सड़क हादसे में सिर की हड्डी घुसने से क्षतिग्रस्त हो गया था दिमाग, खून के थक्के भी जम गए थे, जी. डी. अस्पताल में 4 घंटे सर्जरी कर बचा ली जान

रतलाम के डॉक्टरों ने बड़ा कारनामा कर दिखाया। जी. डी. अस्पताल में जिले की पहली न्यूरो सर्जरी कर सड़क हादसे में घायल एक व्यक्ति की जान बचा ली।

सड़क हादसे में सिर की हड्डी घुसने से क्षतिग्रस्त हो गया था दिमाग, खून के थक्के भी जम गए थे, जी. डी. अस्पताल में 4 घंटे सर्जरी कर बचा ली जान
न्यूरो सर्जरी के बाद स्वस्थ महेंद्र पांचाल और डॉ. मिशेल नागर, जी.डी. हॉस्पिटल के संचालक डॉ. लेखराज पाटीदार एवं हॉस्पिटल स्टाफ।

रतलाम की पहली न्यूरो सर्जरी कर चिकित्सा के क्षेत्र में बनाया बड़ा कीर्तिमान

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सड़क हादसे में सिर में फ्रैक्चर हुआ था। सिर की हड्डी दिमाग में जा धंसी। नतीजतन दिमाग भी काफी क्षतिग्रस्त हो गया। बाहरी एवं भीतरी हिस्सों में खून के थक्के तक जम चुके थे। ऐसी स्थिति में सर्जरी करना आसान नहीं था लेकिन रतलाम के डॉक्टरों ने 4 घंटे में न्यूरो सर्जरी कर नया कीर्तिमान गढ़ दिया। रतलाम के चिकित्सा इतिहास में पहली न्यूरो सर्जरी डॉ. मिलेश नागर ने जी. डी. हॉस्पिटल में की।
जी. डी. अस्पताल के संचालक डॉ. लेखराज पाटीदार ने बताया कि- 25 दिसंबर को मुल्थान गांव के पाटीदार मोहल्ला निवासी महेंद्र पाँचाल सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल हो गए थे। उन्हें बदनावर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहाँ प्राथमिक उपचार के बाद महेंद्र को गंभीर अवस्था में रतलाम रैफर कर दिया गया था। परिजन उन्हें जी. डी. अस्पताल लेकर पंहुचे। यहाँ डॉ. लेखराज पाटीदर ने शहर के पहले न्यूरो सर्जन गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. मिलेश नागर से संपर्क किया। डॉ. नागर अस्पताल पहुँचे एवं मरीज का परीक्षण कर न्यूरो सर्जरी की आवश्यकता बताई।

1 घंटे में ही शुरू हो गई सर्जरी, 4 घंटे चली रतलाम की पहली न्यूरो सर्जरी 

परिजन की सहमति के बाद अस्पताल के डॉक्टरों की टीम के साथ तुरंत न्यूरो सर्जरी की तैयारी शुरू कर दी। मरीज की हालत बेहद नाजुक होने से महज एक घंटे के भीतर ही सर्जरी शुरू हो गई। सर्जरी लगभग 4 घंटे चली। डॉ. मिलेश एवं अस्पताल की टीम ने मरीज के दिमाग में फंसे हड्डी के टुकड़ों को बाहर निकला। खून के थक्के भी साफ किए। सफल सर्जरी के बाद मरीज को ऑब्जर्वेशन में रखा गया। 9 दिन तक कड़े ऑब्जरवेशन में रहने के बाद महेंद्र को प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। 6 जनवरी को स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। पूरी तरह स्वस्थ पाए जाने पर उन्हें डिस्चार्ज किया गया। घर रवाना होने से पहले मरीज और परिजन ने जी. डी. अस्पताल प्रशासन एवं डॉक्टरों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
बता दें कि, रतलाम ने चिकित्सा के इतिहास में यह बड़ी सफलता है। रतलाम में पहली सफल न्यूरो सर्जरी होने से अब यहां चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी सर्जरी के रास्ते खुल गए हैं। अब तक न्यूरो सर्जरी के लिए मरीजों को बड़े शहरों में जाना पड़ता था।