वाला बनाया
नाहटा ने आरोप लगाया कि इलियास ने जानबूझकर जैन समाज के बच्चे का धर्मांतरण करवाया। यही नहीं उसने उनकी पत्नी व बेटे को जिहादी मानसिकता वाला भी बना दिया। उनके मासूम बेटे का जबरदस्ती खतना करवा दिया और उसे मुस्लिम धर्म के हिसाब से रहने के लिए मजबूर किया। नाहटा का आरोप है कि इलियास और उसके सहयोगी अन्य हिंदू महिलाओं और उनके बच्चों का धर्मातरण कराते थे।
बेटे को लौटाने के लिए मांगे 5 लाख
महेश नाहटा के अनुसार इलियास ने उनसे पत्नी और बेटे को लौटाने के लिए पांच लाख रुपए की मांग की। नाहटा डेढ़ लाख रुपए देने के लिए तैयार भी हो गए और रुपयों की व्यवस्था भी कर ली लेकिन उसके बाद इलियास का उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ। इसके चलते उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। नाहटा ने शाजापुर न्यायालय में पत्नी से तलाक लेने के लिए अर्जी भी दायर कर दी। जहां से बच्चे को पिता के सुपुर्द करने का आदेश हुआ था।
इन धाराओं में हुई सजा
नाहटा की शिकायत पर इंदौर के खजराना थाने पर आरोपी इलियास के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 तथा मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 के तहत केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले में नाहटा की पत्नी प्रार्थना शिवहरे (27), उसके प्रेमी इलियास अहमद (33) और सहयोगी मोहम्मद जफर अली (37) को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया था। जहां नवम सत्र न्यायाधीश जितेंद्रसिंह कुशवाह ने तीनों को दोष सिद्ध पाते हुए 10-10 साल के सश्रम कारावास से दंडित किया गया। न्यायालय ने मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 के तहत तीनों को 7-7 साल के कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी सुनाया है। न्यायालय ने बच्चे को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया है।
जैन मुनियों ने भी ली थी आपत्ति
बता दें कि इलियास और प्रार्थना ने पीड़ित बालक को मदरसे में पढ़ाई के लिए भी भेजना शुरू कर दिया था। इसे लेकर जैन समाज के साथ जैन मुनियों ने भी आपत्ति ली थी और काफी विरोध दर्ज करवाया था। इसे लेकर भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (वर्तमान में कैबिनेट मंत्री) ने ट्वीट कर चिंता जाहिर जताई थी।