हिस्ट्रीशीटर दीपू टांक के मकान पर चला बुलडोजर, सवा घंटे में आलीशान भवन से बन गया खंडहर, परिवार वाले कोर्ट का स्टे ही दिखाते रह गए
प्रशासन ने मंगलवार को हिस्ट्रीशीटर दीपू टांक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसका मकान तोड़ दिया। दीपू टांक के वकील ने इसे कोर्ट की अवमानना बताया है। उनका कहना है कि कोर्ट से स्टे होने के भी कार्रवाई की गई।
दोपहर 3.10 बजे शुरू हुई कार्रवाई 4.15 बजे थमी, अफसर बोले एमओएस के तहत पहले ही दे दिया था नोटिस, वकील ने कहा कार्रवाई को बताया कोर्ट की अवमानना
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अवैध कारोबार में लिप्त और नियम विरुद्ध निर्माण करने वालों के विरुद्ध संयुक्त मुहिम मंगलवार को दीनदयालनगर में चली। यहां हिस्ट्रीशीटर दीपक उर्फ दीपू टांक के आलीशान मकान पर बुल्डोजर चला। टांक के परिवार वाले और वकील कोर्ट का स्टे ही दिखाते रह गए और तोड़ने आए अमले ने महज 1 घंटे 15 मिनट में ही भवन खंडहर को तब्दील कर गया। कार्रवाई के दौरान आसपास का इलाका पुलिस छावनी बना रहा।
जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम संयुक्त रूप से एक्शन मोड पर है। शहर के भाटों का वास में हुए गोलीकांड के बाद से जुआरियों, सटोरियों, गुंडों, ब्याजखोरों सहित अन्य अपराधों में लिप्त लोगों की शामत आई हुई है। इनके विरुद्ध शुरू हुई धरपकड़ और तोड़-फोड़ की कार्रवाई का रुख मंगलवार को दीनदयालनगर के मेन रोड पर स्थित हिस्ट्रीशीटर दीपू टांक के घर की तरफ हो गया। दोपहर करीब तीन बजे जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसरों ने भारी पुलिस बल के साथ मोर्चा संभाल लिया। नगर निगम की गैंग के साथ पोकलेन मशीन और जेसीबी भी पहुंच गई।
मोर्चा संभालने के बाद सबसे पहले पुलिस ने आसपास के रहवासियों को घरों के अंदर रहने की हिदायत दी और रोड पर हो रही आवाजाही को रोक दिया। मुख्य रोड के दोनों तरफ व पास कि गलियों में भी पुलिस का पहरा बैठा दिया गया। करीब 3.10 बजे अफसरों का इशारा मिलते ही ड्राइवर ने पोकलेन मशीन के पंजा दीपू टांक के मकान की ओर घुमा दिया और एक ही झटके में उसकी बाउंड्रीवाल जमींदोज हो गई। शाम 4.15 बजे जब तोड़-फोड़ थमी तब तक मजबूत आलीशान भवन खंडहर बन चुका था। कार्रवाई में सिर्फ सीमेंट-कांक्रीट की दीवारें, छत और गैलरी ही नहीं टूंटी, कीमती फर्नीचर और एलईडी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी नष्ट हो गए। तोड़-फोड़ की कार्रवाई देखने वालों का कहना था कि ऐसी कार्रवाई में इतना कीमती फर्नीचर पहली बार टूटते देखा।
परिवार के लोगों ने जताया विरोध, कहा- कोर्ट का स्टे है फिर कैसे तोड़ रहे हैं
तोड़-फोड़ शुरू करने से पहले पुलिस ने दीपू टांक के घर में मौजूद सभी लोगों को बाहर कर दिया था। पुलिस द्वारा जब यह पुष्टि कर ली गई कि घर में कोई नहीं है तब बुलडोजर आगे बढ़ा। यह देखते ही टांक परिवार की महिलाएं व अन्य सदस्यों ने कार्रवाई को विरोध किया। हालांकि पुलिस की सख्ती के आगे उनकी एक न चली। इसी दौरान एडवोकेट पंकज कोर्ट से जारी स्टे की कॉपी भी लेकर आ गए। उन्होंने स्टे के बावजूद तोड़-फोड़ पर आपत्ति ली। इसके बाद वे और परिवार के सदस्य स्टे की प्रति दिखा कर कार्रवाई रोकने के लिए कहते रहे लेकिन न तो अफसरों ने उस पर ध्यान दिया और न ही निगम का अमले ने कार्रवाई ही रोकी। इस दौरान एसडीएम अभिषेक गहलोत, सीएसपी हेमंत चौहान, तहसीलदार गोपाल सोनी और सिटी इंजीनियर सहित अन्य मौजूद रहे।
स्टे दिखाने के बाद भी तोड़ दिया मकान, यह कोर्ट की अवमानना है- एडवोकेट पंकज
दीपक उर्फ दीपू टांकके एडवोकेट पंकज रजक ने मीडिया को बताया कि न्यायाधीश कृष्णा अग्रवाल की कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत निवेदन किया था कि कमिश्नर नियुक्त कर हो जाए कि हमारा कितना मकान एक्स्ट्रा बना है और उसकी नपती हो जाए उसके बाद मकान तोड़ दीजिएगा। कोर्ट ने स्टेट जारी करते हुए 27 जनवरी तक यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए। आदेश मे स्ष्ट किया कि नगर निगम का अमला या कोई भी मकान तोड़ने नहीं जाएगा। हमारे द्वारा पुलिस व अन्य अधिकारियों को स्टे दिखाने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने यह कहकर मकान तोड़ दिया कि हमें कमिश्नर का फोन नहीं आया। इससे स्पष्ट है कि अधिकारी कोर्ट को नहीं मानते, उन्हें कोर्ट से कोई डर नहीं है। यह कोर्ट की अवमानना है।
निगम ने एमओएस के तहत नोटिस दिया था, आज कार्रवाई की- एसडीएम गहलोत
एसडीएम अभिषेक गहलोत ने बताया कि आज जो मकान तोड़ा गया वह दीपक टांक नामक व्यक्ति का मकान था। पूर्व में नगर निगम ने एमओएस के आधार पर नोटिस दिए थे। उसके तहत आज कार्रवाई की गई है। कानून व्यवस्था न बिगड़े और तोड़ने में कोई परेशानी न हो इसके लिए पुलिस बल के साथ हम लोग यहां उपस्थित रहे और पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। एसडीएम ने बताया टांक के खिलाफ सूदखोरी सहित अन्य तीस से ज्यादा मामलों में केस दर्ज हैं।