समावेशी शिक्षा प्रशिक्षण : दिव्यांग विद्यार्थी को दया की नहीं, सिर्फ उनके अधिकारों व योजनाओं का लाभ दिलाने की जरूरत है, आप सभी सहभागी बनें- DEO शर्मा
समग्र शिक्षा अभियान सेकंडरी एजुकेशन के अंतर्गत समावेशी शिक्षा पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रतलाम में किया गया। इस दौरान नोडल शिक्षकों को दिव्यांग विद्यार्थियों से जुड़ी जानकारी साझा की गई।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । किसी दिव्यांग विद्यार्थी का एक अंग कार्य नहीं करता है, तो बाकी अंगों में दोगुनी शक्ति दिव्य रूप से प्राप्त हो जाती है। इन्हें आपकी दया, आपकी सहायता की आवश्यकता नहीं है। जरूरत है उनके अधिकारों का लाभ दिलाने की जिसमें आप मददगार हो सकते हैं। तभी इस प्रशिक्षण की सार्थकता होगी।
यह बात जिला शिक्षा अधिकारी के. सी. शर्मा ने उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षकों से कही। वे समग्र शिक्षा अभियान सेकंडरी एजुकेशन के अंतर्गत समावेशी शिक्षा पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस सत्र के अन्य अतिथि उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुभाष कुमावत, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अशोक कुमार लोढ़ा, डाइट पिपलौदा के वरिष्ठ व्याख्याता एवं आईईडी प्रभारी डॉ. नरेंद्र कुमार गुप्ता रहे। सर्वप्रथम माँ सरस्वती के चित्र और माल्यार्पण कर द्वीप प्रज्वलित किया गया।
स्कूलों में नियुक्त किए एक-एक नोडल शिक्षक
द्वितीय सत्र में रतलाम, सैलाना, बजाना ब्लॉक के हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी विद्यालयों से एक-एक शिक्षक को नोडल शिक्षक नियुक्त कर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण राज्य स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर एवं जिला समन्वयक (समावेशी शिक्षा) अंबाराम बोस एवं अशोक कुमार बंसल ने दिया। मास्टर ट्रेनर्स द्वारा समावेशी शिक्षा के उद्देश्य आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016, दिव्यांगता के प्रकार, दिव्यांग विद्यार्थियों को मिलने वाली विभिन्न छात्रवृतियां एवं योजनाओं की जानकारी, सूचना संचार तकनीकी, शाला में बाधा मुक्त वातावरण, दिव्यांग विद्यार्थियों के परीक्षा बोर्ड द्वारा दिए गए प्रावधान आदि की जानकारी प्रोजेक्टर एवं एलईडी के माध्यम से दी गई।
योजनाओं व उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी
प्रशिक्षण के समापन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में अशोक कुमार लोढ़ा ने कहा कि 1 से 8 तक के दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा व्यवस्था के लिए मोबाइल स्रोत सलाहकार नियुक्त हैं। कक्षा 9 से 12 तक अध्ययनरत दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा व्यवस्था हेतु कोई अधिकृत शिक्षक शाला में नहीं था। नोडल शिक्षक नियुक्त कर दिव्यांग छात्रों का समावेशन करने का यह प्रयास है। जिला शिक्षा केंद्र रतलाम के सहायक जिला परियोजना समन्वयक (आईईडी) मुकेश कुमार राठौर ने जिले में दिव्यांगों के लिए उपलब्ध संसाधन केंद्र, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध संसाधनों, दिव्यांग हॉस्टल, इनके के लिए बने अधिनियम एवं शासन की योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी।
ये उपस्थित रहे
प्रशिक्षण में मोबाइल स्रोत सलाहकार प्रशांत अस्थाना, हरिओम मावी, मदन धमनिया, संदीप पटेल, प्रकाश सोलंकी, दीप्ति अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा। संचालन जिला समन्वयक (समावेशी शिक्षा) अंबाराम बोस ने किया। आभार मास्टर ट्रेनर अशोक कुमार बंसल ने माना।