रतलाम की अमलेटा पंचायत हुई कुपोषण मुक्त, महिला बाल बाल विकास सहित अन्य विभागों के समन्वित प्रयासों से मिली सफलता

महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों के संयुक्त प्रयासों से जिले की अमलेटा पंचायत कुपोषण मुक्त हो गई।

रतलाम की अमलेटा पंचायत हुई कुपोषण मुक्त, महिला बाल बाल विकास सहित अन्य विभागों के समन्वित प्रयासों से मिली सफलता

एसीएन टाइम्स @ रतलाम महिला एवं बाल विकास विभाग की रतलाम ग्रामीण परियोजना क्रमांक दो ने ग्राम पंचायत अमलेटा को कुपोषण मुक्त बनाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। गंभीर कुपोषित बच्चों के समेकित पोषण प्रबंधन कार्यक्रम संचालित करने से संभव हो सका है। इससे अमलेटा सुपोषित पंचायत बन गई है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश शर्मा द्वारा ग्राम पंचायतों को कुपोषण मुक्त बनाने को लेकर प्रयास किए जा रही हैं। इसके चलते ही अमलेटा पंचायत में सकारात्मक परिणाम सामने आए। यहां 0 से 6 वर्ष की उम्र तक के 167 बच्चों का नियमित वजन, लंबाई और उंचाई का माप लिया गया। उम्र अनुसार वर्गीकरण कर प्रत्येक बच्चे की कुपोषण की श्रेणी चिह्नित की गई। इन्हें कम वजन श्रेणी, अति कम वजन श्रेणी, लंबाई और उंचाई के अनुसार सेम एवं मेम बच्चों को चिह्नित किया गया। पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्चों को भर्ती कराया गया। सामुदायिक स्तर पर बच्चों के कुपोषण निवारण का कार्य भी किया गया।

आयुष विभाग के मार्गदर्शन में हुई तेल-मालिश, 21 दिन तक क्षीरपाक औषधि भी दी

अभियान के दौरान बच्चों के माता-पिता से घर जाकर मुलाकात की गई। उन्हें बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पोषक खान-पान प्रदान करने के बारे में परामर्श दिया गया। आंगनवाड़ी केन्द्र पर बच्चों को नाश्ता, भोजन, थर्ड मील नियमित रूप से प्रदान किया गया। कोरोना काल में बच्चों को घर पर ही पूरक पोषण आहार के रूप में टीएचआर एवं रेडी-टू-ईट व्यंजन (शक्कर पारे एवं सत्तू) घर पहुंचाए गए। इन बच्चों का प्रतिमाह अनिवार्य टीकाकरण पूर्ण करवा कर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करवाई गई। बीमार बच्चों का उपचार स्वास्थ्य विभाग ने किया। आयुष विभाग के मार्गदर्शन में उनकी तेल-मालिश की गई और क्षीरपाक औषधि का 21 दिन तक सेवन भी करवाया गया।

इन सब का रहा विशेष योगदान

अमलेटा को सुपोषित बनाने में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्राम पंचायत अमलेटा एवं नागरिकों ने कुपोषण निवारण में सक्रिय योगदान दिया। अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से परियोजना अधिकारी अनिल जैन ने समय-समय पर कार्ययोजना बनाई और उसका फालोअप लिया। क्षेत्रीय पर्यवेक्षक रेखा व्यास ने बच्चों के माता-पिता को परामर्श खानपान की सलाह दी। श्रेणीकरण श्रेणीकरण की जांच की। आंगनवाडी कार्यकर्ता रम्भा कटारिया व राजकुमारी चौहान ने बच्चों का नियमित वनज, लंबाई-ऊंचाई लेकर उनके कुपोषण की माप की गई। घर जाकर भेंट कर खानपान का प्रबंध करवाया। आंगनवाडी सहायिका सावित्री कटारिया एवं दुर्गा कटारिया ने पूरक पोषण आहार घर पहुंचाने में भूमिका निभाई। स्वास्थ्य विभाग की आशा रेखा ने टीकाकरण एवं आयरन सीरप, विटामिन, दवाइयों के वितरण तो अमलेटा के रोजगार सहायक मनीष कुमार ने नियमित आंगनवाडी में जाकर निरीक्षण कर ग्रामवासियों को समझाइश दी।