ये मोहन ‘राज’ है : मंदिर और मस्जिद से हटने लगे लाउडस्पीकर, ... ताकि न हो शोर, CM डॉ. मोहन यादव ने शपथ लेते ही दिया था आदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश के अनुसार रतलाम जिले में धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों से ज्यादा ध्वनि पैदा करने वाले लाउडस्पीकर हटाने का काम शुरू हो गया है। नामली में मंदिर और मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाए गए।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । यूपी के योगी ‘राज’ की ही तरह एमपी में मोहन ‘राज’ की शुरूआत हो गई है। यहां भी मंदिर और मस्जिद पर लगे गैरजरूरी लाउड स्पीकर हटाने का काम शुरू हो गया है। रतलाम जिले में इसकी शुरुआत नामली कस्बे से हो चुकी है। यहां जामा मस्जिद और बाबा रामदेव मंदिर से लाउडस्पीकर हटाए गए हैं।
मप्र के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शपथ लेते ही पहला आदेश धार्मिक और सार्वजनिक स्थल पर सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न न्यायिक संस्थाओं द्वारा दिए निर्देशों के तहत अनियंत्रित ध्वनि विस्तारक यंत्रों को हटवाने के आदेश दिए थे। इस पर अमल शुरू भी हो गया है। रतलाम जिले के नामली कस्बे में शुक्रवार को कार्रवाई शुरू हो गई। एसडीएम त्रिलोकचंद गौड़, तहसीलदार कुलभूषण शर्मा, नामली थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे एवं सीएमओ नासिर अली की मौजूदगी में मंदिर और मस्जिद से ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्रों को हटाया गया जिनसे अनुमत आवृत्ति डेसिबल से ज्यादा ध्वनि उत्पन्न होती है। कार्रवाई के दौरान नगर के बाबा रामदेव मंदिर के शिखर और जामा मस्जिद की मीनार पर लगे लाउडस्पीकर को हटा दिया गया।
एसडीएम गौड़ ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश के अनुपालन में कार्रवाई की गई है। जो ध्वनि विस्तारक यंत्र हटाए गए हैं उनसे ज्यादा आवाज होती है और काफी दूर तक जाती है। इनके स्थान पर निर्धारित डेसिबल वाले ध्वनि विस्तारकों का ही उपयोग अनुमत है। अन्य सार्जवनिक स्थलों पर भी निर्धारित क्षमता वाले ध्वनि विस्तारकों का ही उपयोग किया जा सकेगा।
गृह विभाग ने जारी किया है विस्तृत आदेश
बता दें कि, ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी और विभिन्न उच्च न्यायालय द्वारा भी समय-समय पर आदेश, निर्देश और गाइड लाइन जारी की जा चुकी है। इसके पालन के लिए सरकारों को आदेशित भी किया गया है। इससे पालन को लेकर साधु-संतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मांग उठाई जाती रही है। इसके मद्देनजर ही नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आदेश दिए थे। इसके चलते मप्र के गृह विभाग द्वारा विस्तृत आदेश जारी कर गाइड लाइन का पालन करवाने की ताकीद की थी।
देखें गृह विभाग का विस्तृत आदेश