बिना पंजीयन नर्सिंगहोम चला रहे डॉ. राजेश पाटनी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना, पहले कमीशन की दवाई लिखने और थप्पड़ कांड के लिए रह चुके सुर्खियों में
रतलाम के सीएमएचओ ने शहर के एक निजी चिकित्सक पर 10 हजार रुपए का जुर्माना किया है। पहले भी विवादों में घिरे रह चुके चिकित्सक पर बिना पंजीयन नर्सिंगहोम संचालित करने का आरप है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर के निजी चिकित्सक डॉ. राजेश पाटनी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्हें बिना पंजीयन के नर्सिंगहोम संचालित और लोगों का इलाज करने का दोषी पाया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉ. पाटनी पर 10 हजार रुपए जुर्माना किया है। वे सरकारी अस्पताल में कमीशन की दवाई लिखने और थप्पड़ कांड के लिए भी चर्चा में रह चुके हैं।
जानकारी के अनुसार सुनील गांधी ने माता मोहनबाई गांधी के उपचार में लापरवाही के संबंध में शिकायत की थी। इसकी जांच की गई। इसमें मोहनबाई का उपचार डॉ. राजेश पाटनी द्वारा किया जाना पाया गया। जिस अवधि में उन्होंने अपने निर्सिंगहोम में उपचार किया उस दौरान डॉ. पाटनी के क्लीनिक का नर्सिंगहोम एक्ट अर्थात म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 व नियम 1997 के प्रावधानो के अनुसार जीवित पंजीयन नहीं पाया गया। इसे गंभीर मामला मानते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर ने डॉ. पाटनी पर दस हजार रुपए का जुर्माना अधिरोपित करने का आदेश जारी किया है।
सीएमएचओ द्वारा डॉ. पाटनी को आगाह किया गया है कि यदि भविष्य में इस प्रकार कृत्य किया जाना पाया जाता है तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। सीएमएचओ के अनुसार डॉ. पाटनी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए म.प्र. आयुर्विज्ञान परिषद को इनका पंजीयन निरस्त करने के लिए लिखा जाएगा। यदि ऐसा होता है तो पाटनी से डॉक्टर का तमगा छिन जाएगा।
कमीशन की दवाइयां लिखने के लिए हुए थे बर्खास्त
डॉ. राजेश पाटनी निजी चिकित्सक के रूप में प्रैक्टिस करने से पहले रतलाम जिला अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी थे। तब उन पर कंपनी विशेष की कमीशन वाली दवाइयां लिखने के आरोप लगे थे। मामले में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। विभागीय जांच में सामने आया था कि डॉ. पाटनी कंपनी विशेष की दवाई लिखने के एवज में कंपनी की ओर से मिलने वाले कमीशन अथवा उपहार की लिखित प्राप्ति भी देते थे। उनकी लिखित प्राप्ति ही बाद में उनके कमीशन की दवाई लिखने का सबूत बनी थीं। यह मामला न्यायालय तक भी पहुंचा था।
जब पैर छूते ही गूंजा था थप्पड़
डॉ. पाटनी दो वर्ष पूर्व भी सुर्खियों में आए थे। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वे अपने क्लीनिक में एक महिला के पैर छूते नजर आए थे और अगले ही पल उक्त महिला ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट भी की थी। यह मामला 19 जनवरी 2022 का था जिसे ब्लैकमेलिंग जुड़ा बताया जा रहा था, हालांकि डॉ. पाटनी की ओर से इसे लेकर पुलिस से कोई शिकायत नहीं की गई थी।