10 बाल मित्र ग्राम बनाने के बाद रतलाम को बाल मित्र जिला बनाने का लक्ष्य, कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला और परिचर्चा

रतलाम ग्रामीण के 10 गावों को बाल मित्र गांव बनेंगे। इनकी सफलता के बाद रतलाम को बाल मित्र जिला बनाने का प्रयास होगा।

10 बाल मित्र ग्राम बनाने के बाद रतलाम को बाल मित्र जिला बनाने का लक्ष्य, कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला और परिचर्चा
बाल मित्र ग्राम योजना के तहत आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । बाल मित्र ग्राम के माध्यम से रतलाम को बाल मित्र जिला बनाया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में परिचर्चा और कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें बाल मित्र ग्राम की अवधारणा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

बाल मित्र ग्राम बनाने की अवधारणा कैलाश सत्यार्थी फाउण्डेशन सहयोग से किया जा रहा है। कार्यशाला और परिचर्चा के दौरान ब्लॉक समन्वयक पूजा भाटी ने जिले के बच्चों एवं वहां की समस्याओं पर काम के दौरान के अपने अनुभव बताए। फाउण्डेशन के स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर श्रीकांत यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश के 11 जिलों में कैलाश सत्यार्थी फाउण्डेशन महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ बाल मित्र ग्राम बनाने की दिशा में काम कर रहा है। अब तक मध्य प्रदेश में 155 बाल मित्र ग्राम बनाए गए हैं। आने वाले पांच वर्षों में प्रदेश के सभी जिलों को बाल मित्र जिला बनाया जाएगा।

क्या है बाल मित्र ग्राम या जिलों से आशय

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउण्डेशन के सहयोग से रतलाम ग्रामीण विकासखण्ड की 10  पंचायतों के 10 ग्रामों में बाल मित्र ग्राम के रूप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। प्राथमिक रूप से 10 ग्रामों में बाल मित्र ग्राम बनाने की पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद बाल मित्र जिला रतलाम बनाने की योजना है। बाल मित्र ग्राम की अवधारणा यह है कि कोई भी बच्चा बाल मजदूरी न करे। सभी बच्चों का स्कूल में नामांकन हो। ग्राम में बाल पंचायत का गठन हो। इस बाल पंचायत को ग्राम पंचायत द्वारा मान्यता प्रदान की जाए।

कार्यशाला में ये रहे उपस्थित

कार्यशाला सह परिचर्चा में अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउण्डेशन के प्रोजेक्ट ऑफिसर श्रीकांत यादव, सीडीपीओ, वीईओ बाल कल्याण, पुलिस अधिकारी, श्रम निरीक्षक,  चाइल्ड लाइन के समन्वयक, समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी, बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।