करदाताओं को बड़ी राहत : 1 लाख रुपए तक TAX की मांग होगी माफ, जानिए- क्या है पूरा मामला और किसे मिलेगी छूट
सीबीडीटी ने करदाताओं को राहत दी है। अब 1 लाख रुपए तक की छोटी कर मांग को सीबीडीटी ने खत्म करने की घोषणा की। इस तरह सरकार करीब 3500 करोड़ रुपए की कर मांग वापस लेगी।
एसीएन टाइम्स @ डेस्क । केंद्र सरकार ने देश के करदाताओं को बड़ी राहत दी है। सरकार द्वारा अंतरिम बजट में की गई घोषणा के मुताबिक कर निर्धारण वर्ष 2015-16 तक की छोटी कर (TAX) मांग को वापस लेने का निर्णय लिया गया है। इसकी सीमा प्रति करदाता 1 लाख रुपए निर्धारित की गई है। इसका लाभ देश के करीब 1 करोड़ 11 लाख करदाताओं को मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों अंतरिम बजट पेश किया था। इसमें की गई घोषणाओं के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक आदेश जारी किया है। इसके अनुसार 31 जनवरी, 2024 तक इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स और गिफ्ट टैक्स से संबंधित बकाया मांग को समाप्त कर दिया जाएगा। इसकी सीमा 1 लाख रुपए होगी। इसमें कर की मांग का प्रिंसिपल कंपोनेंट, इंटरेस्ट, जुर्माना, चार्ज, सेस और सरचार्ज आदि शामिल रहेगा। यह इनकम टैक्स एक्ट के TDS अथवा TCS प्रावधान के तहत टैक्स काटने वालों या टैक्स का संग्रह करने के खिलाफ की गई कर की मांग पर यह छूट लागू नहीं होगी।
पहले कम थी टैक्स छूट की सीमा
गौरतबल है कि पूर्व में छूट की सीमा पहले कम थी। कर निर्धारण वर्ष 2010-11 के लिए सिर्फ 25,000 रुपये तक माफ करने की घोषणा की गई थी। इसी तरह कर निर्धारण वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक के लिए यह 10,000 रुपए तक नियत थी।
3500 करोड़ की कर मांग होगी वापस
सीबीडीटी द्वारा जारी आदेश का लाभ देश के तकरीबन 1 करोड़ 11 लाख लोगों को होगा। एक अनुमान के अनुसार सरकार करीब 3,500 करोड़ रुपए के टैक्स की मांग वापस लेगी। यह करदाताओं के लिए बड़ी राहत होगी।
ऐसे उठाए सुविधा का लाभ
वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट गोपाल काकानी के अनुसार करदाता अपने ऑनलाइन अकाउंट्स का इस्तेमाल कर के इसका लाभ उठा सकते हैं। काकानी ने बताया करदाताओं को अपनी प्रोफाइल में Navigate to Pending Action> Response to Outstanding Demand पर जाना होगा और status of 'Extinguished Demands' को चैक करना होगा। काकानी के मुताबिक कि CBDT के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि छूट अथवा कर मांग समाप्त करने पर करदाता क्रेडिट अथवा रिफंड के लिए किसी भी प्रकार का दावा नहीं कर सकेंगे। यह छूट अथवा मांग निरस्ती के करण से करदाता के विरुद्ध चल रहे अथवा नियोजित अथवा संभावित आपराधिक कानून के तहत आपराधिक और कानूनी कार्रवाई पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा।