महापौर, निकाय अध्यक्ष व पार्षदों का मानदेय दोगुना होगा, अवैध कॉलोनी काटने वाले जेल भेजे जाएंगे- शिवराज
मप्र के महापौरों, नगर पालिका अध्यक्षों और पार्षदों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सफलता के गुर बताने के साथ उनका मानदेय दोगुना किए जाने की जानकारी भी दी।
मप्र के मुख्यमंत्री ने महापौर, नगरीय निकायों के अध्यक्षों और पार्षदों के सम्मेलन में यह ऐलान किया
एसीएन टाइम्स @ भोपाल । प्रदेश के महापौर, नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के अध्यक्षों और पार्षदों का मानदेय दोगुना होगा। नगर निगमों को नया भवन निर्माण करने के लिए एक-एक करोड़ रुपए दिए जाएंगे। नई अवैध कॉलोनी काटने वालों को जेल भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये ऐलान सोमवार को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित महापौर, अध्यक्ष और पार्षद सम्मेलन में कही। सम्मेलन सह कार्यशाला का आयोजन नगरीय निकायों के नव-निर्वाचित महापौर, सभापति, नगर पालिका और नगर परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी पार्षदों के उन्मुखीकरण और अभिप्रेरण के लिए किया गया। इसमें मंत्री भूपेंद्र सिंह, ओपीएस भदौरिया के अलावा इंदौर, भोपाल, उज्जैन, सागर, देवास, बुरहानपुर, रतलाम, छिंदवाड़ा, मुरैना, खंडवा, सतना के मेयर मंच पर मौजूद थे। इस दौरान महापौर, नगर पालिका व निगम अध्यक्ष तथा पार्षदों को जीवन में सफलता के मंत्र बताए गए।
अभी इतना मिल रहा मानदेय जो हो जाएगा दो गुना
10 लाख से अधिक जनसंख्या के नगर पालिक निगमों में वर्तमान में महापौर को मानदेय 11 हजार, सत्कार भत्ता 2500, अध्यक्ष को मानदेय 9 हजार, सत्कार भत्ता 1400 और पार्षदों को मानदेय प्रतिमाह 6 हजार रुपए मिल रहा है। 10 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों के महापौर का मानदेय 11 हजार, सत्कार भत्ता 2500, अध्यक्ष को मानदेय 9 हजार, सत्कार भत्ता 1400 और पार्षद को 6 हजार रुपए मानदेय मिल रहा है। इसी प्रकार नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष का मानदेय 3 हजार रुपए सत्कार भत्ता 1800, उपाध्यक्ष का मानदेय 2400, सत्कार भत्ता 800 और पार्षद को मानदेय 1800 रुपए मिल रहा है। नगर परिषद में अध्यक्ष को मानदेय 2400 रुपए, सत्कार भत्ता 1100, उपाध्यक्ष को मानदेय 2100, सत्कार भत्ता 800 और पार्षद को 1400 रुपए मासिक मानदेय वर्तमान में मिलता है। इन सभी के मानदेय और भत्ते अब दो गुने हो जाएंगे।
सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए दिए जाएंगे 770 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों की सड़कों के पुर्ननिर्माण के लिये 770 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। नगरीय निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों के रिक्त पदों पर सशक्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पद-स्थापना की जाएगी। सफाई कर्मचारियों के लिये समूह बीमा योजना में दुर्घटना जनित मृत्यु पर अब 2 लाख के स्थान पर अब 5 लाख रुपए मिलेंगे। भवन विहीन नव गठित 35 नगरीय निकायों को 1-1 करोड़ रुपए की राशि भवन निर्माण के लिये दी जाएगी। इन्हें अधोसंरचना विकास के लिए भी 80-80 लाख रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री अन्त्योदय दीनदयाल रसोई योजना सभी शहरों में शुरू की जाएगी। अमृत योजना में 12 हजार 800 करोड़ रुपए शहरों में हर घर जल की उपलब्धता और स्वीकृत सीवरेज परियोजनाओं के लिए शुरू किए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में 14 शहरों में रोप-वे का निर्माण किया जाएगा। इनमें उज्जैन नगर भी शामिल है, जहाँ यात्री ट्रेन द्वारा रेलवे स्टेशन पहुँचने के बाद आकाश मार्ग से सीधे श्री महाकाल महालोक तक पहुँच सकेंगे। नगरों में सड़कों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए यातायात के लिए नए विकल्प अपनाए जाएंगे।
सीएम बोले - मेयर अध्यक्ष से बड़ी जवाबदारी पार्षद की
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि अहंकार मत रखना, विनम्र रहना। अगर जरा भी अहंकार आया तो जनता की नजरों से उतरना शुरू हो जाएंगे। जनता सब समझती है। उन्होंने आगाह किया कि बिना कागज देखे साइन मत करना। नियम देख लें, यही मूलमंत्र है। शिवराज ने कहा जनता काम के लिए सबसे पहले पार्षद के पास जाएगी। इसलिए मेयर और अध्यक्ष से बड़ी जवाबदारी पार्षद की है। मुख्यमंत्री और मंत्री पार्षदों की वजह से ही अच्छा काम कर पाएंगे। इसलिए पार्षद धैर्य न खोएं। हम जनता के सेवक हैं। निराश न हों, उत्साह से भरे रहें।
...तो ऐसा करने वाले को भेज दो जेल
सीएम ने कहा कि यदि बिल्डर नई अवैध कॉलोनी काटे तो उसे तत्काल जेल भेज दो। यदि नियम-प्रक्रिया पूरी नहीं करे तो जेल भेज दो। कोई दिक्कत नहीं हैं इसमें। पुरानी, अवैध कॉलोनियों में कई दिन से लोग घर बनाकर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम कॉलोनियों को वैध बनाने को लेकर सरल नियम प्रक्रिया बनाकर, उनको वैध करने का काम करेंगे। ताकि मध्यमवर्गीय और निम्न मध्ययमवर्गीय भाई-बहनों को कोई दिक्कत न हो।
दबंगों से मुक्त कराई 21 हजार एकड़ जमीन पर गरीबों के मकान बनेंगे
मुख्यमंत्री ने बताया प्रदेश में 21 हजार एकड़ जमीन गुंडों, दबंगों और बदमाशों द्वारा कब्जा कर ली गई थी। इनके डर के कारण लोग आवाज नहीं उठाते हैं। इसे मुक्त कराया गया है। सीएम ने कहा इसमें से शहर में स्थिति जमीन गरीबों के मकान बनाने के लिए दी जाए। अगर कोई अधिकारी समय सीमा में परमिशन नहीं देगा तो उसके खिलाफ रोज जुर्माना किया जाएगा। जुर्माने की राशि उसे दी जाएगी जिसका काम परमिशन नहीं मिलने से लेट हो रहा है।
सफलता का मंत्र भी बताया
सीएम ने जीवन में सफलता के लिए जनप्रतिनिधियों को पांव में चक्कर, मुंह में शक्कर, सीने में आग और माथे पर बर्फ रखने वाला मंत्र भी बताया। उन्होंने कहा कि पांव में चक्कर से आशाय है कि रोज लोगों के बीच जाएं। मुंह में शक्कर हो से तात्पर्य है कि सबसे मीठा बोलो, कड़वा नहीं। वैसे भी प्रेम से बोलने में कुछ नहीं लगता और मीठा बोलने से ही काम चल जाता है। सीने में आग रखने का मतलब समझाते हुए कहा कि काम करने की तलब होनी चाहिए। इसमें कोई कसर मत छोड़ना। सीएम ने बताया कि मैं सुबह 6 बजे से काम करना शुरू कर देता हूं। मेरे अंदर काम करने की आग जलती रहती है। यह तड़प सभी लोग अपने अंदर लाएं। उन्होंने कहा कि माथे पर बर्फ रखने का मतलब यह है कि हर परिस्थिति में शांति बनाए रखें।
प्रदेश के 1761 पार्षद 35 वर्ष से कम उम्र के
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि संवेदनशीलता और समस्या निवारण में मुख्यमंत्री ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि 372 निकायों के 6924 वार्डों में से चुनकर आये 1761 पार्षद 35 वर्ष से कम आयु के है। युवा जोश जब जनसेवा में जुटेगा तो प्रदेश के विकास की गति तेजी से बढ़ेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने देश में पहली बार मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय एवं पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। उन्होंने बताया कि 393 निकायों में 7321 वार्डों में से 3452 पार्षद अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के संकल्प के कारण ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण सुनिश्चित हुआ है।
पीएम मोदी आदर्श, सीएम शिवराज बसते हैं हृदय में
सिंह ने कहा कि नई सोच, अप्रोच, नये उपायों और तकनीकों से स्वयं को अपडेट करना जरूरी है। इस प्रशिक्षण सत्र के बाद आप नए विचारों एवं नई ऊर्जा से भरकर यहाँ से जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास आदर्श के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हृदय में बसने वाले मुख्यमंत्री चौहान हैं। सरकार के नवाचार का ही परिणाम है इंदौर का गोवर्धन प्लांट। मुख्यमंत्री ने जनसेवक के कर्तव्यों के साथ ही प्रकृति सेवा को भी जोड़ लिया है। उन्होंने 23 फरवरी 2021 से अब तक 1852 वृक्ष विभिन्न स्थानों पर लगाएं हैं। वे प्रतिदिन जहाँ भी रहते हैं एक पौधा जरूर लगाते है। उन्होंने कहा कि नव निर्वाचित जन-प्रतिनिधि राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में देवदूत बनकर किया काम
नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए स्थानीय निकायों के आत्म-निर्भर बनाने और पर्यावरण को सुधारने के मंत्र पर सभी जन-प्रतिनिधियों को अमल करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में देवदूत बनकर कार्य किया है। भदौरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश ने नगरीय विकास की विभिन्न योजनाओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
जनप्रतिनिधि और नगरीय विकास एवं आवास विभाग मिल कर करेगा काम
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने कहा कि शहर शिक्षा एवं विकास की धुरी बन चुके हैं। शहर के सुनियोजित विकास की चुनौती सामने है। उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित जन-प्रतिनिधि और विभाग मिल कर कार्य करेंगे और शहरी विकास का नया मॉडल बनाएंगे। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव ने आभार माना।
उपलब्धि हासिल करने वाले निकायों को मिला पुरस्कार और सम्मान
इस दौरान रिकॉर्ड वसूली करने वाली व स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छा काम करने वाली निकायों को पुरस्कृत भी किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने राजस्व संग्रहण एवं स्वच्छता में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले नगरीय निकायों को प्रोत्साहन अनुदान और सम्मान प्रदान किए। उन्होंने उल्लेखनीय राजस्व संग्रहण पर 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकाय नर्मदापुरम् को 30 लाख रुपए, मंदसौर को 20 लाख और विदिशा को 15 लाख रुपए का प्रोत्साहन अनुदान दिया। 1 लाख से कम जनसंख्या के नगरीय निकाय राघोगढ़ को 30 लाख शाजापुर को 20 लाख और मैहर को 15 लाख रुपए का प्रोत्साहन अनुदान दिया गया। इसी तरह 25 हजार से अधिक जनसंख्या के नगरीय निकाय महूगांव को 15 लाख 50 हजार, राऊ को 10 लाख और धामनोद, शामगढ़ और मनासा को 5-5 लाख रुपए दिए गए। 25 हजार से कम जनसंख्या के नगरीय निकाय उचेरा को 15 लाख 50 हजार रुपए, बड़कूही को 10 लाख और विरसिंहपुर, खजुराहो तथा बड़ामलहरा को 5-5 लाख रुपए का प्रोत्साहन अनुदान दिया गया।
इन्हें भी किया सम्मानित
मुख्यमंत्री राष्ट्रीय स्तर पर अवॉर्ड प्राप्त करने वाले नगरीय निकाय इंदौर, भोपाल, उज्जैन, छिन्दवाड़ा, मुंगावली, खुरई, खजुराहो, महू कैंट, औबेदुल्लागंज, फूपकलां, पेटलावद, बड़ौनी, भिण्ड, बीना, इटावा, मलाजखण्ड, लवकुश नगर, बुधनी और तेंदूखेड़ा को सम्मानित किया।
इस पर भी हुई चर्चा
- शहरीकरण की इन चुनौतियों पर हुई चर्चा
- प्रशिक्षण-कार्यशाला में मुख्यमंत्री अधो-संरचना।
- मुख्यमंत्री पेयजल योजना।
- AMRUT 2.0 प्रोजेक्ट।
- दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन।
- ई-नगरपालिका योजना।
- स्व-चलित भवन अनुज्ञा प्रणाली।
- जीआईएस।
- लेखा प्रणाली।
- अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण।
- कॉलोनाइजर के लिए स्टेट लेवल के लाइसेंस की व्यवस्था।
- स्वच्छ भारत अभियान।
- पर्यावरण प्रदूषण।
- तेजी से बढ़ते शहरीकरण की चुनौतियां।
- आजीविका मिशन के स्व–सहायता समूहों के उत्पाद का प्रदर्शन।
- स्वच्छता उपयोगी उपकरण (स्वीपिंग मशीन, स्ल्ज सक्शन मशीन, ब्रूमर मशीन) का प्रदर्शन।
- पोर्टेबल सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का प्रदर्शन।
- सोन चिरैया मेला और विभागीय प्रदर्शनी का आयोजन।
- स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों और उल्लेखनीय राजस्व वसूली करने वाले निकायों को पुरस्कृत किया।