चस्का अफसरी का : नगर निगम का लेखा अधिकारी उपायुक्त और कई विभागों का प्रभारी बन बैठा, अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद भी फाइलों पर कर रहा हस्ताक्षर !

रतलाम नगर निगम उपायुक्त विकास सोलंकी की अनियमितताओं की शिकायत मुख्य निर्वाचन आयुक्त से की गई है। शिकायत की प्रतिलिपि राज्य निर्वाचन आयोग, मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री तथा एमएसएमई मंत्री को भी भेजी गई है।

चस्का अफसरी का : नगर निगम का लेखा अधिकारी उपायुक्त और कई विभागों का प्रभारी बन बैठा, अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद भी फाइलों पर कर रहा हस्ताक्षर !
मुख्य निर्वाचन आयुक्त से की रतलाम नगर निगम के उपायुक्त की शिकायत।

भाजपा पार्षद दल सचेतक ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से की पांच वर्ष से एक ही स्थान पर जमे निगम उपायुक्त विकास सोलंकी की शिकायत

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एक ही स्थान पर पांच साल से जमें रतलाम नगर निगम उपायुक्त विकास सोलंकी की अनियमितताओं का मामला मुख्य निर्वाचन आयुक्त तक भी पहुंच चुका है। भाजपा पार्षद दल के सचेतक हितेश शर्मा (कॉमरेड) ने निर्वाचन आयुक्त को लिखित शिकायत भेजी है। इसमें सोलंकी पर गंभीर आरोप लगाते हुए तत्काल कार्रवाई के लिए राज्य शासन को निर्देशित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने शिकायत के साथ उपायुक्त सोलंकी के विरुद्ध नगर निगम परिषद द्वारा पारित अविश्वास प्रस्ताव की प्रतिलिपि भी संलग्न की है।

भाजपा पार्षद दल सचेतक हितेश शर्मा द्वारा निर्वाचन आयुक्त को भेजी गई शिकायत में बताया है कि रतलाम नगर पालिक निगम में उपायुक्त पद पर पदस्थ विकास सोलंकी मूलरूप से वित्त विभाग में लेखाधिकारी पद पर पदस्थ हैं। इतना ही नहीं निगम के लेखा विभाग, राजस्व विभाग, सम्पत्ति कर विभाग, विकास शाखा, जनसम्पर्क विभाग, भंडार विभाग एवं स्थापना शाखा आदि कई अन्य विभागों का प्रभार भी सोलंकी के पास ही था। रतलाम में 5 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ इस अधिकारी की कार्यशैली प्रारंभ से ही विवादास्पद रही है।

अब भी अपनों को पहुंचा रहे अनैतिक लाभ

भाजपा पार्षद दल के अनुसार तमाम अनियमितताओं के चलते ही गत 7 मार्च 2024 को हुए नगर निगम के साधारण सम्मिलन में पार्षदों द्वारा उपायुक्त विकास सोलंकी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। परिषद ने सर्वानुमति से अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सोलंकी को उपायुक्त सहित सभी विभागों के प्रभारी के दायित्व से कार्यमुक्त किया गया था। भाजपा पार्षद दल सचेतक की मानें तो सोलंकी की अनियमितताएं अब भी जारी हैं। उनके द्वारा सभी विभागों की फाइलों पर पुरानी तारीख में हस्ताक्षर कर अपने नजदीकियों को अनैतिक लाभ पहुंचाया जा रहा है।

शिकायती पत्र में मांग की गई है कि उपायुक्त सोलंकी के विरुद्ध विभागीय जांच की जाकर सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए तथा लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए उनका स्थानातंरण रतलाम नगर पालिक निगम से अन्यत्र किया जाए। शिकायत की प्रतिलिपि राज्य निर्वाचन आयोग, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तथा कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप को भी प्रेषित की गई है।

निर्वाचन आयुक्त से साझा की गई अनियमितताओं की बानगी

सिविक सेंटर रजिस्ट्रीकांड : निर्वाचन आयुक्त को की गई शिकायतों में उपायुक्त विकास सोलंकी की कुछ बानगी भी साझा की गई है। इनमें विकास शाखा की योजना क्रमांक 71 सिविक सेंटर स्थित 22 भूखंडों की अनियमितता पूर्वक संपादित कराई गई रजिस्ट्री का बहुचर्चित मामला प्रमुख है। आयोग को बताया गया है कि रजिस्ट्रियों में महत्वपूर्ण भूमिका उपायुक्त सोलंकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। रजिस्ट्री पर इनके हस्ताक्षर भी हैं।

सांठगांठ कर हथियाए पद और विभाग : रतलाम नगर पालिक निगम में वित्त विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लेखाधिकारी के पद पर पदस्थ रहते हुए तत्कालीन आयुक्त से सांठगांठ की और उपायुक्त बन बैठा। इसके साथ ही नगर निगम के लेखा, राजस्व, सम्पत्ति कर, विकास शाखा, जनसम्पर्क, भंडार एवं स्थापना शाखा सहित कई प्रमुख विभागों का प्रभार भी हासिल कर अनियमितता की।

सरकार के विरुद्ध बनाया माहौल : विधानसभा निर्वाचन के पूर्व उपायुक्त सोलंकी द्वारा नगर निगम कर्मचारियों को भड़का कर भा. ज. पा पार्षदों, राज्य सरकार और नगर सरकार के विरुद्ध माहौल बनाया। ऐसा करके भा. ज. पा. की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया।

लेन-देन व फाइल पेंडिंग रखना कार्यशैली : शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नगर निगम के सम्पत्ति कर विभाग, राजस्व विभाग और विकास शाखा से संबंधित नामांतरण सहित आमजन से जुड़े अन्य कार्य बगैर लिए-दिए (रिश्वत) के नहीं होते। ऐसे प्रकरणों (फाइलों) को पेंडिंग रखना उपायुक्त सोलंकी की कार्यशैली का अभिन्न अंग है।

3 साल से अधिक समय से काबिज : उपायुक्त सोलंकी एक ही स्थान पर 5 साल से अधिक समय से काबिज हैं। निर्वाचन आयोग के स्पष्ट निर्देश के बाद भी विधानसभा निर्वाचन के दौरान भी रतलाम नगर निगम से इनका अन्यत्र स्थानांतरण नहीं हुआ।

पदोन्नति व अनुकंपा नियुक्त में अनियमितता : सोलंकी द्वारा नगर निगम में कर्मचारियों की योग्यता व वरिष्ठता को अनदेखा कर गलत तरीके से विभिन्न पदों पर पदोन्नति एवं अनुकम्पा नियुक्ति की कार्यवाही की गई। इतना ही नहीं सभी टेबलों पर अपने व्यक्ति बैठाकर उन्हें भारी लाभ पहुंचाया गया। अन्य कर्मचारी के साथ भेदभाव भी किया गया।