टैक्सपेयर्स को अब वर्ष 2022-23 के लिए ITR में देनी होगी अतिरिक्त जानकारी, आप भी जानिए आयकर विभाग ने क्या किए नए प्रावधान

आयकर विभाग ने आईटीआर फॉर्म में नए प्रावधान शामिल किए हैं। इसमें अब देश व विदेश में बेची अथवा खरीदी गई संपत्ति की जानकारी के अलावा पेंशन का स्रोत और उस पर प्राप्त ब्याज का ब्यौरा भी देना होगा।

टैक्सपेयर्स को अब वर्ष 2022-23 के लिए ITR में देनी होगी अतिरिक्त जानकारी, आप भी जानिए आयकर विभाग ने क्या किए नए प्रावधान
इनकम टैक्स विवरणी (आईटीआर) में दर्ज करना होगी अतिरिक्त जानकारियां।

एसीएन टाइम्स @ डेस्क । आयकर विभाग द्वारा आकलन वर्ष 2022-23 के लिए नए आईटीआर (आयकर रिटर्न) फॉर्म जारी किए गए हैं। इसमें वित्त वर्ष 2021-22 से संबंधित जानकारी देना होगी। आयकर दाताओं को इस साल से आईटीआर फॉर्म में कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी होंगी।

आयकर विभाग द्वारा जारी फॉर्म आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर-6 तक सभी फॉर्म पिछले साल की ही तरह हैं। इनमें बड़ा बदलाव नहीं किया गया है किंतु कुछ अतिरिक्त जानकारी का प्रावधान जरूर किया गया है। अब आईटीआर सूचनाओं में पेंशन के स्रोत, ईपीएफ खाते से प्राप्त ब्याज, जमीन की खरीद या बिक्री की तारीख और कई अन्य जानकारियां दर्ज करना होंगी। अगर आपको आईटीआर में किए गए इन बदलावों की जानकारी नहीं है तो आपको इन्हें भरने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि आईटीआर फॉर्म भरते समय उपरोक्त बदलावों को जरूर ध्यान में रखें।

ये अतिरिक्त जानकारियां दर्ज करना होंगी आईटीआईर में

पेंशन का स्रोत : आईटीआर फॉर्म में पेंशनभोगियों को अब पेंशन का स्रोत भी बताना होगा। यानी कि आपको केंद्र सरकार से पेंशन मिल रही है तो आईटीआर फॉर्म में दिया गया 'पेंशनर्स सीजी' ऑप्शन चुनना होगा। इसी तरह राज्य सरकार के पेंशनभोगियों को 'पेंशनर्स एससी' विकल्प चुनें। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पेंशनभोगियों के लिए 'पेंशनभोगी PAYU' विकल्प भरना होगा। बाकी पेंशनभोगियों को 'पेंशनर अदर' का चयन करना होगा। इसमें ईपीएफ पेंशन आदि शामिल है।

भूमि संबंधी : अब आपको आईटीआर में भूमि की खरीदी और बिक्री की तारीख भी दर्ज करना होगी। अगर 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 के बीच आपने कोई जमीन खरीदी अथवा बेची है, तो कैपिटल गेन्स के तहत आईटीआर फॉर्म में खरीद या बिक्री की तारीख दर्ज करना होगी। इतना ही नहीं हर साल जमीन अथवा भवन के नवीनीकरण पर होने वाले खर्च का ब्यौरा भी दर्ज करना होगा। यह खर्च लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर पहुंचने के लिए बिक्री मूल्य से घटाना पड़ेगा।

विदेशी संपत्ति व कमाई : विदेश में संपत्ति होने और उस पर होने वाले लाभांश की जानकारी भी आईटीआर में देना अनिवार्य है। यानी अगर आपके पास विदेश में कोई संपत्ति है या विदेश से किसी संपत्ति पर लाभांश या ब्याज अर्जित किया गया है, तो यह जानकारी आईटीआर-2 और आईटीआर-3 में दर्ज होगी।

देश के बाहर बेची संपत्ति : यदि कोई टैक्सपेयर देश के बाहर कोई संपत्ति बेचता है, तो उसे नए आईटीआर फॉर्म में इसका ब्यौरा भी देना होगा। आईटीआर में खरीदार का पूरा पता और संपत्ति से संबंधित पूरी जानकारी दर्ज करना होगी।

ईपीएफ का ब्याज : कई बार कर्मचारी अपने ईपीएफ खाते में सालभर में अतिरिक्त राशि भी जमा कराते हैं। यह राशि 2.50 लाख रुपए तक होने पर अतिरिक्त योगदान पर ब्याज अर्जित होगा। इस पर भी टैक्स चुकाना होगी। इसकी गणना कर जानकारी आईटीआर फॉर्म में दर्ज करना होगी।