मध्यप्रदेश की छह बोलियों के लिए 2018 एवं 2019 के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा, पुरस्कार में प्रत्येक को मिलेेंगे 5-51 हजार रुपए

साहित्य अकादमी ने मप्र की छह बोलियों की कृतियों के लिए पुरस्कार की घोषणा की गई है। दो बोलियों के लिए कोई प्रविष्टि नहीं आने वर्ष 2018 एवं 2019 के लिए कुल 8 कृतियों का चयन किया गया।

मध्यप्रदेश की छह बोलियों के लिए 2018 एवं 2019 के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा, पुरस्कार में प्रत्येक को मिलेेंगे 5-51 हजार रुपए

एसीएन टाइम्स @ भोपाल । मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा संचालित साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद् ने वर्ष 2018 एवं 2019 के लिए  मध्यप्रदेश की छः बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। साहित्य अकादमी के निदेश डॉ. विकास दवे ने बताया पुरस्कार के रूप में प्रत्येक कृति को रुपये 51-51 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे।

 वर्ष 2018 के लिए चयनित कृति

(1)- ‘मालवी’ बोली : संत पीपा स्मृति पुरस्कार हेमलता शर्मा (भोली बेन)- इंदौर, कृति : ‘मालवी डबल्यो’

(2)- ‘निमाड़ी’ बोली : संत सिंगाजी स्मृति पुरस्कार प्रमोद त्रिवेदी ‘पुष्प’ - राजपुर (जिला-बड़वानी), कृति: ‘तमकऽ कइ करनुज’

(3)- ‘बघेली’ बोली : विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार अनूप अशेष - सतना, कृति : ‘बानी आदिम’

(4)- ‘बुंदेली’ बोली : छत्रासाल स्मृति पुरस्कार दीनदयाल तिवारी - टीकमगढ़, कृति : ‘बेताल की चैकड़िया’।

वर्ष 2019 के लिए चयनित कृति

(1)- ‘मालवी’ बोली : संत पीपा स्मृति पुरस्कार सतीश दवे - उज्जैन, कृति : ‘बात को बतंगड़’

(2)- ‘निमाड़ी’ बोली : संत सिंगाजी स्मृति पुरस्कार जगदीश जोशीला - गोगांवा (जिला - खरगोन), कृति : ‘निमाड़ी धंधोरया’

(3)- ‘बघेली’ बोली : विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार डाॅ. अंजनि सिंह ‘सौरभ’- सीधी, कृति : ‘ठठरा माँ साँसि’

(4)- ‘बुंदेली’ बोली : छत्रासाल स्मृति पुरस्कार डाॅ. राज गोस्वामी - दतिया, कृति : ‘मौं ढाँकें करिया में’

नोट : दोनों ही वर्षों के लिए ‘भीली’ एवं ‘गोंडी’ बोली के पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई।