रतलाम का बेटा देश की सेवा करते हुए मणिपुर में हुआ शहीद, शुक्रवार को मावता में सैन्य सम्मान के साथ दी जाएगी अंतिम विदाई
रतलाम जिले के मावता गांव का बेटा मणिपुर के इंफाल में शहीद हो गया। शहीद सैनिक का अंतिम संस्कार शुक्रवार को गृहग्राम मावता में होगा।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम की धरती एक बार फिर धन्य हो गई। मावता जैसे छोटे से गांव के बेटे लोकेश कुमावत ने देश की सेवा करते हुए जान दे दी। जवान को शुक्रवार को रतलाम सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई देगा।
रतलाम जिले के मावता निवासी 22 वर्षीय युवक लोकेश कुमावत भारतीय सेना में पदस्थ होकर मणिपुर के इम्फाल में पदस्थ थे। शहादत की सूचना परिजन को मिली तो सभी स्तब्ध रह गए। लोकेश की पार्थिवदेह इंदौर के लिए हवाई जहाज में इम्फाल से रवाना हुई। पार्थिव देह गुरुवार देर रात इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंचेगी। यहां से सेना के वाहन और टुकड़ी रतलाम लेकर आएगी। पार्थिव देह शुक्रवार की अल सुबह गांव मावता पहुंचेगी। यहां सेन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा भी तैयारी की जा रही है।
अभी स्पष्ट नहीं हो पाया कि कैसे हुई शहादत
मावता के मुकेश कुमावत के होनहार बेटे लोकेश के देश सेवा के लिए प्राण गंवाने की खबर जैसे ही मिली तो गांव का माहौल गमगीन हो गया। सेना के अधिकारियों से सूचना मिलने पर परिजन देर रात को ही इंदौर पहुंच गए थे। वे शहीद की पार्थिव देह के साथ लौटेंगे। फिलहाल यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लोकेश की शहादत कैसे हुई।
दो वर्ष पूर्व बने थे सेना का हिस्सा
लोकेश का चयन सेना के लिए हुआ था। वे 2019 में सेना में चयनित हुए। इसके बाद से बीते वे देशसेवा में संलग्न थीं। परिवार में लोकेश के पिता मुकेश पेशे से किसान हैं। उनके अलावा परिवार में लोकेश की मां रेखाबाई, एक छोटा भाई विशाल आदि हैं।