सोने की शुद्धता की गारंटी ‘कटारिया ज्वैलर्स’ के नए शोरूम का श्रीगणेश 29 जनवरी को,  कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत करेंगे शुभारंभ

सोने की शुद्धता के लिए पहचाने जाने वाले रतलाम शहर में स्वर्ण आभूषणों के कारोबार के इतिहास में एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। यह अध्याय है कटारिया ज्वैलर्स के नए शोरूम का जिसका शुभारंभ 29 जनवरी को होगा।

सोने की शुद्धता की गारंटी ‘कटारिया ज्वैलर्स’ के नए शोरूम का श्रीगणेश 29 जनवरी को,  कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत करेंगे शुभारंभ
कटारिया स्वैलर्स।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम यानी स्वर्ण (सोना) नगरी और इस स्वर्ण की शुद्धता की गारंटी है यहां का ‘कटारिया ज्वैलर्स’ जो एक नया आयाम लेकर आया है। अपने ग्राहकों को उत्कृष्ट उत्पाद और दशकों से उसका भरोसा जीतने में कामयाब रहे कटारिया समूह के नए शोरूम का श्रीगणेश 29 जनवरी (रविवार) को होने जा रहा है। शुभारंभ कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत करेंगे।

रतलाम के भगवान महावीर मार्ग पर स्थित कटारिया ज्वैलर्स के नवनिर्मित शोरूम का का शुभारंभ सुबह 10 बजे होगा। कर्नाटक के राज्यपाल गेहलोत के अलावा सांसद गुमान सिंह डामोर, विधायक चेतन्य काश्यप, दिलीप मकवाना एवं डॉ. राजेंद्र पांडेय, महापौर प्रहलाद पटेल तथा पूर्व विधायक जितेंद्र गेहलोत, उद्योगपति व समाजसेवी चंदनमल चौरड़िया भी अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे।

113 साल से ग्राहकों के सुख-दुख का साथी कटारिया परिवार

सोने की शुद्धता का नाम आते ही रतलाम और यहां के कटारिया परिवार का नाम देश ही नहीं, विदेश में भी सम्मान के साथ लिया जाता है। वजह यह कि सोने को की कसौटी हालमार्क से मापदंड से भी ज्यादा शुद्धता की गारंटी यहां के सोने की मानी जाती है। हालमार्क जहां 91.6 प्रतिशत की गारंटी देता है वहीं कटारिया परिवार द्वारा अपने ग्राहकों को 92 प्रतिशत सोने की गारंटी देता है।

स्वर्ण आभूषणों पर 4 गुणा 4 की छाप कटारिया परिवार की ही देन बताई जाती है जिस पर खरीददार यकीन करते हैं। रतलामी सोने की शुद्धता का यह भरोसा एक सदी से ज्यादा समय (करीब 113 साल) से कायम है। यही वजह है कि रतलाम की पहचान स्वर्ण नगरी के रूप में है।

उत्कृष्ट उत्पाद और शुद्धता की गारंटी के लिए वचनबद्ध

कटारिया परिवार वरिष्ठ सदस्य एवं समाजसेवी अनोखीलाल कटारिया ने एसीएन टाइम्स को बताया कि परिवार की छठी पीढ़ी स्वर्ण आभूषणों के कारोबार के क्षेत्र में काम कर रही है। परिवार की पहली फर्म दौलतराम-धूलचंद कटारिया के नाम से 1910 शुरू हुई थी। 1962 में यह धूलचंद-पन्नालाल फर्म बन गई। 1999 में कटारिया ज्वैलर्स आस्तित्व में आई। इसकी शुरुआत आजाद चौक में छोटे से प्रतिष्ठान के रूप में हुई थी जो अब बड़ा आकार लेने जा रहा है।

कटारिया ज्वैलर्स के रवि कटारिया के अनुसार नया आयाम शुरू करते हुए हमें खुशी हो रही है। इसकी वजह कटारिया ज्वैलर्स को वर्षों से मिल रहा ग्राहकों का स्नेह है। ग्राहकों को आगे भी उत्कृष्ट उत्पाद, शुद्धता की गारंटी देने को लेकर हम वचनबद्ध हैं। बता दें कि, कटारिया ज्वैलर्स उन्हीं स्व. पन्नालाल कटारिया की चौथी पीढ़ी है जिन्हें लोग रतलाम के धीरूभाई अंबानी भी कहते हैं।